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Akshaya Navami व्रत:किशोरी की कहानी और तुलसी पूजा का महत्व

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Akshaya Navami व्रत की पावन कथा में किशोरी की भक्ति और तुलसी पूजा का चमत्कार, जानें व्रत का महत्व और धार्मिक विधि।

तुलसी के चमत्कार और Akshaya Navami व्रत की कथा

Akshaya Navami व्रत कथा: किशोरी की कहानी और तुलसी पूजा का चमत्कार

अक्षय नवमी, जिसे आमतौर पर आमला नवमी या सत्य युगादि भी कहा जाता है, कार्तिक मास का अत्यंत शुभ दिन है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन किया गया उपवास और दान शाश्वत फल प्रदान करता है। अक्षय नवमी व्रत की एक मनमोहक कथा है जिसमें एक क्षत्रिय कन्या किशोरी की भक्ति और तुलसी पूजा के चमत्कार की बात कही गई है।

कहानी का आरंभ

एक समय की बात है, विष्णुकांची नामक पवित्र नगर में धनवान क्षत्रिय कनक रहते थे, जिनकी संतान नहीं थी। उनकी भक्तिभावना से उन्हें पुत्री हुई जिसका नाम किशोरी रखा गया। किंतु ज्योतिष ने बताया कि किशोरी का वर जल्द ही आकाशीय बिजली से मर जाएगा, जिससे उनके घर में शोक व्याप्त हो जाएगा।

किशोरी का समर्पण और ब्राह्मण का उपदेश

किशोरी ने श्रद्धा से ब्राह्मणों की सेवा की। ब्राह्मण शंकर ने किशोरी के घर आने पर उसे विष्णु भगवान के बारह वर्णों के मंत्र का जाप करने, प्रतिदिन तुलसी की जल सेवा करने और कार्तिक शुक्ल नवमी को तुलसी विवाह करने की सलाह दी। इसके बाद किशोरी ने पूरी निष्ठा से व्रत किए।

तुलसी विवाह के दिन का चमत्कार

तुलसी विवाह के अवसर पर, एक युवक ने छलपूर्वक किशोरी के निकट आने की कोशिश की, लेकिन भयंकर तड़ित बिजली ने उस युवक को मार डाला, जिससे किशोरी का भाग्य बदल गया। बाद में किशोरी का विवाह मुकुंद नामक राजकुमार से हुआ, जिसकी कृपा से परिवार में समृद्धि आई।

तुलसी व्रत की महत्ता

कथा से ज्ञात होता है कि तुलसी पूजा और अक्षय नवमी व्रत से व्यक्ति को अमर्यादित सौभाग्य, स्थिरता, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। शुभकार्य निभाने, परिवार की खुशहाली, और मोक्ष के मार्ग पर यह व्रत महत्वपूर्ण है।


FAQs

  1. Akshaya Navami व्रत का क्या महत्व है?
    • यह व्रत स्थायी सौभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है।
  2. कौन सी पूजा अक्षय नवमी को अति शुभ मानी जाती है?
    • तुलसी पूजा और तुलसी विवाह।
  3. किशोरी की कथा से क्या शिक्षा मिलती है?
    • भक्ति और श्रद्धा से कठिनाइयाँ दूर होती हैं और भाग्य सुधरता है।
  4. तुलसी विवाह कब करना चाहिए?
    • कार्तिक शुक्ल नवमी को।
  5. अक्षय नवमी व्रत कौन लोग कर सकते हैं?
    • सभी श्रद्धालु इस व्रत को कर सकते हैं।
  6. इस व्रत का अमल क्या फल देता है?
    • जीवन में स्थिरता, समृद्धि, और पुण्य की प्राप्ति।

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