धनबाद। विजयादशमी के अवसर पर मां दुर्गा की विदाई शहर में भक्ति, उल्लास और परंपरा का संगम बनी। हीरापुर हरी मंदिर एवं दुर्गा मंदिर परिसर में दशमी पूजा के बाद महिलाओं ने पारंपरिक “सिंदूर खेला” का आयोजन किया। सुहागिन महिलाओं ने मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित कर एक-दूसरे की मांग सजाई और अखंड सौभाग्य व पतियों की लंबी आयु की मंगलकामनाएं कीं। इस दौरान लाल परिधानों में सजी महिलाएं उत्साहपूर्वक नृत्य करती नजर आईं।
“सिंदूर खेला” सदियों पुरानी परंपरा है, जो मां दुर्गा की विदाई के साथ जुड़ी है। इसका उद्देश्य देवी का आशीर्वाद लेकर वैवाहिक जीवन की खुशहाली और परिवार की समृद्धि की कामना करना होता है।
दूसरी ओर, दशमी पर घट विसर्जन का कार्यक्रम भी उमंग और आस्था के बीच सम्पन्न हुआ। बारिश की फुहारों के बावजूद भारी संख्या में श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों और डीजे की धुन पर थिरकते हुए जुलूस की शक्ल में निकले। गाजे-बाजे के बीच तालाब पहुंचकर मां दुर्गा के कलश का विधिवत विसर्जन किया गया। इस दौरान “बोलो दुर्गा मां की जय” के गगनभेदी जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठा।
इन धार्मिक अनुष्ठानों के साथ ही नौ दिनों तक चले दुर्गा पूजा महोत्सव का समापन हुआ। श्रद्धालुओं ने विश्वास जताया कि मां दुर्गा का आशीर्वाद उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आएगा।
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