अभिषेक और Aishwarya Rai Bachchan ने AI Deepfakes के दुरुपयोग के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर YouTube को जिम्मेदार ठहराया।
Aishwarya Rai Bachchan ने AI Deepfakes के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया
बॉलीवुड के मशहूर कपल अभिषेक बच्चन और Aishwarya Rai Bachchan ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है, जिसमें उन्होंने अपनी आवाज, छवि और पहचान को एआई द्वारा जनित फर्जी कंटेंट से बचाने की मांग की है। इस याचिका में खासकर YouTube को निशाना बनाया गया है, जहां इस तरह की गुमराह करने वाली वीडियो सामग्री साझा होती है।
मामले का विवरण
बच्चन दंपति ने Google की YouTube प्लेटफ़ॉर्म पर AI-जनित वीडियो को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन वीडियो में उनका छवि और आवाज़ का गलत तरीके से इस्तेमाल कर अभद्र और भ्रामक सामग्री बनाई जाती है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा और आर्थिक हितों को नुकसान होता है। याचिका में 518 लिंक और पोस्ट का हवाला दिया गया है, जिन्हें कोर्ट ने हटा दिया है।
कानूनी पहलू और बाज़ार में प्रभाव
भारत में अभी तक सेलिब्रिटी के पर्सनालिटी राइट्स की स्पष्ट कानूनी सुरक्षा नहीं है। इस केस से यह दिशा मिल सकती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ऐसी सामग्री का नियंत्रण कैसे किया जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि यह केस प्लेटफॉर्म्स की पॉलिसी में बदलाव ला सकता है।
YouTube और AI कंटेंट
YouTube की पॉलिसी में वीडियो को अन्य AI मॉडल्स द्वारा ट्रेनिंग के लिए उपलब्ध कराने की अनुमति है, जिससे इस तरह की सामग्री फैलने का खतरा बढ़ा है। बच्चन दंपति का कहना है कि इससे ग़लतफहमियां और सामाजिक नुकसान हो सकता है।
यह मामला डिजिटल युग में सेलिब्रिटी अधिकारों और निजी पहचान की सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। कोर्ट की सुनवाई और Google के जवाब पर सभी की निगाहें हैं।
FAQs
- बच्चन दंपति ने कोर्ट में किस उद्देश्य से याचिका दायर की है?
- AI डीपफेक्स क्या होते हैं और उन्होंने बच्चनों को कैसे प्रभावित किया?
- कोर्ट ने अभी तक इस मामले में क्या आदेश दिए हैं?
- भारत में सेलिब्रिटी पर्सनालिटी राइट्स की कानूनी स्थिति क्या है?
- YouTube की इस मामले में क्या भूमिका है?
- इस केस का डिजिटल मीडिया और कानूनी नीतियों पर क्या प्रभाव होगा?
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