दिल्ली ने इस साल चार वर्षों में सबसे खराब दिवाली की हवा दर्ज की, जब PM2.5 स्तर 675 µg/m³ तक पहुंच गया, हालांकि सुबह की हवाओं ने प्रदूषण घटाया।
चार साल में सबसे प्रदूषित दिवाली: दिल्ली की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंची
दिवाली पर चार साल में सबसे खराब वायु गुणवत्ता
दिल्ली की हवा दिवाली रात को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई। सोमवार रात को बड़े पैमाने पर पटाखे फोड़े जाने से शहर का PM2.5 स्तर मध्यरात्रि को 675 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया, जो 2021 के बाद सबसे अधिक है।
प्रदूषण में अचानक बढ़ोतरी
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण आयोग के अनुसार, लाजपत नगर के नेहरू नगर स्टेशन पर PM2.5 का स्तर 9 बजे 679 से बढ़कर 10 बजे 1,763 µg/m³ हो गया। कई इलाकों में इसी तरह अचानक प्रदूषण में उछाल देखने को मिला।
मौसम ने दी कुछ राहत
मंगलवार सुबह 6 बजे के बाद हवा की गति बढ़ने और तापमान सामान्य से ऊपर रहने के कारण प्रदूषण स्तर में गिरावट आई। इस बार पराली जलाने का असर बहुत कम (1-2%) रहा।
AQI और नियम लागू न होने पर बहस
दिवाली के दिन औसत AQI 345 रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है और 2021 के बाद सबसे अधिक है। मंगलवार को यह 351 तक बढ़ा। हालांकि, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने अभी GRAP-III लागू नहीं किया क्योंकि स्तर 400 से कम था।
विशेषज्ञों की राय
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की अनुपमा रॉय चौधरी ने कहा कि यह सीजन की पहली स्मॉग आसक्ति थी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मूलभूत स्रोतों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो प्रदूषण लगातार गंभीर रहेगा।
FAQs
- दिवाली पर दिल्ली का PM2.5 स्तर कितना दर्ज हुआ?
लगभग 675 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर, जो 2021 के बाद सबसे अधिक है। - AQI किस श्रेणी में रहा?
‘बहुत खराब’ (Very Poor) श्रेणी — 351 औसत स्तर। - क्या पराली जलाने का प्रभाव रहा?
नहीं, इस बार प्रभाव 1-2% से कम था। - GRAP-III क्यों नहीं लागू किया गया?
क्योंकि नियम के अनुसार यह तब ट्रिगर होता है जब AQI 400 के पार हो। - हवा में सुधार कब शुरू हुआ?
मंगलवार सुबह 6 बजे के बाद हवाएं तेज होने से प्रदूषण घटा।
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