Agricultural Law Amendments: कृषि मंत्रालय ने तीन विवादित कृषि कानूनों में संशोधन के लिए क्षेत्रीय सलाहकार समितियाँ गठित की हैं, जिसका मकसद किसानों की चिंता दूर करना और कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाना है।
“कृषि क्षेत्र में स्थिरता के लिए नए कानूनों के संशोधन की प्रक्रिया”
Agricultural Law Amendments: भारतीय कृषि मंत्रालय ने किसानों की बढ़ती मांगों और विवादों को ध्यान में रखते हुए तीन विवादित कृषि कानूनों में संशोधन के लिए क्षेत्रीय सलाहकार समितियां गठित की हैं। इन समितियों का मुख्य उद्देश्य किसानों की चिंताओं को समझना और सहमति से नए संशोधित कृषि कानूनों का निर्माण करना है, जिससे देश के कृषि क्षेत्र में स्थिरता और संवेदनशीलता सुनिश्चित हो सके।
तीनों विवादित कानूनों — किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, कृषि उपज मूल्य आश्वासन और किसान संरक्षण अधिनियम, और आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन — को लेकर किसानों में व्यापक असंतोष था। किसानों के साथ संवाद स्थापित करने और उनके सुझावों को समाहित करने के लिए ये क्षेत्रीय समितियाँ बनाई गई हैं।
इन समितियों में कृषि विशेषज्ञ, किसान प्रतिनिधि, क्षेत्रीय अधिकारियों और कृषि विज्ञान केंद्रों के पदाधिकारी शामिल हैं, जो स्थानीय स्तर पर किसानों की समस्याओं का सटीक निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। यह पहल प्रधानमंत्री कार्यालय के “लैब टू लैंड” विजन के तहत किसानों तक वैज्ञानिक अनुसंधान और आर्थिक सहायता पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
समिति की कार्यप्रणाली में किसानों के कृषि उत्पादन, उनकी आय, और क्षेत्रीय जरूरतों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके साथ ही उत्पादकता बढ़ाने के लिए नई तकनीकियों, टिकाऊ कृषि पद्धतियों और प्राकृतिक खेती के विकल्पों पर भी सलाह दी जाएगी।
कृषि मंत्री के दौरे और किसानों के साथ संवादों के माध्यम से सरकार ने किसानों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि संशोधन प्रक्रिया पारदर्शी होगी और उनके हितों की रक्षा की जाएगी। इसके अतिरिक्त, नकली खाद या कीटनाशक बनाने और सप्लाई करने वाली कंपनियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हाल ही में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई क्षेत्रों में किसानों से सीधे संवाद किया और स्थानीय कृषि बाजारों का दौरा भी किया, जिससे संशोधित कानूनों को लागू करने में मदद मिलेगी।
FAQs
- क्षेत्रीय सलाहकार समितियाँ किस उद्देश्य से गठित की गई हैं?
उत्तर: किसानों की चिंताओं को समझना और विवादित कृषि कानूनों में संतुलित संशोधन करना। - इन समितियों में कौन-कौन सदस्य शामिल हैं?
उत्तर: कृषि विशेषज्ञ, किसान प्रतिनिधि, क्षेत्रीय अधिकारी और कृषि विज्ञान केंद्र के पदाधिकारी। - संशोधन प्रक्रिया में किसानों की भूमिका क्या होगी?
उत्तर: किसानों से संवाद कर उनकी समस्याओं और सुझावों को कानून में समाहित करना। - सरकार द्वारा किसानों को क्या भरोसा दिया गया है?
उत्तर: संशोधन प्रक्रिया पारदर्शी होगी और उनके हितों की रक्षा की जाएगी। - संशोधन से कृषि क्षेत्र में क्या बदलाव अपेक्षित हैं?
उत्तर: किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार और कृषि क्षेत्र में स्थिरता बनेगी। - नकली खाद या कीटनाशक से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
उत्तर: इनके निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
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