दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु प्रदूषण के कारण CAQM ने GRAP 4 के कड़े उपाय GRAP 3 के तहत लागू करने का फैसला किया है, जिसमें सरकारी और निजी कार्यालयों में 50% उपस्थिति सहित कई प्रतिबंध शामिल हैं।
जहरीली धुंध के चलते दिल्ली-एनसीआर में GRAP 4 के कुछ प्रावधान GRAP 3 के साथ लागू
दिल्ली-एनसीआर में जहरीली स्मॉग के बीच GRAP 3 के तहत GRAP 4 के कड़े उपाय लागू होंगे
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एनसीआर में जहरीली स्मॉग की घनी परत बनी हुई है, जिससे हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर, एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज 3 के अंतर्गत GRAP 4 के कुछ कड़े उपाय लागू करने का निर्णय लिया है।
वायु गुणवत्ता और कारण
मध्याह्न में दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 364 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। हालांकि, यह स्टेज 4 के सामान्य सीमा 400+ से कम है, पर लगातार खराब होती हवा और भविष्यवाणी की गई बिगड़ती स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाए गए।
कड़े उपाय
CAQM के नवीन आदेश के अनुसार, दिल्ली सरकार और अन्य एनसीआर जिले सरकारी, नगरपालिका और निजी कार्यालयों में भौतिक उपस्थिति को 50% तक सीमित कर सकते हैं जबकि बाकी कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति होगी।
अदालत की भूमिका
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में GRAP योजना में तेज और समय रहते हस्तक्षेप की जरूरत पर बल दिया था। मुख्य न्यायाधीश भीषण आर. गावई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वायु प्रदूषण कम करने के लिए किसी भी सक्रिय कदम का स्वागत किया जाएगा।
पहले से लागू उपाय
इसमें स्कूलों की प्राथमिक कक्षाओं के लिए हाइब्रिड शिक्षा, निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध और बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहनों पर पाबंदी जैसी व्यवस्थाएं शामिल हैं, जो दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जारी हैं।
FAQs:
- दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का स्तर कैसा है?
उत्तर: बहुत खराब, AQI 364। - GRAP योजना में क्या बदलाव किए गए हैं?
उत्तर: GRAP 3 के तहत GRAP 4 के कुछ कठोर उपाय लागू। - सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति कितनी होगी?
उत्तर: 50%। - सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण पर क्या कहा?
उत्तर: समय रहते और तेज कदम उठाने का निर्देश। - क्या स्कूलों में भी प्रभाव पड़ा है?
उत्तर: हां, प्राथमिक कक्षाओं के लिए हाइब्रिड शिक्षा लागू।
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