Dhanu Sankranti 2025 16 दिसंबर 2025 को सुबह 4:26 बजे सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे। पुण्यकाल 7:09 AM-12:23 PM, महापुण्यकाल 7:09-8:53 AM। सूर्य अर्घ्य, तिल-गुड़ दान और पूजा विधि। खरमास शुरू।
Dhanu Sankranti 2025: सूर्य का धनु गोचर और महत्व
सूर्य देव 16 दिसंबर 2025, मंगलवार को सुबह 4:26 बजे वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे धनु संक्रांति मनाई जाएगी और खरमास शुरू हो जाएगा। यह गोचर 14 जनवरी तक रहेगा, तब मकर संक्रांति होगी।
पंचांग के अनुसार स्वाती नक्षत्र, काउलव करण और तुला चंद्र राशि रहेगी। धनु संक्रांति ध्वंक्षी नाम से जानी जाती है, पश्चिम मुखी, वाराह वाहन, वृषभ सह-वाहन।
धनु संक्रांति शुभ मुहूर्त और पुण्यकाल
| समयावधि | तिथि-समय | विवरण |
|---|---|---|
| संक्रांति मोमेंट | 16 दिसंबर, 4:26 AM | सूर्य धनु प्रवेश |
| पुण्यकाल | 7:09 AM – 12:23 PM | पूजा-दान |
| महापुण्यकाल | 7:09 AM – 8:53 AM | सर्वश्रेष्ठ समय |
| पुण्य क्षण | 4:27 AM | विशेष लाभ |
सूर्य पूजा विधि स्टेप बाय स्टेप
सुबह ब्रह्म मुहूर्त उठकर तुलसी मिला स्नान करें। सूर्य को अर्घ्य दें – जल में लाल चंदन, तिल, कुशा डालें। आदि हृदय स्तोत्र या “ॐ घृणिः सूर्याय नमः” का जाप करें।
लाल फूल, तिल, गुड़, गेहूं, चावल दान करें। पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी) चढ़ाएँ। सूर्य मंत्र जाप से स्वास्थ्य, मानसिक शक्ति बढ़ती है।
धनु संक्रांति का आध्यात्मिक महत्व
धनु अग्नि तत्व राशि है, सूर्य गोचर से साहस, आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता बढ़ती है। धर्म त्रिकोण सक्रियण से जीवन पथ स्पष्ट होता है। बाधा निवारण, समृद्धि के लिए विशेष।
खरमास में मांगलिक कार्य वर्जित। सूर्य पूजा से आध्यात्मिक उन्नति, शांति, एकता।
राशि प्रभाव सारणी
विशेष दान-पुण्य
तिल, गुड़, गेहूं, चावल, लाल वस्त्र, तांबा सूर्य मंदिर में दान। सूर्य तीर्थ (वाराणसी) विशेष फलदायी।
क्विक रीकैप – मुख्य टिप्स
- तिथि: 16 दिसंबर 2025 (मंगलवार)
- संक्रांति: 4:26 AM
- पुण्यकाल: 7:09AM-12:23PM
- विधि: स्नान, अर्घ्य, स्तोत्र, दान
- महत्व: अग्नि ऊर्जा, खरमास प्रारंभ
FAQs
प्र.1: धनु संक्रांति कब है?
उ.1: 16 दिसंबर 2025, संक्रांति 4:26 AM।
प्र.2: पुण्यकाल कब तक?
उ.2: 7:09 AM-12:23 PM, महापुण्य 7:09-8:53 AM।
प्र.3: पूजा में क्या चढ़ाएँ?
उ.3: लाल फूल, तिल, गुड़, पंचामृत।
प्र.4: खरमास कब से?
उ.4: 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक।
प्र.5: कौन सा मंत्र जपें?
उ.5: ॐ घृणिः सूर्याय नमः, आदि हृदय स्तोत्र।
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