नई दिल्ली : डीआरडीओ के रक्षा प्रौद्योगिकी एवं परीक्षण केंद्र (डीटीटीसी), लखनऊ ने 06 सितंबर, 2025 को अमौसी परिसर में एक सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे को और विकसित करना था। विभिन्न एमएसएमई, स्टार्ट-अप और लघु उद्योग भारती के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने डीआरडीओ द्वारा कौशल विकास, अनुसंधान एवं विकास हेतु वित्त पोषण, तकनीकी परामर्श और प्रौद्योगिकी विकास एवं हस्तांतरण के पहलुओं पर विचार-विमर्श किया।
अपने उद्घाटन भाषण में, डीआरडीओ अध्यक्ष ने डीटीटीसी को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दिमाग की उपज बताया, जो आज उद्योगों के लाभ के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहा है। उन्होंने एमएसएमई को विभिन्न तकनीकों और उद्योग-केंद्रित नीतियों के बारे में जानकारी दी और कहा कि एमएसएमई के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास में शामिल होने का यह उपयुक्त समय है। उन्होंने आश्वासन दिया कि डीआरडीओ देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने और 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए एमएसएमई को हर संभव सहायता प्रदान करेगा।
रक्षा मंत्री ने सम्मेलन के आयोजन के लिए डीआरडीओ और एमएसएमई की सराहना की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में एमएसएमई द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।
इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले गणमान्य व्यक्तियों में महानिदेशक (नौसेना प्रणाली एवं सामग्री) डॉ. आर.वी. हारा प्रसाद, महानिदेशक (प्रौद्योगिकी प्रबंधन) डॉ. एल.सी. मंगल और महानिदेशक (मानव संसाधन) डॉ. मयंक द्विवेदी शामिल थे।
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