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Donald Trump की Nobel Peace Prize दावेदारी

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Donald triump Nobel Peace Prize
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Donald Trump की Nobel Peace Prize की दावेदारी पर विशेषज्ञों का विश्लेषण कि क्यों इस वर्ष उनकी जीत की संभावना कम है।

Donald Trump के Nobel Peace Prize के लिए दावे और विशेषज्ञों के संदेह

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्ष 2025 के नोबल शांति पुरस्कार के लिए दावेदारी पेश की है, जिसने विश्व समुदाय और विशेषज्ञों के बीच इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की संभावित विजेता को लेकर चर्चा को फिर से गर्मा दिया है। हालांकि ट्रंप के समर्थकों के जोरदार दावों के बावजूद विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष ट्रंप के पुरस्कार जीतने की संभावना बहुत कम है।

ट्रंप का नोबल शांति पुरस्कार दावेदारी का इतिहास
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल से ही नोबल शांति पुरस्कार के लिए कई बार नामांकन प्राप्त किया है। उनकी सबसे प्रमुख उपलब्धि के रूप में 2020 में इजरायल और कई अरब देशों के बीच बनाए गए अब्राहम समझौतों का हवाला दिया जाता है। अमेरिकी कांग्रेस की प्रतिनिधि क्लॉडिया तेनी ने भी दिसंबर 2024 में ट्रंप को इस पुरस्कार के लिए नामित किया। हालांकि, इस साल इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पाकिस्तान सरकार के नामांकन फरवरी के पहले दिन की समय सीमा के बाद आए, इसलिए ये नामांकन 2025 के लिए वैध नहीं माने जाएंगे।

विशेषज्ञों की विशेषज्ञता और संदेह
नोर्वेजियन नोबल कमेटी पारंपरिक रूप से लंबी अवधि और स्थायी शांति को महत्व देती है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय भाईचारे और शांतिपूर्ण सहयोग को बढ़ावा देने वाली संस्थाओं के कार्यों को प्राथमिकता देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की नीतियां और बयान अक्सर बहुपक्षीय संस्थाओं के प्रति उपेक्षा दिखाते हैं और उन्होंने जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों को नजरअंदाज किया है, जो नोबल समिति के महत्वपूर्ण मानदंडों में से एक है।

विश्लेषकों का दृष्टिकोण
थियो ज़ेनू, हेनरी जैक्सन सोसाइटी के शोधकर्ता, कहते हैं कि “लड़ाई को रोकना और स्थायी और जड़ से समस्या का समाधान करना दो बहुत अलग बातें हैं।” उनकी राय में ट्रंप के प्रयासों की स्थिरता अभी साबित नहीं हुई है और यह नोबल पुरस्कार के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा ट्रंप की क्लाइमेट चेंज के प्रति अनदेखी भी उनकी दावेदारी के लिए बाधक हो सकती है।

ट्रंप की चर्चाएं और प्रतिक्रियाएं
ट्रंप ने कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा है कि उन्हें यह पुरस्कार मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने सात युद्धों को समाप्त किया है। इस वर्ष उन्होंने गाजा युद्ध के समाधान के लिए अपने शांति प्रस्ताव के माध्यम से आठवें युद्ध को समाप्त करने की बात भी कही है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रकार की राजनीतिक बयानबाजी नोबल समिति के लिए नकारात्मक है, क्योंकि समिति पर बाहरी राजनीतिक दबाव नहीं दिखना चाहिए।

नोबल पुरस्कार की प्रक्रिया और इसके महत्व पर विशेषज्ञ चर्चा
नोबल पुरस्कार समिति नॉर्वे की संसद द्वारा नियुक्त पांच सदस्यों की होती है, जो अपने निर्णय बंद कमरे में करती है। समिति आमतौर पर उन प्रयासों को पुरस्कृत करती है जो दीर्घकालिक शांति, सामाजिक न्याय और वैश्विक सहयोग को मजबूत करते हैं। पिछले विवादों में बाराक ओबामा की जल्दी पुरस्कार प्राप्ति और ट्रंप के उद्दंड व्यवहार प्रभावित कारक रहे हैं।


ट्रंप की नोबल शांति पुरस्कार की दावेदारी, भले ही विश्वसनीय और प्रभावशाली धारणा हो, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार उनके इतिहास और नीति से यह दर्शाया गया है कि इस साल यह पुरस्कार उनको मिलने की संभावना बहुत कम है। यह बहस नोबल पुरस्कार की पारदर्शिता, योग्यता मानकों और राजनीतिक प्रभावों पर चर्चा को भी उजागर करती है।

FAQs

  1. डोनाल्ड ट्रंप को नोबल शांति पुरस्कार के लिए किस कारण नामांकित किया गया?
  2. नोर्वेजियन नोबल कमेटी पुरस्कार के लिए किन मापदंडों का पालन करती है?
  3. ट्रंप के किन राजनीतिक नीतियों को विशेषज्ञ नकारते हैं?
  4. क्या ट्रंप खुद को नोबल पुरस्कार के लिए नामांकित कर सकते हैं?
  5. पिछले वर्षों में ट्रंप की नोबल पुरस्कार प्राप्ति की संभावना कैसी रही?
  6. नोबल शांति पुरस्कार प्रक्रिया में राजनीतिक दबाव का क्या प्रभाव होता है?
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