दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने कहा—इस सर्दी 7000 एकड़ धान के बावजूद जीरो पराली जलाने की घटना। डेवलपमेंट व पर्यावरण डिपार्टमेंट की जीरो टॉलरेंस, 11 टीमों की 24×7 निगरानी से सफलता।
विन्टर एक्शन प्लान हिट: दिल्ली में 0 स्टबल बर्निंग, CM गुप्ता बोलीं—नीति व निगरानी से संभव
दिल्ली में इस सर्दी पराली जलाने की कोई घटना नहीं: CM रेखा गुप्ता का ऐलान, 7000 एकड़ धान पर जीरो इंसिडेंट कैसे?
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को कहा कि इस सर्दी में शहर में पराली या फसल अवशेष जलाने की एक भी घटना दर्ज नहीं हुई। 2025 में करीब 7000 एकड़ जमीन पर धान की खेती हुई, लेकिन डिपार्टमेंट्स की लगातार कोशिशों से जीरो इंसिडेंट रिकॉर्ड हुए। गुप्ता ने इसे प्रदूषण नियंत्रण नीति की ठोस सफलता बताया, जो कृषि यूनिट, पर्यावरण विभाग, निगरानी और किसानों के सहयोग से संभव हुई। इस लेख में सरल हिंदी में समझेंगे कि दिल्ली ने ये कैसे हासिल किया, कौन सी रणनीति अपनाई, NCR में तुलना, और आगे क्या प्लान।
सर्दी में प्रदूषण की बड़ी चुनौती—पराली जलाना मुख्य वजह, लेकिन इस बार जीरो
सर्दियों में दिल्ली का AQI बिगड़ना आम बात है, जिसमें पराली जलाना बड़ा रोल निभाता है। CAQM गाइडलाइंस पर दिल्ली सरकार ने विन्टर एक्शन प्लान सख्ती से लागू किया। डेवलपमेंट डिपार्टमेंट की एग्रीकल्चर यूनिट और पर्यावरण विभाग ने जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई—पराली या क्रॉप रेसिड्यू जलाने पर कोई ढील नहीं। ये सफलता सही नीति, अमल और किसानों की भागीदारी से आई।
निगरानी का जाल—11 टीमों की 24×7 पेट्रोलिंग, डेली रिव्यू
डीवेलपमेंट कमिश्नर शूरबीर सिंह ने रोजाना रिव्यू किए। 24 घंटे ऑपरेशन चले, जिसमें पराली जलाने की किसी भी हरकत पर तुरंत कार्रवाई। 11 टीमों में एग्रीकल्चर एक्सटेंशन ऑफिसर और असिस्टेंट्स थे, जो उत्तर, नॉर्थ-वेस्ट, साउथ, साउथ-वेस्ट और वेस्ट—पांच धान उत्पादक जिलों में पट्रोलिंग करते। खेतों की चेकिंग के साथ किसानों को जागरूक किया कि पराली जलाना हानिकारक क्यों।
फील्ड लेवल जागरूकता—किसानों का सक्रिय सहयोग
डिपार्टमेंट ने बड़े स्तर पर जागरूकता कैंपेन चलाए। किसानों को पराली जलाने के नुकसान बताए, वैकल्पिक तरीके सुझाए जैसे बेलर मशीन, हैपी सीडर। ये प्रयास इसलिए सफल हुए क्योंकि किसान खुद आगे आए—नीति पर भरोसा बना। दिल्ली के 7000 एकड़ धान क्षेत्र में एक भी आग नहीं लगी।
NCR में तुलना—पंजाब-हरियाणा में कमी, लेकिन दिल्ली सबसे आगे
पंजाब में इस सीजन 5114 फायर हुए (पिछले साल 10909 से कम), हरियाणा में 662 (पिछले 1406 से कम)। दिल्ली में सिर्फ 5 इंसिडेंट बताए गए, लेकिन CM दावा कर रही जीरो। राजस्थान NCR में बढ़ोतरी (18), UP में कमी (281)। कुल मिलाकर NCR में स्टबल फायर आधे हो गए।
Table: स्टबल बर्निंग 2025 बनाम पिछले साल (NCR डेटा)
| राज्य/क्षेत्र | 2024 इंसिडेंट | 2025 इंसिडेंट | कमी (%) |
|---|---|---|---|
| पंजाब | 10909 | 5114 | 53 |
| हरियाणा | 1406 | 662 | 53 |
| दिल्ली | 13 | 0-5 | 100 |
| UP NCR | 414 | 281 | 32 |
विन्टर एक्शन प्लान के अन्य कदम—पराली के अलावा प्रदूषण पर फोकस
स्टबल के अलावा वेस्ट/लकड़ी जलाना बैन, गैस कनेक्शन दिए। पोल-माउंटेड मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाए। थर्मल प्लांट्स में बायोमास को-फायरिंग बढ़ाई। CAQM ने डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट्स को शिकायत का अधिकार दिया। ये सब मिलकर AQI सुधारने में मदद।
दिल्ली स्टबल बर्निंग जीरो पर 5 FAQs
FAQ 1: दिल्ली में कितने एकड़ पर धान हुआ?
उत्तर: 2025 में करीब 7000 एकड़, लेकिन जीरो पराली जलाने की घटना।
FAQ 2: निगरानी कैसे हुई?
उत्तर: 11 टीमों ने 24×7 पेट्रोलिंग, डेवलपमेंट कमिश्नर के डेली रिव्यू।
FAQ 3: किस जिलों में फोकस?
उत्तर: उत्तर, नॉर्थ-वेस्ट, साउथ, साउथ-वेस्ट, वेस्ट—धान उत्पादक क्षेत्र।
FAQ 4: NCR में स्टबल फायर ट्रेंड?
उत्तर: पंजाब-हरियाणा में 50%+ कमी, दिल्ली लीडर।
FAQ 5: आगे क्या प्लान?
उत्तर: विन्टर एक्शन प्लान जारी, बायोमास यूज बढ़ाना।
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