वैज्ञानिकों ने Arctic Fossil में 73 मिलियन वर्ष पुराना Salmon का जीवाश्म खोजा—मछली विकास और विविधता का नया इतिहास उजागर हुआ है, जानें पूरी रिसर्च और परिणाम।
Salmon के विकास में नयी खोज
वैज्ञानिकों ने हाल ही में आर्कटिक, अलास्का में 73 मिलियन वर्ष पुराना सालमन (salmonid) का जीवाश्म खोज निकाला है, जिससे मछली विकास के इतिहास की एक नई कहानी सामने आई है। यह खोज अब तक ज्ञात सबसे पुराने सालमन के जीवाश्म के रूप में दर्ज हुई है, जो मछलियों के उत्पत्ति एवं विविधता की समझ को नया आयाम देती है।
खोज कहाँ और कैसे हुई?
- यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का, फेयरबैंक्स के वैज्ञानिकों ने यह खोज प्रिंस क्रीक फॉर्मेशन, कॉलविल नदी क्षेत्र में की।
- शोध दल का नेतृत्व Dr. Patrick Druckenmiller ने किया, जिनके निर्देशन में जीवाश्मों की खोज और अध्ययन किया गया।
- यह क्षेत्र Cretaceous—डायनासोर काल—के कई जीवाश्मों के लिए प्रसिद्ध है और यहां सालमन के अलावा कई अन्य मछली प्रजातियों के जीवाश्म भी मिल चुके हैं।
क्या है Salmon का महत्व?
नए खोजे गए सालमन जीवाश्म ‘Sivulliusalmo alaskensis’ नामक प्रजाति का था।
- इस प्रजाति का जीवाश्म आधुनिक सालमन और पुराने सलमोनिड्स की तुलना में लगभग 20 मिलियन वर्ष पुराना है।
- जीवाश्म की तकनीकी जांच में CT scans और हड्डियों के आकार-मापनों से साबित हुआ कि यह सबसे पुराना salmonid है।
- अध्ययन में दो नई पाइक (पाइक मछली) प्रजातियां व कार्प-मिन्नो लाइनएज की सर्वप्रथम प्रजाति भी मिली।
मछली विकास की नयी कहानी
इस खोज से यह सिद्ध हुआ कि सालमन परिवार और मछली विविधता का विकास उत्तर ध्रुवी क्षेत्र (Arctic) में Cretaceous काल के दौरान हुआ था।
- अब तक विज्ञान में माना जाता था कि सालमनिड्स लगभग 53 मिलियन वर्ष पहले अस्तित्व में आये थे, जबकि यह खोज 73 मिलियन वर्ष पुरानी है।
- इससे मछली जैव विविधता और इवोल्यूशन की प्रक्रिया पर नया प्रकाश पड़ता है—आर्कटिक में जीवन कैसे विकसित हुआ, अब इसका ज्यादा स्पष्ट प्रमाण मिल गया है।
रिसर्च की तकनीक और जांच
- जीवाश्मों का अध्ययन करते हुए वैज्ञानिकों ने आधुनिक और extinct मछलियों के comparison किए—CT scan के जरिये bone structure और morphological traits का विश्लेषण।
- सर्वप्रथम मछली, सालमन, पाइक, कार्प-मिन्नो की earliest प्रजातियां—fish diversity को बढ़ाती हैं।
- Paleoecology विशेषज्ञ मानते हैं कि northern fossil sites विकास के इतिहास को समझने में crucial हैं।
बॉयोलॉजिकल विविधता और भविष्य
- औषधीय महत्व से लेकर पर्यावरणीय अनुकूलता—इन खोजों से आर्कटिक व प्राचीन समुद्री जीवन का विवेचन संभव हुआ है।
- आर्कटिक के जीवाश्म विज्ञान द्वारा वैज्ञानिक तौर पर संकेत मिला कि वहां की मिट्टी, जलवायु और इकोसिस्टम ने मछलियों के विकास में अहम भूमिका निभाई।
FAQs
- यह जीवाश्म कितना पुराना है?
- 73 मिलियन वर्ष, Late Cretaceous काल का है।
- किसने खोजा?
- University of Alaska, Fairbanks के वैज्ञानिकों ने Dr. Patrick Druckenmiller के नेतृत्व में।
- नया क्या पता चला?
- मछली विकास का इतिहास अब 20 मिलियन वर्ष और पुराना सिद्ध हुआ; साथ ही दो नई पाइक प्रजाति और कार्प-मिन्नो की earliest lineage मिली।
- इस खोज का महत्व क्या है?
- यह फिश जैव विविधता, इवोल्यूशन, और प्राचीन समुद्री जीवन को समझने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
- कैसे जांच हुई?
- CT scans, bone measurements और आधुनिक/extinct मछली comparison से।
- भविष्य के अध्ययन पर क्या असर?
- आर्कटिक क्षेत्र में fossil sites के महत्व, नई प्रजातियों और जीव विकास की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलेगी।
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