Home बिहार 300 दिनों के लंबे अंतराल के बाद खुला गुरुकुल, सुंदरकांड पाठ कर शुरु हुआ आयोजन
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300 दिनों के लंबे अंतराल के बाद खुला गुरुकुल, सुंदरकांड पाठ कर शुरु हुआ आयोजन

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कोरोना काल के कारण 300 दिनों के लंबे अंतराल के बाद बिहार के चर्चित गुरु डॉक्टर एम रहमान का अदम्या अदिति गुरुकुल सोमवार से फिर से शुरू हो गया है। बता दें कि इस अनूठे गुरूकुल मे प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को पटना के नया टोला गोपाल मार्केट स्थित गुरु डॉक्टर एम रहमान के गुरुकुल अदम्या आदिति में समेकित रूप से सुंदरकांड का पाठ करते हजारों छात्र एक अनूठी मिसाल पेश करते हैं।

गंगा जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल बना गुरुकुल

एक तरफ जहां पूरे देश धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की जा रही है वहीं वर्षों से प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार सुंदरकांड के पाठ करने की परंपरा इस गुरुकुल में सामाजिक सौहार्द के साथ ही साथ धार्मिक एकता की भी अनूठी मिसाल पेश कर रही है। वेद कुरान के ज्ञाता ‘इतिहास विद द प्रेम’ रहमान कहते हैं कि हिंदू और मुसलमान से बड़ा है एक सच्चा देशभक्त होना और जिस देश में लोग मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में भगवान राम को पूजते हैं। उनके आदर्शों पर चलने में धर्म कहां आड़े आती है पवन पुत्र हनुमान शक्ति के संवर्धक है। प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के मन को एकाग्र करने तथा निराशा के भाव को समाप्त करने के लिए वर्षों से उनके संस्थान में उनके सहयोगी मुन्ना जी के अथक सहयोग से सुंदरकांड का पाठ होते आ रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म को आस्था से नहीं जोड़ा जा सकता सुंदरकांड का पाठ मन मस्तिष्क में नई ऊर्जा का सृजन करता है। इसी कारण से उनके संस्थान में प्रत्येक महीने के एक मंगलवार को सामूहिक रूप से सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। इसमें संस्थान में अध्ययनरत प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले शिक्षकों से लेकर हजारों की तादाद में छात्र-छात्राएं भाग लेते हैं। अब तक उनके संस्थान से हजारों की तादाद में छात्र-छात्राएं क्लर्क से लेकर कलेक्टर तक की परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर चुके हैं।

कम शुल्क में मिलती है उत्तम शिक्षा

₹11 का ₹51 और ₹101 की गुरु दक्षिणा में आज भी असहाय गरीब और दिव्यांग छात्रों को उनके गुरुकुल में शिक्षा दी जाती है और यह अनवरत चलता रहेगा। वे खुद ही दिधिचि देह दान अभियान समिति से जुड़कर अपना संपूर्ण शरीर दान कर चुके हैं तथा अब तक दर्जनों लोगों को प्रेरित कर शरीर दान करवा चुके है। गुरुकुल के निदेशक मुन्ना जी ने बताया कि सुंदरकांड के पाठ से छात्र-छात्राओं का मानसिक स्तर भी विकसित होता है। बिहार दरोगा परीक्षा में इनके संस्थान ने रिकॉर्ड स्थापित किया है कि संस्थान से अब तक 7000 से ज्यादा छात्र छात्राएं सफल हुए है साथ ही साथ विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी इनके संस्थान से सफल छात्रों का औसत काफी बेहतर है।

लेखकः अनूप नारायण सिंह

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