दिल्ली के रेड फोर्ट के पास हुए धमाके के एक दिन बाद फरीदाबाद से 50 किलो विस्फोटक बरामद, जांच अब NIA के सुपुर्द।
दिल्ली धमाके की जांच NIA को सौंपने का फैसला, दो आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
दिल्ली के रेड फोर्ट के पास सोमवार शाम लगभग 6:50 बजे हुए तेज धमाके के एक दिन बाद फरीदाबाद पुलिस ने लगभग 50-60 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की है। इस धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हैं। धमाका चांदनी चौक के पास एक भीड़भाड़ वाले इलाके में हुआ था।
सरकार ने इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने का फैसला किया है। पुलिस ने धमाके से जुड़ी मिस्त्री में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। ये गिरफ्तारियां और बरामदगियां उस समय हुई हैं जब पुलिस ने फरीदाबाद में एक कश्मीर के डॉक्टर, मुजम्मिल शाकिल, के दो किराए के कमरे से 2,900 किलो विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ बरामद किए थे।
मुजम्मिल शाकिल और एक अन्य कश्मीरी डॉक्टर, अदील अहमद रदर, उन आठ लोगों में शामिल हैं जिन्हें ‘व्हाइट- कॉलर टेरर’ मॉड्यूल का हिस्सा मानते हुए हिरासत में लिया गया है। यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अन्सार गज़वात-उल-हिंद से जुड़ा बताया जा रहा है, और जम्मू-कश्मीर, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में सक्रिय था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने धमाके के बाद उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि “सभी संभावनाओं की जांच की जा रही है और पूरी जांच की जाएगी जिसमें सभी विकल्प शामिल होंगे।”
दिल्ली पुलिस की एफआईआर में इस धमाके को ‘बम ब्लास्ट’ बताया गया है, जिसमें साजिश और आतंकवादी हमले के संदर्भ में गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम की धाराओं का आकलन किया गया है।
यह घटना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक गंभीर चुनौती पेश करती है और जांच एजेंसियां मामले को लेकर सतर्क हैं।
FAQs:
- दिल्ली रेड फोर्ट के पास धमाका कब और कैसे हुआ?
- फरीदाबाद से कितनी विस्फोटक सामग्री बरामद हुई और उसका प्रभाव क्या है?
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच का महत्व क्या है?
- ‘व्हाइट- कॉलर टेरर’ मॉड्यूल किस प्रकार का है और इसमें कौन शामिल हैं?
- केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं?
Leave a comment