रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने स्वदेशी ड्रोन विकास शुरू कर दिया है और हथियारों के लिए विदेशी निर्भरता खत्म करना चाहता है।
भारत ने शुरू किया स्वदेशी ड्रोन निर्माण, हथियारों में विदेशी निर्भरता खत्म करने का लक्ष्य
भारत ने स्वदेशी ड्रोन निर्माण का काम शुरू कर दिया है और अब वह हथियारों के लिए अन्य देशों पर निर्भर नहीं रहना चाहता। यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेटवर्क18 के समूह संपादक राहुल जोशी के साथ एक विशेष बातचीत में शुक्रवार को कही। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “हमने स्वदेशी ड्रोन पर काम शुरू कर दिया है। हम हथियारों में किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं रहना चाहते। इस दिशा में अच्छी प्रगति हो रही है।” यह बयान भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के संकल्प को दर्शाता है।
साथ ही, उन्होंने कहा कि भारत रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली का अतिरिक्त आयात करेगा, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक माना जाता है। भारत की रणनीतिक परियोजनाओं जैसे परमाणु पनडुब्बी परियोजना भी अच्छी प्रगति पर है और इसमें कोई देरी नहीं हुई है।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को सफल बताते हुए कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों ने शानदार प्रदर्शन किया और ब्रह्मोस मिसाइलों ने भी अत्यंत प्रभावशाली भूमिका निभाई। ब्रह्मोस का निर्यात भी भारत की रक्षा निर्यात संख्या को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कारक होगा।
दूसरी ओर, अमेरिका से MQ-9 ड्रोन की डिलीवरी निर्धारित समय पर होने की उम्मीद है। राजनाथ सिंह ने कहा कि वे चाहते हैं कि रक्षा प्रणालियाँ भारत में ही, भारतीयों द्वारा बनाई जाएं।
इसके अलावा, बिहार चुनाव और विशेष गहन संशोधन (SIR) पर भी उन्होंने बात की और राहुल गांधी के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी बातें भारत में अराजकता फैलाने के प्रयास हैं।
FAQs:
- भारत ने स्वदेशी ड्रोन पर कब काम शुरू किया?
- हाल ही में, रक्षा मंत्री के बयान के अनुसार काम शुरू हो चुका है।
- एस-400 मिसाइल प्रणाली का क्या महत्व है?
- इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक माना जाता है।
- ऑपरेशन सिंदूर में भारत के रक्षा उपकरणों का प्रदर्शन कैसा रहा?
- राफेल विमानों और ब्रह्मोस मिसाइलों ने शानदार प्रदर्शन किया।
- MQ-9 ड्रोन की डिलीवरी का क्या हाल है?
- डिलीवरी निर्धारित समय पर होने की उम्मीद है।
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