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राम मंदिर का निर्माण पड़ा धीमा, सैकड़ों मजदूरों ने छोड़ा काम

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Uttar Pradesh: अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर है. राम लला के दर्शन के लिए रोजाना हजारों की संख्या में लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं. इससे पहले जब भगवान श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई उस वक्त देश राम मय हो गया था. राजनीति के गलियारों में भी श्री राम नाम गुंजा, वजह थी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के होना.

जो बीजेपी के साथ थे वो राम का नाम जपते हुए हिन्दुत्व का गान कर रहे थे, जो विपक्ष में थे उन्होंने कहा की श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा चुनावों के देखते हुए की गई. विपक्ष का तर्क था की अधुरे बने मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा नहीं होनी चाहिए. अब जो लेटेस्ट खबर है वो अधुरे बने मंदिर को लेकर है. खबर है की मंदिर निर्माण के काम लगे सैकड़ो लोग काम छोड़ कर चले गए हैं. कारीगरों और मजदूरों की कमी के चलते मंदिर का निर्माण कार्य धीमा हो चुका है. यानी मंदिर तय समय पर बनकर तैयार नहीं हो पाएगा.

राम मंदिर से जुड़ी ये जानकारी राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने सांझा की

राम मंदिर के निर्माण का काम लार्सन एंड टर्बो कंपनी के जिम्मे है. कंपनी को सख्त हिदायत देते हुए नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि वो समय सीमा में काम पूरा करने के लिए तुरंत मजदूर बढ़ाए. कंपनी ने मंदिर पूरा करने के लिए इस साल के अंत तक का समय मांगा था. समय पर काम पूरा होगा या नहीं ये चिंता का विष्य बन गया है. बीते तीन महीनों से मंदिर का काम धीमा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक काम के लिए 8 हजार से 9 हजार लोग थे, जिनमें से काफी मजदूर काम छोड़ कर चले गए हैं.

नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि वो समय सीमा में काम पूरा करने के लिए तुरंत मजदूर बढ़ाए

राम मंदिर निर्माण समिति ने 100 के करीब वेंडर को अगल अगल काम सौंपा गया था. जिन्होंने मंदिर निर्माण के लिए मजदूरों को काम पर रखा है. नृपेंद्र मिश्रा ने L and T और दूसरे वेंडरों के साथा कई दौर की मीटिंग की. मजदूरों की कमी को कैसे दूर किया जाए इस पर बात हुई. इस बातचीत के बाद मीडिया को बताया गया की  ‘सबसे बड़ी चुनौती शिखर का निर्माण है, जो दूसरी मंजिल का निर्माण पूरा होने और दूसरी मंजिल पर गुंबदों के निर्माण के बाद ही पूरा हो सकता है. जिस स्पीड के काम चल रहा है उसमें मंदिर बनने में 2 महीने की देर हो सकती है.

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने कहा, ‘लार्सन एंड टूब्रो को मजदूर और कारिगर बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. अगर 200 से 250 और श्रमिक नहीं जोड़े गए, तो दिसंबर तक काम पूरा करना मुश्किल होगा. ऐसे में जब तक मजदूरों की कमी को पूरा नहीं किया जाता तब तक समय पर काम होना मुश्किल होगा.

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