बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपने ट्रिब्यूनल द्वारा शेख हसीना को सुनाई गई फांसी की सजा के बाद भारत से उन्हें सौंपने की मांग की है।
बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की, आरोप हैं मानवाधिकारों के लिए अपराध
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से तत्काल शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असादुज्जमान खान को सौंपने की मांग की है, जो बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT-BD) द्वारा समूह हत्या के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद हुई है।
ICT-1 ने शेख हसीना और असादुज्जमान खान को 2024 के जुलाई-अगस्त के जनसांख्यिकीय हिंसा के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध के मामलों में दंडस्सनि सुनाई है, जिसमें फांसी की सजा तय की गई है। शेख हसीना को अनुपस्थित में ट्राई किया गया था, और उनके वकील भी अपील नहीं कर सकते।
पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामुन, जिन्होंने ट्रिब्यूनल में गवाह बनकर सच कहा, को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है।
शेख हसीना ने कहा कि ट्रिब्यूनल “ढोंग” और गैर-लोकतांत्रिक सरकार द्वारा स्थापित है। उन्होंने उचित सुनवाई की मांग की और कहा कि वे अपने आरोपियों के सामने न्याय करने से नहीं डरतीं।
यह ट्रिब्यूनल बांग्लादेश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुए युद्ध अपराधों को लेकर बनाया गया था। इस फैसले से राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में हलचल मची हुई है, खासकर भारत-बांग्लादेश संबंधों में।
यह मामला बांग्लादेश की न्याय प्रणाली में राजनीतिक असर और अंतरराष्ट्रीय कंधे से कंधा मिलाकर चलने की चुनौती को दिखाता है। भारत पर प्रत्यर्पण का दबाव बढ़ेगा लेकिन कूटनीतिक और कानूनी पहलू निर्णय को कठिन बनाएंगे।
FAQs
- शेख हसीना को किसलिए फांसी की सजा सुनाई गई?
2024 के जनसांख्यिकीय हिंसा में मानवता के खिलाफ अपराध। - बांग्लादेश ने भारत से क्या मांगा?
शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री को प्रत्यर्पित करने को कहा। - ट्रिब्यूनल किसने बनाया है?
बांग्लादेश सरकार द्वारा स्थापित इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल। - शेख हसीना ने क्या प्रतिक्रिया दी?
ट्रिब्यूनल को गैर-लोकतांत्रिक बताया और उचित सुनवाई की मांग की। - मामला भारत-बांग्लादेश रिश्तों को कैसे प्रभावित करेगा?
प्रत्यर्पण को लेकर कूटनीतिक तनाव बढ़ सकता है।
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