रेड फोर्ट धमाके के बाद दिल्ली पुलिस ने उत्तर जिले में 250 लोगों पर पुलिस सत्यापन प्रक्रिया पूरी न करने पर केस दर्ज किए।
रेड फोर्ट धमाके के बाद दिल्ली पुलिस ने किरायेदारों और लॉज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की
दिल्ली पुलिस ने 10 नवंबर को रेड फोर्ट के पास हुए आत्मघाती विस्फोट के बाद सुरक्षा कड़ी करने के लिए एक बड़े सत्यापन अभियान के तहत उत्तर जिले में 250 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। अधिकांश मामलों में आरोप है कि इन लोगों ने अनिवार्य पुलिस सत्यापन प्रक्रिया पूरी नहीं की।
पुलिस ने किरायेदारों और लॉज के खिलाफ कई FIR दर्ज की है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज न किया जाए। डीसीपी (उत्तर) राजा बंथिया ने बताया कि अब तक 2,500 से अधिक घरों का दौरा किया गया है और कई लोगों से उनके आईडी प्रूफ चेक किए गए हैं।
इस अभियान में ड्रोन निगरानी, एंटी-सैबोटाज टीमें, और पैरामीिलिट्री यूनिट्स का इस्तेमाल किया गया है। लगभग 50 ड्रोन पूरे रेड फोर्ट परिसर और आस-पास के इलाकों में तैनात हैं, जो छतों, खाली मकानों और भीड़ वाले बाजारों की लाइव तस्वीरें ले रहे हैं। सीसीटीवी कैमरों की 24 घंटे निगरानी एकीकृत नियंत्रण कक्ष से की जा रही है।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किरायेदारों और पेइंग गेस्ट को अनिवार्य पुलिस सत्यापन कराएं। बिना सत्यापन के रहने वाले लोग सुरक्षा खतरे पैदा कर सकते हैं। इसलिए जनता से अनुरोध है कि वे जल्द से जल्द नजदीकी पुलिस स्टेशन जाएं या ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड करें।
जांच जारी है और यदि किसी और उल्लंघन का पता चलता है तो और मामले दर्ज किए जाएंगे। सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और क्षेत्र की सुरक्षा बनाए रखने के लिए विभिन्न कदम उठा रही हैं।
FAQs:
- दिल्ली पुलिस ने कितने लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए?
उत्तर: 250 लोगों के खिलाफ। - सत्यापन अभियान किस क्षेत्र में चला?
उत्तर: दिल्ली के उत्तर जिले में। - पुलिस ने किन स्थानों का निरीक्षण किया?
उत्तर: किरायेदारों के घर, लॉज, बजट होटल और किराए की पटरियों। - इस अभियान में कौन-कौन सी तकनीक इस्तेमाल हुई?
उत्तर: ड्रोन निगरानी, एंटी-सैबोटाज टीमें, पैरामीलिट्री यूनिट्स, और 24 घंटे CCTV निगरानी। - पुलिस जनता से क्या अपील कर रही है?
उत्तर: किरायेदारों और पेइंग गेस्ट की पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को पूरा कराने की।
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