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बिटकॉइन रुका हुआ, और अल्टकॉइन खो रहे हैं रफ्तार

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तूफान के बाद की शांति

2023 के आखिर और 2024 की पहली छमाही में जबरदस्त उतार-चढ़ाव के बाद, क्रिप्टो मार्केट अब अचानक शांत पड़ गया है। क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया का बादशाह बिटकॉइन (BTC) इस वक्त $87,000 से $93,000 के दायरे में फंसा हुआ है। बहुत से निवेशक सोच रहे थे कि अब कोई तगड़ा बुलिश ब्रेकआउट आएगा, लेकिन बिटकॉइन तो जैसे एक ही जगह अटका हुआ है।

दूसरी तरफ, जिन अल्टकॉइन्स (जैसे Ethereum, Solana, Cardano, Avalanche) ने पहले काफी अच्छा प्रदर्शन किया था, अब वो भी रफ्तार पकड़ने में नाकाम हो रहे हैं। ट्रेडिंग वॉल्यूम कम हो गई है, और दाम भी ज्यादा हिल नहीं रहे।

तो आखिर ऐसा क्या हो रहा है? क्या ये एक ब्रेक से पहले का ठहराव है या कुछ और?


1. बिटकॉइन का एक जैसा दायरा: मजबूती की निशानी या थकावट?

पिछले दो महीनों का बिटकॉइन का प्राइस चार्ट कंसॉलिडेशन की कहानी कहता है। मई 2024 में जब यह लगभग $93,800 तक पहुंचा, उसके बाद से कोई बड़ा ब्रेकआउट नहीं हुआ। न ही यह $87,000 के नीचे गया है।

बिटकॉइन क्यों एक जगह अटका हुआ है?

  • प्रॉफिट बुकिंग और ब्रेक की जरूरत: अप्रैल 2024 में हॉल्विंग के बाद जो रैली आई थी, उसमें जिन लोगों ने पहले इन्वेस्ट किया था, वो अब मुनाफा काटकर निकल रहे हैं।
  • कोई नया पॉजिटिव ट्रिगर नहीं: ETF अप्रूवल और हॉल्विंग जैसे बड़े कारण पहले थे, लेकिन अब कोई नई बड़ी खबर या विकास सामने नहीं आ रहा।
  • वैश्विक अनिश्चितता: अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर उलझन, दुनियाभर में राजनीतिक तनाव और टेक कंपनियों की कमजोर परफॉर्मेंस ने रिस्की एसेट्स को प्रभावित किया है।
  • बाजार का परिपक्व होना: कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब बिटकॉइन एक मेच्योर फेज में जा रहा है, जहां बड़े उतार-चढ़ाव कम होकर स्टेबल रेंज में ट्रेडिंग हो रही है—बिलकुल शेयर बाजार की तरह।

डेटा क्या बता रहा है?

  • ट्रेडिंग वॉल्यूम गिरा: Binance, Coinbase, Kraken जैसे एक्सचेंजों पर वॉल्यूम अप्रैल के मुकाबले 20–30% कम हुआ है।
  • वोलैटिलिटी भी कम: बिटकॉइन का 30 दिन का वोलैटिलिटी इंडेक्स पिछले 12 महीनों में सबसे नीचे के लेवल पर है।
  • इंफ्लो और आउटफ्लो दोनों धीमे: ऑन-चेन डेटा दिखाता है कि बिटकॉइन को एक्सचेंज पर भेजने (बेचने के इरादे से) की रफ्तार धीमी पड़ी है, लेकिन खरीदने वाले भी ज्यादा एक्टिव नहीं हैं।

2. अल्टकॉइन्स: अब कौनसी कहानी चलेगी?

अगर बिटकॉइन रुका हुआ है, तो अल्टकॉइन्स जैसे Ethereum, Solana, Cardano और बाकी तो जैसे जड़ हो गए हैं। कई बड़े कॉइन 2024 की पीक से 15% से 40% तक नीचे चल रहे हैं। मिड-कैप कॉइन तो और बुरी हालत में हैं।

क्यों हारी अल्टकॉइन्स की चमक?

  • बिटकॉइन की डॉमिनेंस बढ़ी: BTC का मार्केट डॉमिनेंस बढ़कर 54% हो गया है, जो पहले 47% था। जब बिटकॉइन डॉमिनेट करता है, तो बाकी कॉइन्स को नुकसान होता है।
  • स्टेबलकॉइन में शिफ्ट: आम निवेशक अब USDT और USDC जैसे स्टेबलकॉइन्स में पैसा डालकर अगले मौके का इंतज़ार कर रहे हैं।
  • थीम थक गई: Layer 2 सॉल्यूशन, AI टोकन, NFT—इन सबका जोश अब फीका पड़ा है या फिर यूज़र्स नहीं आ रहे।
  • रेगुलेटरी डर: SEC ने कई अल्टकॉइन और प्राइवसी टोकन पर कार्रवाई की है, जिससे इन्वेस्टर डर गए हैं।

कुछ खास अल्टकॉइन की स्थिति

  • Ethereum (ETH): $4,800 के ऊपर टिकने में दिक्कत, नेटवर्क एक्टिविटी तो ठीक है लेकिन कोई बड़ा स्केलेबिलिटी अपग्रेड नहीं आया।
  • Solana (SOL): कभी Ethereum का कातिल कहा जाता था, अब आउटेज और डेवेलपर बर्नआउट से जूझ रहा है। NFT अभी भी ठीक हैं, लेकिन प्राइस $220 से ऊपर नहीं जा पाया।
  • Cardano (ADA): स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और गवर्नेंस में अपग्रेड्स के बावजूद, प्राइस $1 से नीचे ही है।
  • Toncoin (TON): Telegram इंटीग्रेशन की वजह से लोगों की नजर में है, लेकिन दीर्घकालिक स्थिरता पर सवाल हैं।

3. संस्थागत निवेशक: दूर हो रहे हैं या रुक गए हैं?

2024 की पहली छमाही में BlackRock, Fidelity, और VanEck जैसे बड़े प्लेयर्स ने बिटकॉइन और ETH में अरबों डॉलर लगाए। Spot ETF ने भारी इनफ्लो कराया।

लेकिन अब ये बहाव थोड़ा थमा है।

क्यों कम हो रहा है इंस्टीट्यूशनल मूवमेंट?

  • प्रॉफिट बुकिंग: जिन संस्थाओं ने जल्दी पैसा लगाया था, अब वो पोर्टफोलियो रिबैलेंस कर रही हैं।
  • समर स्लोडाउन: गर्मियों में आमतौर पर पारंपरिक फाइनेंशियल मार्केट सुस्त हो जाते हैं, जिसका असर क्रिप्टो पर भी पड़ रहा है।
  • SEC की सख्ती: अल्टकॉइन्स की लीगल स्थिति को लेकर अनिश्चितता के चलते BTC और ETH से आगे बढ़ने से डर लग रहा है।

लेकिन पॉजिटिव नजरिया भी है

लोगों को लगता है कि ये कोई परमानेंट ब्रेक नहीं है, बस एक रणनीतिक विराम (strategic pause) है। एशिया में ETF की चर्चा और अमेरिका में Ethereum Futures ETF की अटकलें अब भी बड़े निवेशकों को जोड़े हुए हैं।


4. खुदरा निवेशक: बस देख रहे हैं

Google Trends बता रहा है कि “Bitcoin,” “crypto investing,” और “best altcoins” जैसे सर्च टर्म्स में गिरावट आई है। सोशल मीडिया (X, Reddit, YouTube) पर भी चर्चा में ठंडक है।

क्यों घट रही है आम निवेशकों की दिलचस्पी?

  • पहले नुकसान का डर: 2022 की गिरावट में बहुत से निवेशक फंस गए थे, इसलिए अब जल्दी घुसने से बच रहे हैं।
  • एक्साइटमेंट की कमी: ना तो कोई नया meme coin धमाका है, ना NFT बूम, ना कोई तगड़ा टेक इनोवेशन—इसलिए शॉर्ट टर्म में पैसा बनाने का लालच नहीं दिख रहा।
  • हाई ट्रांजैक्शन फीस: Ethereum की लेयर 2 होने के बावजूद, गैस फीस अभी भी बहुत लोगों को रोक रही है।

इससे मार्केट में एक तरह की ठहराव की स्थिति बन गई है।


5. मीम कॉइन्स और सट्टा: आखिरी चमक

जहां बड़े अल्टकॉइन थमे हुए हैं, वहीं कुछ मीम कॉइन्स जैसे PepeCoin (PEPE), Floki Inu (FLOKI), और Dogecoin (DOGE) ने थोड़ी देर के लिए छलांग लगाई—वो भी सोशल मीडिया की मदद से।

लेकिन इनका जलवा भी जल्दी खत्म हो गया। इससे ये साफ है कि खुदरा सट्टेबाजी की आग बुझती जा रही है।

कुछ एक्सपर्ट्स इसे पॉजिटिव मानते हैं—कि मार्केट मेच्योर हो रहा है। लेकिन कुछ कहते हैं कि अगर स्पेक्युलेशन नहीं रहा, तो मार्केट नीरस और ठंडा हो जाता है।


6. टेक्निकल एनालिसिस: ये लेवल्स हैं जरूरी

Bitcoin (BTC)

  • रेज़िस्टेंस: $93,800 और $95,500
  • सपोर्ट: $87,000 और $82,500
  • ब्रेकआउट सिग्नल: अगर BTC $95,500 के ऊपर डेली क्लोज दे देता है, तो एक नई रैली शुरू हो सकती है।

Ethereum (ETH)

  • रेज़िस्टेंस: $5,100
  • सपोर्ट: $4,300
  • ट्रेंड: ETH को BTC से बेहतर परफॉर्म करना होगा, तभी अल्टकॉइन्स में फिर जान आ सकती है।

Solana (SOL)

  • क्रिटिकल लेवल: अगर $185 के ऊपर आता है तो बुलिश स्ट्रक्चर बना रह सकता है।

7. क्या कुछ बदल सकता है तस्वीर?

हालांकि अभी सब सुस्त लग रहा है, लेकिन कुछ चीजें हैं जो बाज़ार को हिला सकती हैं:

  • US में ब्याज दर में कटौती: अगर 2025 में महंगाई कंट्रोल में आती है, तो फेड दरें घटा सकता है, जिससे क्रिप्टो समेत सभी रिस्की एसेट्स चढ़ सकते हैं।
  • एशिया में ETF अप्रूवल: अगर हांगकांग और सिंगापुर में बिटकॉइन ETF को मंजूरी मिलती है, तो एशियाई निवेशकों का पैसा भी बाजार में आ सकता है।
  • Ethereum “Verge” अपग्रेड: अगर ये अपग्रेड सफल रहा, जिससे नेटवर्क तेज और हल्का हो जाएगा, तो ETH और L2 टोकन में फिर जोश आ सकता है।
  • Decentralized AI बूम: अगर ब्लॉकचेन + AI का कॉम्बो हकीकत में उतरा, तो FET, AGIX, OCEAN जैसे टोकन में फिर जान आ सकती है।
  • कोई बड़ा हैक या स्पष्ट रेगुलेशन: चाहे पॉजिटिव हो या नेगेटिव, कोई बड़ा झटका भी मार्केट को नींद से जगा सकता है।

8. आगे का रास्ता: उम्मीद या लंबी नींद?

इतिहास बताता है कि 2016, 2019 और 2020 में भी बिटकॉइन महीनों तक एक ही दायरे में रहा था—फिर अचानक बड़ी तेजी आई।

इसलिए एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अभी का ठहराव कोई बुरा संकेत नहीं है। ये वक्त है बिल्डिंग, अक्युमुलेशन, और प्लानिंग का—जिसके बाद अगली बड़ी साइकल आ सकती है।

आखिरी बात:

भाव में मूवमेंट ना होना ये नहीं दर्शाता कि प्रोग्रेस नहीं हो रही। अंदरखाने तो डेवलपमेंट जारी है। बड़े प्लेयर्स अब भी एक्टिव हैं। नई कहानियां बन रही हैं। अगली बुल रैली की नींव शायद अभी ही डल रही हो।


नतीजा: मुनाफे से पहले धैर्य

क्रिप्टो हमेशा साइकल में चलता है—बूम, फिर क्रैश, फिर शांति। अभी हम उसी रीसेट मोड में हैं।

बिटकॉइन का इतनी ऊंचाई पर टिके रहना मजबूती की निशानी है। अल्टकॉइन भले पीछे हों, लेकिन कोई भी नई कहानी माहौल को बदल सकती है।

चाहे ये एक नई तेजी से पहले की खामोशी हो या लंबे कंसॉलिडेशन की शुरुआत—एक बात पक्की है: क्रिप्टो में स्थिरता कभी ज्यादा देर नहीं टिकती।

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