अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बीबीसी पर 10 अरब डॉलर का मानहानि मुकदमा ठोक दिया। 2024 डॉक्यूमेंट्री में जेन्युरी 6 स्पीच एडिट कर हिंसा भड़काने का आरोप। बीबीसी ने माफी मांगी लेकिन पैसे देने से इनकार। पूरी डिटेल्स।
ट्रंप बनाम बीबीसी: 2024 डॉक्यूमेंट्री एडिट ने चुनाव डाला खतरे में, अब 10 बिलियन का केस!
ट्रंप का बीबीसी पर 10 अरब डॉलर का मानहानि मुकदमा: स्पीच एडिट ने क्यों मचाया बवाल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) के खिलाफ मियामी की फेडरल कोर्ट में धमाकेदार मुकदमा दायर कर दिया। केस का दावा है 10 अरब डॉलर का, जिसमें दो काउंट पर हरेक के लिए कम से कम 5 अरब डॉलर। वजह? बीबीसी की 2024 वाली डॉक्यूमेंट्री ‘ट्रंप: ए सेकंड चांस’ में 6 जनवरी 2021 की स्पीच को इस तरह एडिट किया गया कि लगे ट्रंप ने कैपिटल पर हिंसा भड़काई। ट्रंप ने व्हाइट हाउस से कहा, ‘उन्होंने मेरे मुंह में शब्द ठूंस दिए। मैंने ऐसा कभी नहीं कहा।’
ये डॉक्यूमेंट्री 2024 प्रेसिडेंशियल इलेक्शन से ठीक एक हफ्ते पहले पैनोरामा प्रोग्राम पर दिखाई गई। एडिट में ट्रंप का ‘कैपिटल की तरफ चलो’ और ‘फाइट लाइक हेल’ वाला हिस्सा जोड़ दिया, जबकि ये 55 मिनट के फासले पर थे। असल में ट्रंप ने कहा था ‘हमारे सीनेटर्स और कांग्रेस सदस्यों को चीयर करो’ और शांति की अपील की। बीबीसी के चेयरमैन समीर शाह ने 10 नवंबर को माना कि एडिट से ‘हिंसा की डायरेक्ट कॉल’ का गलत इम्प्रेशन बना। फिर दूसरी माफी जारी की, लेकिन ट्रंप की मुआवजे की मांग ठुकराई।
ट्रंप के वकीलों का आरोप है कि ये एडिटिंग ‘चुनाव में दखल’ का ब्रेनलेस अटेम्प्ट था। बीबीसी ने ट्रंप की स्पीच को हमेशा मैनिपुलेट किया, हिंसा के कॉल फेब्रिकेट किए। मुकदमे में फ्लोरिडा का डिसेप्टिव ट्रेड प्रैक्टिस लॉ भी तोड़ा गया। बीबीसी डायरेक्टर जनरल टिम डेवी और न्यूज हेड डेबोरा टर्नेस ने नवंबर में इस्तीफा दिया। ट्रंप ने एयर फोर्स वन पर $1 बिलियन से बढ़ाकर $5 बिलियन कर दिया।
ट्रंप का मीडिया के खिलाफ ये नया चैप्टर नहीं। सीबीएस ने $16 मिलियन देकर सेटल किया, जहां 60 मिनट्स ने कमला हैरिस के इंटरव्यू एडिट कर उसे ‘स्मार्ट’ दिखाया। एबीसी ने जॉर्ज स्टेफानोपोलोस के ‘रेप लायबल’ वाले गलत बयान पर इतना ही पेमेंट किया (जूरी ने सिर्फ सेक्शुअल अब्यूज माना)। न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉल स्ट्रीट जर्नल पर फ्लोरिडा में बिलियन डॉलर केस पेंडिंग- टाइम्स पर ब्रैंड हार्म, जर्नल पर एपस्टीन बर्थडे नोट। ये सेटलमेंट्स ने मीडिया को ‘चिलिंग इफेक्ट’ दिया।
बीबीसी केस में चैलेंजेस अलग। डॉक्यूमेंट्री यूएस में नहीं दिखी, जियो-ब्लॉक थी। ट्रंप को साबित करना ‘एक्टुअल मैलिस’ यानी जानबूझकर झूठ या रेकलेस डिसरिगार्ड। ये 1964 सुप्रीम कोर्ट का न्यू यॉर्क टाइम्स व सुलिवन केस से स्टैंडर्ड है, पब्लिक फिगर्स के लिए हाई बार। यूके में 1 साल की लिमिट खत्म। ब्रिटबॉक्स पर उपलब्धता का दावा। बीबीसी कहती है कोई डिफेमेशन बेसिस नहीं।
ट्रंप की ये लाइनअप मीडिया को नोटिस पर ला रही। सीबीएस ने लेट शो कैंसल किया, स्टीफन कोल्बर्ट आउट। पैरामाउंट, डिस्कवरी जैसे कोर्पोरेट प्रेशर। कानूनी एक्सपर्ट्स कहते हैं बीबीसी केस टफ, लेकिन ट्रंप का ट्रैक रिकॉर्ड जीत का। क्या ये फ्री स्पीच को खतरा? या मीडिया अकाउंटेबिलिटी?
5 अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
- ट्रंप ने बीबीसी पर कितना दावा किया?
10 अरब डॉलर, दो काउंट पर 5-5 अरब। डिफेमेशन और ट्रेड प्रैक्टिस वायलेशन। - स्पीच एडिट में क्या गलत हुआ?
‘कैपिटल चलो’ और ‘फाइट लाइक हेल’ जोड़े, शांति अपील कटी। 55 मिनट का गैप। - बीबीसी ने क्या किया माफी के बाद?
डॉक्यूमेंट्री रिट्रैक्ट, दो अपॉलजी। लेकिन कंपनसेशन इनकार। - ट्रंप के अन्य मीडिया केस कैसे खत्म हुए?
CBS, ABC से $16 मिलियन सेटलमेंट। NYT, WSJ पेंडिंग। - केस जीतने के चांस क्या?
एक्टुअल मैलिस प्रूव मुश्किल। फ्री स्पीच हाई बार।
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