गंगा-जमुनी तहज़ीब के प्रतीक बन रहे साहित्यिक प्रयास
रामगढ़ । धर्म और साहित्य के संगम का अनुपम उदाहरण रामगढ़ जिले में देखने को मिला, जब झारखंड राज्य साहित्य संगम की जिला समिति का विधिवत गठन किया गया। इस अवसर ने धार्मिक पर्वों की पवित्र भावना को साहित्यिक चेतना के साथ जोड़ते हुए गंगा-जमुनी तहज़ीब की जीवंत मिसाल प्रस्तुत की।
समिति गठन के अवसर पर झारखंड साहित्य संगम के प्रदेश संरक्षक डॉ. वासुदेव प्रसाद, प्रदेश अध्यक्ष कफिलुर रहमान, तथा प्रदेश महासचिव डॉ. ओम प्रकाश की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का संचालन और संयोजन डॉ. अमीन रहबर के सशक्त नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।
अपने प्रेरक वक्तव्य में डॉ. रहबर ने कहा-
“धर्म और साहित्य समाज की आत्मा हैं। जब इन दोनों का संगम होता है, तब समाज में प्रेम, सद्भाव और सांस्कृतिक एकता का प्रकाश फैलता है। गंगा-जमुनी तहज़ीब इसी एकता की पहचान है।”
बैठक में सर्वसम्मति से रामगढ़ जिला समिति के पदाधिकारियों का चयन किया गया, जिसमें—
संरक्षक : डॉ. सिद्धेश्वर कश्यप, डॉ. शाहनवाज खान, डॉ. सरोज झारखंडी
अध्यक्ष : डॉ. अशरफ अली
उपाध्यक्ष : मो. आबिद
सचिव : डॉ. गजाधर महती प्रभाकर
उप सचिव : मजहर इमाम
प्रवक्ता : मो. जज़्बर अंसारी, नरेश प्रजापति
मीडिया प्रभारी : मो. सलीम अंसारी
का नाम सर्वसम्मति से घोषित किया गया।
सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने यह संकल्प लिया कि झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और साहित्यिक परंपरा को नए आयामों तक पहुँचाया जाएगा तथा साहित्य को सामाजिक एकता और राष्ट्रीय चेतना का माध्यम बनाया जाएगा।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि डॉ. अमीन रहबर का यह प्रयास न केवल साहित्यिक नवजागरण का संकेत है, बल्कि यह गंगा-जमुनी तहज़ीब और भारतीय एकता का सशक्त प्रतीक बन चुका है।अंत में धन्यवाद ज्ञापन कफिलुर रहमान ने किया।
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