Champa Shashti 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका आध्यात्मिक महत्व जानिए और इस दिन कैसे करें विशेष व्रत।
Champa Shashti 2025: तिथि, पूजा विधि और आध्यात्मिक महत्व
Champa Shashti महाराष्ट्र समेत कई भागों में श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाई जाने वाली महत्वपूर्ण त्योहार और व्रत है। यह पर्व भगवान खंडोबा की आराधना से जुड़ा है, जो साहस, विजय और परिवार की समृद्धि के देवता माने जाते हैं।
Champa Shashti 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त
- षष्ठी तिथि की शुरुआत: 25 नवंबर, 2025, रात 10:56 बजे
- षष्ठी तिथि का समापन: 27 नवंबर, 2025, रात 12:01 बजे
- चंपा षष्ठी का दिन: बुधवार, 26 नवंबर, 2025
इस वर्ष चंपा षष्ठी विशेष योगों जैसे शतभिषा नक्षत्र और वैधृति योग के साथ आती है, जो इसे अत्यंत शुभ और आध्यात्मिक रूप से अधिक प्रभावशाली बनाते हैं। अगर ये योग रविवार या मंगलवार के साथ मेल खाते हैं, तो माना जाता है कि ऐसा दिन विशेष आशीर्वाद लेकर आता है।
धार्मिक महत्व
चंपा षष्ठी का व्रत नकारात्मकता को दूर रखने, पुरानी समस्याओं के समाधान, और समग्र भलाई के लिए किया जाता है। यह दिन शुद्धता, अनुशासन और दिव्य कृपा का प्रतीक है। परिवार इस दिन व्रत रखता है और मंदिर जाकर हनुमान या खंडोबा की पूजा करता है।
पूजा और व्रत की विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान खंडोबा के मंदिर या घर पर स्थापित मंदिर में फूल, फल और प्रसाद चढ़ाएं।
- मंत्रों का जाप और विशेष आरती की जाती है।
- व्रत का पालन करते हुए दिन भर संयम और शुद्ध आहार का ध्यान रखें।
सामाजिक व पारिवारिक महत्त्व
यह व्रत परिवार में सद्भाव, शांति और समृद्धि लाने का माध्यम भी माना जाता है। लोक परंपराओं में संपन्न होने वाले यह सामूहिक आयोजन सामाजिक एकता को भी प्रोत्साहित करते हैं।
(FAQs)
प्रश्न 1: चंपा षष्ठी कब है?
उत्तर: यह 26 नवंबर 2025 को है।
प्रश्न 2: चंपा षष्ठी का मुहूर्त क्या है?
उत्तर: षष्ठी तिथि 25 नवंबर से शुरू होकर 27 नवंबर को समाप्त होती है, पूजा 26 नवंबर को की जाती है।
प्रश्न 3: चंपा षष्ठी का क्या महत्व है?
उत्तर: यह व्रत नकारात्मकता से मुक्ति और परिवार की समृद्धि का प्रतीक है।
प्रश्न 4: कौन से देवता की पूजा चंपा षष्ठी पर होती है?
उत्तर: भगवान खंडोबा जो साहस और विजय के देवता हैं।
प्रश्न 5: व्रत और पूजा कैसे करें?
उत्तर: मंदिर जाकर पूजा करें, मंत्र जाप करें, फल और फूल अर्पित करें, दिन भर संयम रखें।
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