महाराष्ट्र सरकार ने पुणे की 40 एकड़ जमीन की डील में अजित पवार के बेटे के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। जमीन की असली कीमत 1800 करोड़ रुपये थी, लेकिन डील सिर्फ 300 करोड़ में हुई। विवाद में स्टाम्प ड्यूटी छूट और अनियमितताओं के आरोप भी लगे हैं।
देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार के बेटे के खिलाफ भूमि डील जांच की घोषणा की
अजित पवार के बेटे के खिलाफ जांच का आदेश
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा भूमि डील विवाद छिड़ गया है। पुणे के मुंढवा इलाके में 40 एकड़ जमीन की डील को लेकर उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पर्थ पवार के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है। इस डील में जमीन की असली कीमत लगभग 1800 करोड़ रुपये थी, लेकिन यह सिर्फ 300 करोड़ रुपये में बेची गई। इसके अलावा, डील पर लगने वाली 21 करोड़ रुपये की स्टाम्प ड्यूटी भी छूट गई। इस विवाद ने राज्य सरकार को जांच के लिए मजबूर कर दिया है।
विवाद की शुरुआत
पुणे के मुंढवा इलाके में यह जमीन महार वतन जमीन की श्रेणी में आती है, जिसका अर्थ है कि यह राज्य सरकार की संपत्ति है और इसे निजी कंपनी को बेचना गैरकानूनी है। फिर भी, यह जमीन अमादेय एंटरप्राइजेज एलएलपी को बेच दी गई, जिसमें पर्थ पवार एक पार्टनर हैं। डील मई 2025 में हुई थी, और इसके बाद विपक्ष ने इस पर गंभीर सवाल उठाए।
जांच की घोषणा
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह मामला गंभीर लग रहा है। इसके लिए राजस्व विभाग, आईजीआर और अन्य अधिकारियों से सभी दस्तावेज मांगे गए हैं। एक पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है जो इस डील की जांच करेगी।
अनियमितताओं के आरोप
- जमीन की असली कीमत: लगभग 1800 करोड़ रुपये
- डील की कीमत: सिर्फ 300 करोड़ रुपये
- स्टाम्प ड्यूटी: 21 करोड़ रुपये की छूट, सिर्फ 500 रुपये भुगतान
- जमीन की श्रेणी: महार वतन जमीन, जिसे निजी कंपनी को बेचना गैरकानूनी है
- जमीन का उपयोग: आईटी पार्क बनाने की योजना
जांच की प्रक्रिया
- जांच समिति का गठन: अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खर्गे की अध्यक्षता में
- जांच का समय: आठ दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करनी है
- जांच के दायरे: डील की कानूनी वैधता, राजस्व हानि, अधिकारियों की भूमिका
- निलंबन: जॉइंट सब-रजिस्ट्रार रवींद्र तारू को निलंबित किया गया
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने इस डील को भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया है। उन्होंने अजित पवार के इस्तीफे की मांग की है और एक उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि इस डील से राज्य को भारी नुकसान हुआ है।
अजित पवार का बयान
अजित पवार ने इस डील में अपनी भूमिका से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस डील के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपने बेटे को इस डील से दूर रहने की सलाह दी थी।
जांच की अगली कार्रवाई
- जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई
- राजस्व हानि की वसूली के लिए नोटिस जारी
- अनियमितताओं के लिए आपराधिक कार्रवाई की तैयारी
डील की मुख्य बातें
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| जमीन का क्षेत्र | 40 एकड़, मुंढवा, पुणे |
| जमीन की श्रेणी | महार वतन जमीन |
| डील की कीमत | 300 करोड़ रुपये |
| असली कीमत | 1800 करोड़ रुपये |
| स्टाम्प ड्यूटी | 21 करोड़ रुपये की छूट |
| खरीदार | अमादेय एंटरप्राइजेज एलएलपी |
| पार्टनर | पर्थ पवार |
| जांच समिति | अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खर्गे |
| जांच की समय सीमा | 8 दिनों के भीतर |
पुणे की यह भूमि डील विवाद राज्य की राजनीति में एक बड़ा झटका है। जांच की रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि इस डील में कितनी अनियमितताएं हैं और किसकी भूमिका रही है। इस मामले में राज्य सरकार की पारदर्शिता और निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
(FAQs)
- पुणे की भूमि डील में किसका नाम जुड़ा है?
इस डील में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पर्थ पवार का नाम जुड़ा है। - जमीन की असली कीमत क्या थी?
जमीन की असली कीमत लगभग 1800 करोड़ रुपये थी। - डील की कीमत क्या थी?
डील की कीमत सिर्फ 300 करोड़ रुपये थी। - स्टाम्प ड्यूटी क्या थी?
स्टाम्प ड्यूटी 21 करोड़ रुपये की थी, जिसे छूट दिया गया। - जांच की रिपोर्ट कब आएगी?
जांच समिति की रिपोर्ट आठ दिनों के भीतर आने की उम्मीद है.
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