चीनी राज्य मीडिया ने जापानी प्रधानमंत्री सनाे ताकाइची पर कड़ी टिप्पणी की है, उनके ताइवान संबंधी बयान को ‘सीमा पार करने वाला’ बताया और जापान में चीनी राजदूत निकालने की मांग उठी है।
पीएम ताकाइची के ताइवान बयान पर चीनी कांसुल जनरल ने किया धमकी भरा पोस्ट, जापान ने कड़ा रुख अपनाया
चीन और जापान के बीच तनाव तब और बढ़ गया जब चीनी राज्य मीडिया ने जापानी प्रधानमंत्री सनाे ताकाइची के ताइवान को लेकर दिए गए बयान की तीखी आलोचना की और कहा कि उन्होंने सीमा पार कर दी है।
ताकाइची ने पिछले सप्ताह संसद में कहा था कि यदि चीन ताइवान पर हमला करता है तो वह जापान के अस्तित्व के लिए खतरा होगा और टोक्यो एक संभावित सैन्य प्रतिक्रिया कर सकता है। इस बयान पर चीन ने औपचारिक विरोध जताया।
चीनी कांसुल जनरल शुए जियान ने भी एक धमकी भरे पोस्ट के माध्यम से ताकाइची पर हमला किया, जिसे जापान ने ‘अत्यंत अनुचित’ बताया और बीजिंग से शिकायत की। हालांकि बाद में यह पोस्ट हटा दिया गया।
CCTV के एक संपादकीय ने ताकाइची के बयान को “बहुत ही दुर्भावनापूर्ण” और “प्रभावशाली” बताया तथा उसे 1931 में मांचूरिया के जापानी आक्रमण से जोड़ा।
जापान की विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी के लिए तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन टोक्यो ने तनाव कम करने के लिए दोतरफा प्रयासों की बात कही है।
कुछ जापानी राजनेताओं ने चीनी कांसुल को देश निकालने की मांग की है, जबकि ताइवान के विदेश मंत्री ने इस टिप्पणी को चीनी जनता में विरोधाभासी भावना भड़काने वाला बताया।
FAQs:
- पीएम सनाे ताकाइची ने ताइवान के बारे में क्या कहा था?
- चीन की तरफ से क्या प्रतिक्रिया मिली?
- चीनी कांसुल जनरल के पोस्ट पर जापान की क्या प्रतिक्रिया थी?
- इस विवाद के क्या राजनीतिक और क्षेत्रीय प्रभाव हैं?
- जापान ने इस स्थिति को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए हैं?
Leave a comment