ED ने डिजिटल गिरफ्तारी, अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग और फर्जी नोटिस भेजने के ₹100 करोड़ के साइबर फ्रॉड में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
फेक ED और SC नोटिस भेजकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले चार लोग हिरासत में
नई दिल्ली: एंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने अहमदाबाद में डिजिटल गिरफ्तारी, फर्जी नोटिस भेजने और अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग से जुड़े ₹100 करोड़ के साइबर फ्रॉड रैकेट के आरोप में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी मक़बूल अब्दुल रहमान डॉक्टर, काशिफ मक़बूल डॉक्टर, महेश मफतलाल देसाई और ओम राजेंद्र पांड़्या को शुक्रवार को विशेष न्यायालय में पेश किया गया, जहां से पाँच दिन की ED कस्टडी पर भेजा गया।
ED के अनुसार, आरोपियों ने अपने सहयोगियों और कर्मचारियों के नाम पर बैंक खाते खोलकर ₹100 करोड़ से अधिक की कमाई को धोखाधड़ी के माध्यम से लैन्डर किया। इसके लिए उन्होंने प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड का उपयोग किया। धोखाधड़ी के पैसों को USDT क्रिप्टो करेंसी में बदला गया और हवाला ऑपरेटरों के जरिए नकदी को छिपाया गया।
मक़बूल डॉक्टर, उनके बेटे काशिफ और बासम, महेश देसाई, ओम पांड़्या और उनके साथी विभिन्न साइबर फ्रॉड जैसे डिजिटल गिरफ्तारी, फॉरेक्स ट्रेडिंग और फर्जी ED तथा सुप्रीम कोर्ट नोटिस भेजकर निर्दोष लोगों को ठगने में संलिप्त पाए गए।
देशव्यापी अभियान के तहत ED अब तक ₹8500 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त कर चुकी है और ₹28000 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी प्रकाश में लाई गई है। दिल्ली के स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और HQ Investigations Units (HIUs) भी इस जांच में शामिल हैं, जो अभी तक 106 संदिग्धों की गिरफ्तारी कर चुके हैं।
ED की कार्रवाई ने डिजिटल और साइबर फ्रॉड के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी है। ऐसी धोखाधड़ी और मनी लॉन्डरिंग के खिलाफ निगरानी और सख्ती आवश्यक है, ताकि आम जनता को सुरक्षित रखा जा सके। जांच अभी जारी है और और गहराई तक नेटवर्क का खुलासा किया जाएगा।
FAQs
- डिजिटल गिरफ्तारी रैकेट में कौन-कौन गिरफ्तार हुए?
- मक़बूल डॉक्टर, काशिफ मक़बूल डॉक्टर, महेश देसाई, और ओम राजेंद्र पांड़्या।
- आईपीसी की कौन सी धारा के तहत मामला दर्ज है?
- Official Secrets Act के तहत।
- आरोपियों ने कैसे साइबर फ्रॉड किया?
- फर्जी ED और सुप्रीम कोर्ट नोटिस भेज, डिजिटल गिरफ्तारी और फॉरेक्स ट्रेडिंग के माध्यम से।
- ED ने अब तक कितनी संपत्ति जब्त की है?
- ₹8500 करोड़ से अधिक।
- मनी लॉन्ड्रिंग किस माध्यम से की गई?
- क्रिप्टोकरेंसी (USDT) और हवाला ऑपरेटरों के जरिये।
- जांच में अभी क्या स्थिति है?
- 106 से ज्यादा संदिग्ध गिरफ्तार, जांच जारी।
Leave a comment