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खालेदा जिया का निधन: पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि दी, भारत-बांग्लादेश संबंधों में योगदान याद किया

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Khaleda Zia No More: PM Modi Recalls 2015 Meeting, Praises India-Bangladesh Partnership Vision
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बांग्लादेश की पूर्व पीएम और पहली महिला नेता खालेदा जिया का 30 दिसंबर 2025 को निधन। पीएम मोदी ने शोक संदेश में उनके भारत-बांग्लादेश संबंध मजबूत करने के योगदान की सराहना की। BNP चीफ की मौत पर 3 दिन राजकीय शोक।

खालेदा जिया की मौत पर पीएम मोदी शोकाकुल: 2015 की मुलाकात याद की, संबंध मजबूत करने का श्रेय

खालेदा जिया का निधन: बांग्लादेश की पहली महिला पीएम के योगदान को पीएम मोदी ने याद किया

30 दिसंबर 2025 को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की चेयरपर्सन और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बेगम खालेदा जिया का ढाका के एवरकेयर हॉस्पिटल में निधन हो गया। वह 79-80 वर्ष की थीं और लंबी बीमारी से जूझ रही थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका शोक प्रकट करते हुए कहा कि उनके भारत-बांग्लादेश संबंधों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान हमेशा याद रहेंगे।

मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और BNP चेयरपर्सन बेगम खालेदा जिया के निधन की खबर से गहरा दु:ख हुआ। बांग्लादेश के विकास और भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।” उन्होंने 2015 में ढाका में खालेदा से अपनी गर्मजोशी भरी मुलाकात का जिक्र किया और कहा कि उनकी दृष्टि द्विपक्षीय साझेदारी को मार्गदर्शन देती रहेगी।

BNP ने घोषणा की कि खालेदा का निधन सुबह 6 बजे हुआ। 23 नवंबर से फेफड़ों के इंफेक्शन के लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती थीं। डॉक्टरों के मुताबिक, लिवर सिरोसिस, गठिया, डायबिटीज, हृदय और फेफड़े की जटिलताएं थीं। बांग्लादेश ने 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया। अंतिम संस्कार संसद भवन के सामने जुमे की नमाज के बाद हुआ, पति पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान के किनारे दफनाया गया।​​

खालेदा जिया का जीवन: राजनीति में प्रवेश से जेल तक

खालेदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को हुआ। 1981 में पति जियाउर रहमान की हत्या के बाद BNP की कमान संभाली। राजनीतिक अनुभव कम होने के बावजूद 1984 में चेयरपर्सन बनीं। जनरल एचएम एरशाद के खिलाफ आंदोलन में अग्रणी रहीं। 1991 में BNP को जीत दिलाकर बांग्लादेश की पहली निर्वाचित महिला पीएम बनीं (1991-96)। दूसरा कार्यकाल 2001-06। संसदीय प्रणाली और केयरटेकर सरकार सिस्टम लागू किया।

उनकी साख “अडिग नेता” की थी। हर चुनाव जीतीं जहां लड़ीं। लेकिन शेख हसीना के साथ दशकों की दुश्मनी रही। BNP ने अवामी लीग को “भारत समर्थक” कहा, जबकि खुद पर “एंटी-इंडिया” आरोप। पूर्वोत्तर भारत के उग्रवादियों को शरण देने का इल्जाम। 2018 में अनाथालय फंड घोटाले में 17 साल की सजा। 2020 में हाउस अरेस्ट। नवंबर में चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

भारत-बांग्लादेश संबंध: खालेदा काल में उतार-चढ़ाव

खालेदा के कार्यकाल में संबंध तनावपूर्ण रहे। भारत ने BNP पर भारत-विरोधी ताकतों को समर्थन का आरोप लगाया। पूर्वोत्तर उग्रवादियों को बांग्लादेश में बेस की अनदेखी। लेकिन मोदी ने सकारात्मक योगदान याद किया। 2015 मुलाकात में व्यापार, कनेक्टिविटी पर बात। CEPA, BBIN पहल। फिर भी, उनके काल में सीमा विवाद, घुसपैठ मुद्दे बने रहे।

BNP vs अवामी लीग: तुलना तालिका

पहलूखालेदा जिया (BNP)शेख हसीना (अवामी लीग)
कार्यकाल1991-96, 2001-062009-2024
भारत संबंधतनावपूर्ण, एंटी-इंडिया टिल्टमजबूत, आर्थिक सहयोग
आर्थिक विकासऔसत GDP ग्रोथ 5%6-8% औसत
मुख्य विवादउग्रवादी शरण, इस्लामिस्ट गठबंधनसत्ता केंद्रीकरण, भ्रष्टाचार
राजनीतिक शैलीअडिग, विरोधी एकजुटप्रभुत्वपूर्ण

बांग्लादेश में प्रभाव: चुनावी राजनीति पर असर

खालेदा की मौत फरवरी 2026 चुनाव से ठीक पहले। बेटा तारिक रहमान (लंदन निर्वासित) BNP का चेहरा। यूनुस सरकार ने VVIP सुरक्षा दी। लाखों ने अंतिम दर्शन किया। BNP ने उन्हें “राष्ट्रीय नेता” कहा। शेख हसीना ने भी शोक जताया। लेकिन BNP का दावा: हसीना काल में “राजनीतिक प्रतिशोध” का शिकार।

भारत की प्रतिक्रिया: कूटनीतिक संतुलन

मोदी के अलावा जयशंकर ने अंतिम संस्कार में शोक संदेश सौंपा। कांग्रेस, अन्य दलों ने श्रद्धांजलि दी। यूनुस ने कहा: “राजनीतिक बदले की शिकार।” भारत ने BNP को अतीत में आलोचना की, लेकिन खालेदा के निधन पर सकारात्मक। वर्तमान तनाव (सिलीगुड़ी, यूनुस बयान) के बीच यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को स्थिरता का संदेश।

महत्वपूर्ण घटनाक्रम

  • 23 नवंबर: अस्पताल भर्ती, फेफड़े इंफेक्शन।
  • 1 दिसंबर: VVIP सुरक्षा।
  • 30 दिसंबर: निधन, 3 दिन शोक।
  • अंतिम संस्कार: संसद के सामने।

BNP का भविष्य: तारिक रहमान नेतृत्व में चुनाव।

उत्तराधिकार और विरासत

खालेदा ने BNP को मजबूत बनाया। पति की हत्या के बाद पार्टी संभाली। एरशाद के खिलाफ आंदोलन से लोकप्रिय। लेकिन जेल और बीमारी से राजनीति से दूर। उनकी विरासत: लोकतंत्र के लिए संघर्ष, लेकिन विवादास्पद निर्णय। भारत उन्हें संबंध मजबूत करने वाली के रूप में याद करेगा।

5 FAQs

  1. खालेदा जिया की मौत कब और कैसे हुई?
    30 दिसंबर 2025 को ढाका के एवरकेयर हॉस्पिटल में लंबी बीमारी (लिवर सिरोसिस, फेफड़े समस्या) से निधन।
  2. पीएम मोदी ने क्या कहा?
    उनके बांग्लादेश विकास और भारत संबंधों के योगदान की सराहना की, 2015 मुलाकात याद की।
  3. खालेदा जिया कौन थीं?
    BNP संस्थापक जियाउर रहमान की पत्नी, पहली महिला पीएम (1991-96, 2001-06), एरशाद विरोधी आंदोलन की नेता।
  4. बांग्लादेश में क्या प्रतिक्रिया?
    3 दिन राजकीय शोक, लाखों ने अंतिम दर्शन किया, तारिक रहमान उत्तराधिकारी।
  5. भारत-BNP संबंध कैसे थे?
    तनावपूर्ण (उग्रवादी आरोप), लेकिन मोदी ने सकारात्मक योगदान याद किया।

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