पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने दोहा में हुए वार्ता के बाद 48 घंटे के तुरंत संघर्ष विराम पर सहमति जताई है। यह कदम अक्टूबर में हुए सीमा हिंसक संघर्ष के बाद आया है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने दोहा वार्ता में तत्काल संघर्ष विराम पर सहमति जताई
पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने दोहा वार्ता के दौरान तत्काल 48 घंटे के संघर्ष विराम पर किया सहमति।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान, जो अक्टूबर में सीमा पर हुए घातक संघर्ष के बाद तनावपूर्ण स्थिति में थे, ने दोहा में हुई वार्ता के दौरान एक अस्थिर 48 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमति जताई है। यह संघर्ष विराम बुधवार शाम से लागू हो गया।
यात्रा और वार्ता का महत्व
दोनों पक्षों के लिए यह संघर्ष विराम वार्ता के लिए एक अहम मौका प्रदान करता है जिससे तनाव कम हो और संवाद जारी रह सके। जुलाई से जारी सीमा विवाद के बाद यह पहला महत्वपूर्ण कदम है जिसने शांति की दिशा में उम्मीद जगा दी है।
सीमा संघर्ष के हालात
अक्टूबर की शुरुआत में दोनों देशों के सैनिकों और नागरिकों के बीच कई बार हिंसक झड़प हुई थी जिसमें दर्जनों व्यक्ति मारे और सैकड़ों घायल हुए थे। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस संघर्ष विराम का आह्वान किया था ताकि निष्पक्ष वार्ता हो सके।
अन्य प्रतिक्रियाएं
पाकिस्तान के प्रधान मंत्री ने कहा है कि अब गेंद अफगान तालिबान के कोर्ट में है और यदि वे संघर्ष विराम को बढ़ाना चाहते हैं तो पाकिस्तान तैयार है।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने भी इस वार्ता की पुष्टि की है और आशा जताई है कि इससे स्थायी शांति संभव होगी।
FAQs:
- पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष विराम कब लागू हुआ?
15 अक्टूबर 2025, बुधवार शाम को। - संघर्ष विराम की अवधि कितनी है?
48 घंटे का संघर्ष विराम। - सीमा संघर्ष में कितने लोग मारे गए?
दशकों से अधिक के घायल हुए, दर्जनों मारे गए। - कौन सी संस्था ने संघर्ष विराम का आह्वान किया था?
संयुक्त राष्ट्र। - क्या यह संघर्ष विराम स्थायी होगा?
यह अस्थिर है, लेकिन वार्ता के लिए अच्छा मौका माना जा रहा है।
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