PM Modi ने मुख्य न्यायाधीश ऋचा गवई पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने देश को न्यायपालिका की सुरक्षा और सम्मान बनाए रखने का संदेश दिया।
न्यायपालिका की अस्मिता पर हमला, PM Modi का देश को संदेश
हाल ही में भारत की मुख्य न्यायाधीश ऋचा गवई पर एक शारीरिक हमला हुआ, जिसने पूरे देश में न्यायपालिका के प्रति चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया। इस घटना को गंभीर स्वरूप में लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से इसकी कड़ी निंदा की।
PM Modi का बयान
PM Modi ने कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र और सुरक्षित होनी चाहिए। “न्यायपालिका पर हमला, लोकतंत्र की आत्मा पर हमला है। हम इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने के लिए संतुलित, गंभीर और त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
सरकार की सुरक्षा व्यवस्था
मोदी सरकार ने न्यायपालिका के अधिकारियों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने का भी आश्वासन दिया। संबंधित एजेंसियों को तुरंत मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
न्यायपालिका और लोकतंत्र की अहमियत
न्यायपालिका के प्रति हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि पूरे लोकतंत्र पर हमला होता है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से न्यायपालिका के सम्मान और स्वतंत्रता के लिए जागरूक रहने का आग्रह किया।
(FAQs)
1. मुख्य न्यायाधीश ऋचा गवई पर हमला कब हुआ?
यह हमला अक्टूबर 2025 की शुरुआत में हुआ।
2. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उन्होंने हमले की कड़ी निंदा की और न्यायपालिका की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की बात कही।
3. सरकार की तरफ से क्या सुरक्षा उपाय किए गए हैं?
सरकार ने जांच तेज करने और सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
4. इस हमले का देश में क्या प्रभाव पड़ा?
पूरे देश में न्यायपालिका के सम्मान और सुरक्षा को लेकर व्यापक चर्चा और चिंता हुई।
5. आने वाले समय में न्यायपालिका की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी?
सरकार और संबंधित संस्थान न्यायपालिका के लिए विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल को लागू करने पर काम कर रहे हैं।
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