भारत और जर्मनी के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बर्लिन में शीर्ष उद्योगपतियों से मुलाकात की। दोनों देशों ने एआई, ऑटोमोबाइल और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की।
भारत-जर्मनी व्यापार संबंध मजबूत करने के लिए बर्लिन में पीयूष गोयल ने शीर्ष उद्योगपतियों से की मुलाकात
भारत-जर्मनी व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए बर्लिन में पीयूष गोयल की शीर्ष उद्योगपतियों के साथ बैठकें
भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में शीर्ष व्यावसायिक नेताओं से मुलाकात की, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक और औद्योगिक सहयोग को और बढ़ाना था। यह बैठकें भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी के 25वें वर्ष के अवसर पर आयोजित की गईं।
बैठकें और प्रमुख विषय
गोयल ने बर्लिन में कई प्रमुख जर्मन उद्योगपतियों से मुलाकात की:
- क्लाउस रोसेनफेल्ड (Schaeffler AG) – ऑटोमोबाइल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सहयोग पर चर्चा।
- मार्टिन हेरेंक्नेख्ट (Herrenknecht AG) – भारत में कंपनी के विस्तार और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में नई तकनीकों पर वार्ता।
- टोबियास बिस्चोफ-निम्ज़ (ENERTRAG) – भारत की क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा।
- माइकल मासर (RENK GmbH) – भारत के डिफेंस इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग और डिजिटलीकरण प्रोजेक्ट्स में निवेश पर बातचीत।
- जोचेन हानेबेक (Infineon Technologies AG) – सेमीकंडक्टर और डीकार्बोनाइजेशन टेक्नोलॉजी में साझेदारी पर चर्चा।
- ओला कैलिनियस (Mercedes-Benz Group) – भारत में कंपनी के विस्तार, हरित विकास रणनीति और नवाचार क्षेत्र में सहयोग पर बातचीत।
लक्सरमबर्ग के साथ वार्ता
गोयल ने लक्ज़मबर्ग के डिप्टी प्रधानमंत्री जेवियर बेटेल से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
भारत-जर्मनी साझेदारी की मजबूती
यह यात्रा भारत-जर्मनी के बीच गहराते आर्थिक संबंधों को रेखांकित करती है, विशेष रूप से हाई-टेक, ग्रीन एनर्जी और इंडस्ट्रियल इनोवेशन के क्षेत्रों में। ये सहयोग भारत की ‘वोकल फॉर लोकल से ग्लोबल’ पहल और जर्मनी की औद्योगिक विशेषज्ञता को साथ लाने का अवसर है।
25वीं वर्षगांठ और भविष्य की रणनीति
भारत-जर्मन रणनीतिक साझेदारी 2025 में अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रही है। दोनों देशों ने व्यापारिक अनुबंधों, निवेश अवसरों और तकनीकी सहयोग के नए मार्गों पर संयुक्त कार्य की रूपरेखा तय की है।
FAQs
- पीयूष गोयल की जर्मनी यात्रा का उद्देश्य क्या है?
भारत-जर्मनी के बीच व्यापार और तकनीकी सहयोग बढ़ाना। - कौन-कौन से प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा हुई?
ऑटोमोबाइल, एआई, सेमीकंडक्टर, इंफ्रास्ट्रक्चर, रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा। - कौन-कौन से जर्मन उद्योगपतियों से मुलाकात हुई?
Schaeffler, Herrenknecht, Infineon, Mercedes-Benz, और ENERTRAG जैसी कंपनियों के सीईओ। - भारत-जर्मनी सहयोग के प्रमुख लाभ क्या होंगे?
तकनीकी नवाचार, हरित विकास, निवेश को बढ़ावा और द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि। - क्या अन्य यूरोपीय देशों से भी मुलाकात हुई?
हाँ, लक्ज़मबर्ग के डिप्टी प्रधानमंत्री जेवियर बेटेल से व्यापारिक सहयोग पर चर्चा की गई।
Leave a comment