फार्मेसी काउंसिल में अनियमितता और व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर देवेंद्र नाथ महतो ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
राँची । झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल में भारी अनियमितता व भ्रष्टाचार का मामला तुल पकड़ते जा रहा हैं।जेएलकेएम के केंद्रीय वरीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र नाथ महतो ने राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
मौके पर देवेन्द्र नाथ महतो ने बताया कि झारखंड राज्य फार्मेसी काउंसिल का संचालन अनियमितता और भ्रष्टाचार से किया जा रहा है। इसका उजागर एवं समुचित कार्रवाई हेतु हमारे संगठन द्वारा 19 जुलाई को झारखंड सरकार स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह को लिखित ज्ञापन सौंपते हुए विस्तृत जानकारी साझा किया गया। तत्पश्चात 23 जुलाई को पूर्व विभागीय व प्रशासनिक सूचनार्थ के तहत झारखंड राज्य फार्मेसी काउंसिल के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा हमारे संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष व डुमरी विधायक जयराम कुमार महतो द्वारा मुख्यमंत्री को सीधा पत्राचार करते हुए बजट सत्र के शुन्य काल के दौरान चलती सदन में उक्त मामला को संज्ञान में लाया गया।लेकिन, अब तक सुधार व समाधान हेतु कोई विभागीय ठोस कार्रवाई नहीं किया गया है।
राज्यपाल से मुलाकात कर निम्न मांगों पर कार्रवाई करने की मांग किया गया, जो निम्न हैं –
1) वर्तमान गैर-सरकारी औपबंधिक निबंधक सह सचिव (प्रशांत कुमार पांडेय) का कार्यकाल 13 अप्रैल 2025 को समाप्त होने के बाद भी पद पर आसीन होकर कई भ्रष्टाचार लिप्त व अनियमितता पूर्ण क्रियाशीलता जारी रखें हैं। अतः इनकी संपूर्ण कार्यकाल के सर्विस रिकॉर्ड का जांच हेतु एसआईटी कमिटी का गठन किया जाये।
(चूंकि इनके कार्यकाल में 500 से ज्यादा फार्मासिस्ट का निबंधन कराया गया है। प्रशांत कुमार पांडेय बिहार एवं झारखंड दो राज्य के फार्मासिस्ट काउंसिल से निबंधित है। जो की फार्मेसी एक्ट 1948 के धारा 32 (2) तथा 42 का उल्लंघन है।)
2) काउंसिल में मनोनीत अध्यक्ष,सचिव व अन्य सदस्यों का चयन सरकारी पद पर आसीन मूल झारखंडी फार्मासिस्ट को ही मनोनीत किया जाए। ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा सके। ( चूंकि गैर सरकारी एवं गैर फार्मासिस्ट विमलेश दुबे और गैर सरकारी धर्मेंद्र सिंह सहित पांच सदस्यों को मनोनीत करने का प्रक्रियाधीन हैं जो सभी गैर सरकारी हैं )
3) काउंसिल के पूर्व निर्वाचित सदस्यों की निर्वाचन प्रक्रिया को स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराया जाए। ( चूंकि निर्वाचन प्रक्रिया में फर्जी तरीके से पत्राचार करने का आरोप है।)
4) आगामी काउंसिल के निर्वाचित सदस्यों की निर्वाचन प्रक्रिया किसी स्वतंत्र आयोग द्वारा प्रत्यक्ष व पारदर्शी तरीके से किया जाए।
5) हमारे राज्य के कई फार्मेसी महाविद्यालय पीसीआई द्वारा मानक मापदंडों के अनुपालन नहीं होने के बाद भी लगातार काउंसिल के संरक्षण में गलत तरीके से संचालित हो रही है। इसकी जांच किया जाए।
6) निर्वाचित सदस्य धर्मेंद्र सिंह फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया नई दिल्ली के कार्यकारिणी समिति के सदस्य भी हैं। जो फर्जी तरीके से कॉलेजों को मान्यता प्रदत करने के मामले पर सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में आरोपित होने का सूचना है। जांच करते हुए सदस्यता रद्द किया जाए। जिसकी प्रतिलिपि डॉ. इरफान अंसारी मंत्री स्वास्थ्य विभाग झारखंड सरकार, मुख्य सचिव झारखंड सरकार, अपर मुख्य सचिव स्वा.चि.शि एवं प. कल्याण विभाग झारखंड सरकार, अध्यक्ष फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली, महानिदेशक,एंटी करप्शन ब्यूरो रांची झारखंड, सचिव सेंट्रल विजलेंस कमिश्नर नई दिल्ली को दिया गया हैं।
राज्यपाल ने मामला को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया हैं।मौके पर प्रतिनिधिमंडल में देवेन्द्र नाथ महतो, रविन्द्र नाथ महतो, लक्की रामू राज, गुलाम सरवर, विनय कुमार, आशीष चौधरी, पंकज कुमार एवं अन्य उपस्थित थे।
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