Cough Syrup Tragedy: मध्य प्रदेश में Coldrif कफ़ सिरप से 20 बच्चों की मौत के बाद Sresan Pharma के मालिक की गिरफ्तारी, कंपनी पर जांच। बड़ा स्वास्थ्य संकट।
Cough Syrup Tragedy: बच्चों की मौत के बाद Coldrif कफ़ सिरप बैन, कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी
मध्य प्रदेश में Coldrif कफ़ सिरप से जुड़ी बच्चों की मौत की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। तमिलनाडु के चेन्नई स्थित Sresan Pharma कंपनी के मालिक एस. रंगनाथन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। खबरों के अनुसार, चंद्रवाड़ा, बैतूल और पांढुर्ना जिलों में 20 बच्चों की मौत के बाद यह कार्रवाई की गई। इन बच्चों की मृत्यु Coldrif कफ़ सिरप सेवन के बाद हुई, जिसे स्रे़सन फार्मा ने निर्मित किया था।
राज्य सरकार ने न केवल Coldrif की बिक्री पर तत्काल रोक लगाई है, बल्कि बाजार में उपलब्ध स्टॉक को भी जब्त करने के निर्देश दिए हैं। कंपनी के मालिक के खिलाफ भारतीस न्याय संहिता की धारा 105 और 276 तथा 27ए एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। पुलिस ने छापेमारी और सहयोगी ऑपरेशन कर चेन्नई और कांचीपुरम से आरोपित को पकड़ा। अब कंपनी की कांचीपुरम फैक्ट्री में पुलिस द्वारा आगे की जांच की जा रही है।
मध्य प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि सरकार मामले को लेकर बेहद गंभीर है और सख्त कार्रवाई की जा रही है। जिले व विभिन्न एजेंसियों की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर अपराधी के खिलाफ कठोर कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं।
- WHO और भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐसी घटनाओं में हेल्थ प्रोटोकॉल सख्त करने को कहा है।
- दवाओं की गुणवत्ता व उत्पादन प्रक्रिया की समय-समय पर ऑडिटिंग न होने से इस तरह की घटनाएं बढ़ सकती हैं। (स्रोत: WHO, ICMR)
- मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिरप में विषाक्त या समस्या-जनक रसायनों की उपस्थिति के कारण बच्चों की मौत संभव है; विस्तृत लैब अन्वेषण रिपोर्ट की प्रतीक्षा है।
- सभी जिलों में कफ़ सिरप की बिक्री और स्टॉक पर तत्काल रोक।
- स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पतालों में भर्ती बच्चों की देखरेख बढ़ाई।
- दोषी कंपनी पर लाइसेंस व उत्पादकता प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया।
- केंद्र और राज्य स्तर पर फार्मा सेक्टर की रेगुलेटरी ऑडिट निर्देशित।
- भारत में WHO की 2023 रिपोर्ट के अनुसार, हर साल करीब 5-10% बच्चों की मृत्यु दवा से होने वाले रिएक्शन्स के कारण होती है, जिनमें नॉन-मॉनिटरिंग व नकली दवाएं शामिल हैं।
- स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लगातार चेताया है कि दवाओं की गुणवत्ता, उत्पादन और सप्लाई चेन की गहन निगरानी आवश्यक है।
- 2019 में भी उज़्बेकिस्तान और गाम्बिया में भारतीय दवा कंपनियों पर ऐसे ही कांड के आरोप लगे थे। (स्रोत: WHO, Ministry of Health)
- OTC (ओवर-द-काउंटर) सिरप या कोई दवा देने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
- दवा की एक्सपायरी, निर्माता, बैच नंबर आदि की जांच अवश्य करें।
- कोई साइड इफेक्ट दिखे तो तुरंत अस्पताल जाएँ और जिला स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करें।
- फार्मा कंपनियों पर लाइसेंसिंग, निगरानी और प्रयोगशाला परीक्षण को कड़ा किया जाए।
- डॉक्टरों और फार्मेसिस्ट्स के लिए प्रदेश-स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएँ।
- मरीजों और आम जनता के लिए फीडबैक व शिकायत पोर्टल्स को मजबूत किया जाए।
Coldrif कफ़ सिरप जैसी घटनाएं भारत के हेल्थ सेक्टर के लिए बड़ी चुनौती हैं। बाल-स्वास्थ्य, दवा की गुणवत्ता, और नियामक प्रणाली में पारदर्शिता लाना अनिवार्य है। दोषियों पर तेजी से कठोर कार्रवाई, सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है।
FAQs
- Coldrif कफ़ सिरप में क्या दोष पाया गया था?
- Sresan Pharma के मालिक पर क्या कार्रवाई हुई?
- कितने बच्चों की मौत हुई?
- जनता को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
- बिना डॉक्टर सलाह के सिरप न दें, दवा की गुणवत्ता/एक्सपायरी जांचें, साइड इफेक्ट में तुरंत रिपोर्ट करें।
- सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
- देशभर में दवा-गुणवत्ता को लेकर क्या नियम हैं?
- फार्मास्युटिकल उत्पादन मानकों की नियमित लैब टेस्टिंग व लाइसेंस वैरिफिकेशन अनिवार्य है (ICMR, Ministry of Health Guidelines)।
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