भारत-ऑस्ट्रेलिया वनडे से पहले Adelaide की Pitch पर UV लाइट्स का इस्तेमाल किया गया, जिससे पिच की क्वॉलिटी और खेल अनुभव बेहतर हो सके। जानें पिच प्रेपरेशन की तकनीकी खासियतें।
Adelaide को UV Lights से फिनिश
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जाने वाले दूसरे वनडे से पहले, एडिलेड ओवल की पिच को तैयार करने के लिए UV लाइट्स का इस्तेमाल किया गया है। Adelaide ओवल ग्राउंडस्टाफ ने पिच की सतह को बेहतर रूप देने और इसे बराबर स्तर पर बनाने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाई है।
क्या है UV लाइट्स का उद्देश्य?
- UV लाइट्स से पिच की नमी और फंगस को कंट्रोल किया जाता है, जिससे बल्ले और गेंद का संतुलन बना रहे।
- यह तरीका बारिश या अत्यधिक नमी के बाद पिच को जल्दी सुखाने और खेलने योग्य बनाने में मदद करता है।
Pitch की तैयारी का नया युग
- UV लाइट्स के प्रयोग से पिच पर फंगल ग्रोथ की संभावना कम होती है और सतह की स्मूथनेस बढ़ती है।
- एडिलेड ओवल की पिच को खेलने के लिए बेहतर बनाने में यह तकनीक अहम मानी जा रही है, खासकर तब जब मौसम में उतार-चढ़ाव हो।
भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच पर असर
- अच्छी तरह से तैयार पिच से बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को फायदा मिल सकता है।
- UV लाइट्स से सतह कुशनिंग, बाउंस और ट्रैक की क्वॉलिटी बेहतर होती है, जिससे रोमांचक मुकाबले की उम्मीद बढ़ जाती है।
FAQs:
- Pitch की तैयारी में UV लाइट्स का मूल उद्देश्य क्या है?
- Adelaide ओवल में UV तकनीक के इस्तेमाल से क्या फायदे हैं?
- भारत-ऑस्ट्रेलिया वनडे मैच पर इसका कितना असर पड़ेगा?
- UV लाइट्स कितनी देर तक इस्तेमाल होती हैं?
- क्या यह तकनीक सभी क्रिकेट स्टेडियम में की जाती है?
- पिच प्रेपरेशन में पारंपरिक तरीके और नई तकनीक में क्या फर्क है?
- अगले मैच के लिए पिच की क्वॉलिटी कैसी होगी?
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