राँची । हरमू रांची स्थित आजसू पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आजसू छात्र संघ द्वारा प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा, प्रदेश महासचिव विशाल महतो, कार्यकारी अध्यक्ष बबलू महतो, वरीय उपाध्यक्ष ऋतुराज शाहदेव एवं प्रशांत महतो उपस्थित रहे।
प्रेस को संबोधित करते हुए प्रदेश महासचिव विशाल महतो ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड राज्य में इंजीनियरिंग (M.Tech/B.Tech/डिप्लोमा) और मेडिकल (UG BDS/MBBS) नामांकन प्रक्रिया में राज्य की आरक्षण नियमावली की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। इससे झारखंड के मूलवासी, आदिवासी, दलित, पिछड़े व शोषित वर्गों के अधिकारों पर सीधा हमला हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आजसू छात्र संघ के गहन अध्ययन में कई गंभीर तथ्य सामने आए हैं।
जिनमें से मुख्य बिंदु निम्न हैं –
- बीटेक और डिप्लोमा इंजीनियरिंग में “60/50 नीति” आरक्षण पर सीधा कुठाराघात
राज्य में B.Tech व डिप्लोमा नामांकन के लिए 40% ओपन सीटों को बढ़ाकर 50% कर दिया गया है, जो आरक्षण नीति के खिलाफ है।
- B.Tech हेतु राज्य में 4 सरकारी व 10 गैर सरकारी कॉलेज हैं, कुल सीटें 5266
- डिप्लोमा हेतु 17 सरकारी व 20 गैर सरकारी कॉलेज, कुल सीटें 10552
यह नीति झारखंड के छात्रों के लिए अवसरों की कटौती और बाहरी छात्रों को लाभ पहुंचाने का द्वार है।
2. मेडिकल नामांकन में आरक्षण की छलावा नीति – “85% में आरक्षण लागू”
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सीट के अनुसार 15% अखिल भारतीय कोटा घटाकर जो 85% सीटें बचती हैं, केवल उन्हीं पर आरक्षण लागू किया जा रहा है।
उदाहरण – यदि कुल सीटें 100 हों, तो आरक्षण केवल 85 सीटों पर। इससे 10% आरक्षित सीटें कम होकर अनारक्षित वर्ग में बदल जा रही हैं। यह आरक्षित वर्गों के संवैधानिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।
प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा ने कहा कि
“झारखंड के युवा मेहनत करके इंजीनियरिंग व मेडिकल की राष्ट्रीय परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करते हैं, परंतु अपने ही राज्य में उनके साथ अन्याय हो रहा है। डिग्रियाँ होते हुए भी रोजगार नहीं, अवसर नहीं।यह स्थिति अब बर्दाश्त नहीं होगी। झारखंड के युवाओं की चुप्पी अब टूटेगी।”
कार्यकारी अध्यक्ष बबलू महतो ने तीखे शब्दों में कहा कि
“जब 60/40 नहीं चलता झारखंड में, तो 60/50 कैसे चल सकता है? यह केवल नियम का उल्लंघन नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश है। आरक्षण की सुरक्षा दीवार तोड़ने के लिए ‘ओपन सीटों’ का दरवाज़ा चौड़ा किया जा रहा है। हम यह अन्याय सहन नहीं करेंगे।”
आजसू छात्र संघ की मांगें –
- बीटेक/डिप्लोमा में 50% ओपन सीट नीति को अविलंब रद्द किया जाए
- मेडिकल नामांकन में पूरी 100% सीटों पर आरक्षण रोस्टर लागू कर राज्य कोटा बनाया जाए। उसके बाद 15 प्रतिशत ओपन करके अखिल भारतीय कोटा किया जाए।
- झारखंड के मूलवासी, आदिवासी, दलित-पिछड़े वर्ग के अधिकारों की संविधान के अनुरूप रक्षा की जाए।
आजसू छात्र संघ ने स्पष्ट किया कि यदि राज्य सरकार द्वारा इन मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो पूरे झारखंड में चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा।यह आंदोलन छात्रों की आवाज बनकर, उनके हक व सम्मान की लड़ाई लड़ेगा।
झारखंड के युवाओं से अपील किया गया कि अब चुप रहने का समय नहीं हैं, अपने अधिकारों के लिए आगे बढ़े और एकजुट होकर आवाज बुलंद करें।आजसू छात्र संघ झारखंड के हर छात्र के साथ खड़ा हैं। न्याय की लड़ाई साथ मिलकर लड़ी जाएगी।
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