ओडिशा फायर डिपार्टमेंट और राज्य प्रशासन चक्रवात ‘मोंथा’ से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। आईएमडी ने 27–29 अक्टूबर के बीच भारी वर्षा और तेज हवाओं की चेतावनी दी है।
‘मोंथा’ चक्रवात को लेकर ओडिशा में उच्च सतर्कता, फायर डिपार्टमेंट ने कहा — “हम पूरी तरह तैयार हैं”
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि आगामी चक्रवात ‘मोंथा’ 28 अक्टूबर की शाम को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के निकट तट से टकरा सकता है। इस संभावित आपदा को ध्यान में रखते हुए ओडिशा राज्य प्रशासन और फायर डिपार्टमेंट पूरी तरह अलर्ट मोड में आ चुके हैं। फायर डिपार्टमेंट के वरिष्ठ अधिकारी प्रभात कुमार ने कहा कि विभाग ने बचाव अभियानों के लिए सभी उपकरण तैयार रखे हैं — जिनमें पावर बोट्स, OBMs, पावर कटर, और पोर्टेबल लाइट्स शामिल हैं।
फायर डिपार्टमेंट और प्रशासन की तैयारी
प्रभात कुमार ने कहा, “27 से 29 अक्टूबर के बीच चक्रवात की स्थिति बन सकती है, जिसके लिए हमारी टीम पूरी तरह तैयार है। सरकारी और आपदा प्रबंधन दिशानिर्देशों के तहत हर व्यवस्था की जा चुकी है।”
डीएम बालासोर सूर्यवंशी मयूर विकास ने बताया कि बालासोर जिले में पीली चेतावनी (Yellow Alert) जारी की गई है, जबकि 30 अक्टूबर के लिए ऑरेंज अलर्ट है। प्रशासन ने स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार रखा है और गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के इंतजाम कर दिए हैं।
आईएमडी का पूर्वानुमान
आईएमडी के अनुसार, यह चक्रवात बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व हिस्से में बना है और वर्तमान में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में 7–10 km/h की गति से आगे बढ़ रहा है। यह 26 अक्टूबर तक गहरे डिप्रेशन में और फिर 27 की सुबह तक एक चक्रवाती तूफान में परिवर्तित हो जाएगा।
IMD की चेतावनी के मुताबिक, मोंथा चक्रवात 28 अक्टूबर की शाम से रात के बीच आंध्र प्रदेश के माचिलिपटनम और काकीनाडा के बीच लैंडफॉल करेगा, जिसके दौरान 90-100 km/h की हवा की गति दर्ज की जा सकती है, जो अधिकतम 110 km/h तक जा सकती है।
ओडिशा में आपात उपाय
ओडिशा सरकार ने राज्य के दक्षिणी और तटीय इलाकों जैसे गंजाम, गजपति, रायगड़ा, कोरापुट और मलकानगिरी में भारी वर्षा की संभावना जताई है। सरकार ने 15 से अधिक जिलों के जिला कलेक्टरों को चौबीसों घंटे नियंत्रण कक्ष सक्रिय रखने और बिजली, पानी, स्वास्थ्य व संचार सेवाओं को दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और एनडीआरएफ एवं ओडीआरएफ की टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात की जा चुकी हैं। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सख्त सलाह दी गई है और तटीय बंदरगाहों पर रेड फ्लैग लगा दिए गए हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर राहत कार्य
नई दिल्ली में कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी (NCMC) ने समीक्षा बैठक की, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि किसी की जान न जाए और संपत्तियों को न्यूनतम नुकसान पहुंचे। आर्मी, नेवी, एयरफोर्स और कोस्ट गार्ड की टीमें भी पूरी तरह तैयार हैं।
कोस्ट गार्ड ने अब तक 900 से अधिक नावों को सुरक्षित तट पर पहुंचा दिया है और बाकी को तुरंत लौटने का निर्देश दिया है।
चक्रवात ‘मोंथा’ को लेकर ओडिशा प्रशासन और केंद्र सरकार पूरी तैयारी में हैं। सभी जिलों में अलर्ट जारी है, राहत टीमों, चिकित्सा कर्मियों और आपात सेवाओं को 24×7 सक्रिय रखा गया है। समय रहते उठाए गए ये एहतियात राज्य को संभावित आपदा से निपटने के लिए मजबूत स्थिति में रखते हैं।
FAQs
- चक्रवात ‘मोंथा’ कब लैंडफॉल करेगा?
यह आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास 28 अक्टूबर को शाम या रात में टकरा सकता है। - ओडिशा में किन जिलों को सबसे ज्यादा खतरा है?
गंजाम, रायगड़ा, मलकानगिरी, कोरापुट और बालासोर जिले मुख्य रूप से प्रभावित हो सकते हैं। - हवा की गति कितनी रहेगी?
90–100 km/h की तेज हवाएँ चल सकती हैं, जो 110 km/h तक पहुंच सकती हैं। - प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
राहत दल, स्वास्थ्य सेवाएं और नियंत्रण कक्ष पूरी तरह सक्रिय किए गए हैं, सरकारी छुट्टियां रद्द हुई हैं। - मछुआरों को क्या सलाह दी गई है?
समुद्र में अगले चार दिनों तक न जाने की सख्त हिदायत दी गई है।
Leave a comment