NASA ने मिशन एस्केपेड लॉन्च किया है जिसमें दो समान अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह के वायुमंडल और मैग्नेटोस्फियर का अध्ययन करेंगे ताकि ग्रह की पूर्व परिस्थितियों को समझा जा सके।
मिशन एस्केपेड:NASA का मंगल ग्रह पर दो अंतरिक्ष यानों के साथ नया अध्ययन
मंगल ग्रह का वायुमंडल क्यों महत्वपूर्ण है?
मंगल ग्रह पहले पृथ्वी जैसा था, जिसके पास ठोस वायुमंडल और तरल पानी था। लेकिन अरबों साल पहले इसने अपना वायुमंडल खो दिया और सूखा, बेरंग ग्रह बन गया। वायुमंडल के नुकसान के कारणों को समझना ग्रह के विकास और जीवन संभावना के अध्ययन के लिए बेहद जरूरी है।
मिशन एस्केपेड क्या है?
मिशन एस्केपेड (Escape and Plasma Acceleration Dynamics Explorers) नासा का नवीनतम मिशन है, जिसमें दो समान अंतरिक्ष यान, ब्लू और गोल्ड, मंगल ग्रह के वायुमंडल और मैग्नेटोस्फियर का गहराई से अध्ययन करेंगे। यह मिशन 9 नवंबर 2025 को लॉन्च किया जाएगा।
अंतरिक्ष यानों की विशेषताएं
ये दोनों अंतरिक्ष यान दुनियाभर की उन्नत तकनीकों से लैस हैं, जो सौर हवाओं और मैग्नेटिक फील्ड के बीच की बातचीत को मॉनिटर करेंगे। इनकी विशिष्टताओं में कॉम्पैक्ट डिज़ाइन, उच्च दक्षता, और लागत नियंत्रण शामिल हैं।
मिशन का लक्ष्य और महत्व
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य यह समझना है कि कैसे सूर्य की ऊर्जा और सौर हवाओं ने मंगल के वायुमंडल को कमज़ोर किया और ग्रह को बंजर बनाया। इससे ग्रह की जलवायु और जीवन के अनुकूल होने की संभावना का आकलन होगा।
यात्रा और ऑपरेशन योजना
दोनों यान पहले पृथ्वी के L2 प्वाइंट पर एक वर्ष तक रहेंगें, जहां से वे मंगल की ओर लगभग दस महीने की यात्रा करेंगे। मंगल पर पहुंचकर ये एक साथ, लेकिन अलग-अलग कक्षाओं में घूमते हुए डेटा एकत्र करेंगे।
वैज्ञानिक परिणाम और भविष्य की उम्मीदें
इस अध्ययन से मंगल के वायुमंडलीय ह्रास की प्रक्रिया में नई समझ विकसित होगी। इससे पृथ्वी के वातावरण के संरक्षण और अन्य ग्रहों में जीवन की तलाश में मदद मिलेगी। साथ ही, यह मिशन कम लागत में उच्च वैज्ञानिक मूल्य प्रदान करता है।
FAQs
- 1. मिशन एस्केपेड के दोनों अंतरिक्ष यानों के नाम क्या हैं?
- मिशन एस्केपेड के दोनों समान अंतरिक्ष यानों के नाम ब्लू (Blue) और गोल्ड (Gold) हैं। ये नाम क Californian University, Berkeley के स्कूल के रंगों से प्रेरित हैं।
- 2. मिशन एस्केपेड मंगल की किस खास समस्या को हल करेगा?
- यह मिशन मंगल ग्रह के वायुमंडल की हानि की प्रक्रिया और सूर्य की सौर हवाओं के प्रभाव को समझने के लिए बनाया गया है, जिससे पता चलेगा कि मंगल ने अपना वायुमंडल कैसे और क्यों खोया।
- 3. अंतरिक्ष यानों के पास कौन-कौन से मुख्य उपकरण होंगे?
- इन यानों में प्लाज्मा, मैग्नेटिक फील्ड, तथा सौर हवाओं की बातचीत को मापने वाले अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जिनका निर्माण University of California, Berkeley और इसके सहयोगी संस्थान कर रहे हैं।
- 4. मिशन के दौरान मुख्य चरण क्या होंगे?
- यह मिशन पहले पृथ्वी के L2 लैग्रेंज पॉइंट पर लगभग एक वर्ष तक रहेगा, वहां से मंगल की ओर लगभग दस महीने की यात्रा करेगा, और मंगल के कक्षा में प्रवेश करेगा। फिर दोनों यान अलग-अलग कक्षाओं में घूमते हुए संचालित होंगे एवं डाटा संग्रह करेंगे।
- 5. इस मिशन से पृथ्वी में हमें क्या सीखने को मिलेगा?
- यह अध्ययन हमें पता लगाने में मदद करेगा कि किस प्रकार ग्रह अपने वायुमंडल को सोलर और स्पेस गतिविधियों से बचाते हैं, जिससे हम पृथ्वी के वायुमंडलीय संरक्षण और अन्य ग्रहों पर जीवन के लिए उचित रणनीतियां तैयार कर सकेंगे।
- 6. इस मिशन की कुल लागत और मुख्य साझेदार कौन-कौन हैं?
- मिशन की कुल लागत लगभग अस्सी मिलियन डॉलर के नीचे है। प्रमुख साझेदार University of California, Berkeley, Rocket Lab, NASA Goddard Space Flight Center, Blue Origin, और अन्य संस्थान हैं।
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