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Heart Attack के पहले 30 मिनट:डॉक्टर किन 3 दवाओं से जान बचाने की बात करते हैं?

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Heart Attack के पहले 30 मिनट में सही कदम जान बचा सकते हैं। जानिए डॉक्टर किन 3 दवाओं पर ज़ोर देते हैं, एस्पिरिन कब चबानी चाहिए, नाइट्रोग्लिसरीन/स्टैटिन की क्या भूमिका है और आम लोग क्या गलती न करें।

Heart Attack के पहले 30 मिनट इतने ज़रूरी क्यों होते हैं?

हार्ट अटैक में दिल की नली अचानक ब्लॉक हो जाती है और जिस हिस्से को खून नहीं मिलता, वहां की मसल्स मिनट–मिनट में मरने लगती हैं। कार्डियोलॉजी गाइडलाइंस साफ कहती हैं कि जितनी जल्दी ब्लड फ्लो बहाल किया जाए और क्लॉटिंग को रोका जाए, उतनी ही ज्यादा मसल्स बचाई जा सकती हैं और सर्वाइवल बढ़ता है—इसी को “time is muscle” कहा जाता है।

समस्या यह है कि बहुत से मरीज सीने में दबाव, जलन, पसीना या साँस फूलने को गैस या थकान समझकर 1–2 घंटा घर पर ही गुजार देते हैं, जिससे बाद में हॉस्पिटल पहुंचकर भी नुकसान उल्टा नहीं किया जा पाता। इसीलिए रिकमेंडेशन है कि संदिग्ध हार्ट अटैक में खुद इलाज करने से ज्यादा ज़रूरी है तुरंत इमरजेंसी कॉल करना, सही दवा समय पर देना और बाकी सब काम प्रोफेशनल टीम पर छोड़ना।


घबराएं नहीं, तुरंत ये 3 कदम: कॉल, एस्पिरिन, आरामदायक पोज़िशन

  1. तुरंत इमरजेंसी नंबर (जैसे 108 आदि) पर कॉल करें और एंबुलेंस बुलाएं – खुद ड्राइव न करें और न ही घरवाले को कार में डालकर भागें, क्योंकि रास्ते में हालत बिगड़ने पर CPR और डिफिब्रिलेशन जैसी चीजें सिर्फ मेडिकल टीम ही कर सकती है।
  2. अगर मरीज होश में है, बैठ सकता है और उसे एस्पिरिन से एलर्जी, बहुत तेज़ खून बहना या हाल की बड़ी सर्जरी जैसा काउंटर–इंडिकेशन नहीं है, तो 150–300 mg एस्पिरिन (आमतौर पर 300 mg टैबलेट) चबाकर निगलने की सलाह कई पब्लिक–हेल्थ और हार्ट–अटैक फर्स्ट–एड गाइड में दी जाती है। चबाने से दवा जल्दी खून में जाती है और खून को पतला करके क्लॉट के बढ़ने को रोकने में मदद कर सकती है।
  3. मरीज को लेटा कर या हल्का सिर ऊंचा करके आरामदायक पोज़िशन में रखें, टाइट कपड़े ढीले करें और उसे बात करते हुए शांत रखने की कोशिश करें। अगर डॉक्टर ने पहले से हार्ट की बीमारी के लिए नाइट्रोग्लिसरीन (GTN) टैबलेट या स्प्रे लिख रखी है, तो उसे डॉक्टर के बताए तरीके से जीभ के नीचे दिया जा सकता है—लेकिन ब्लड प्रेशर बहुत गिरा हो या बेहोशी हो, तो नाइट्रो नहीं देना चाहिए।

दवा 1: एस्पिरिन – लगभग हर गाइडलाइन की “कॉर्नरस्टोन” दवा

एस्पिरिन हार्ट अटैक में इस्तेमाल होने वाली सबसे बेसिक, सस्ती और असरदार दवाओं में से है, जो प्लेटलेट्स को क्लम्प होने से रोककर खून के थक्के को बढ़ने से रोकती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और कई नेशनल हेल्थ सर्विस गाइडलाइंस सस्पेक्टेड हार्ट अटैक में 150–300 mg एस्पिरिन (चबाकर) देने की सलाह देती हैं, बशर्ते एलर्जी या एक्टिव ब्लीडिंग न हो।

क्लासिक ट्रायल्स और बाद की मेटा–एनालिसिस ने दिखाया कि एस्पिरिन समय पर देने से मौत और दोबारा हार्ट अटैक का रिस्क काफी हद तक घटाया जा सकता है, खासकर जब इसे हॉस्पिटल में दी जाने वाली दूसरी एंटिप्लेटलेट दवाओं (जैसे क्लोपिडोग्रेल या टिका्ग्रेलर) के साथ जोड़ा जाए। यही कारण है कि लगभग हर ACS (acute coronary syndrome) प्रोटोकॉल में “पहला डोज़ एस्पिरिन” सबसे ऊपर लिखा होता है।


दवा 2: दूसरी एंटिप्लेटलेट दवा – क्लोपिडोग्रेल/टिकाग्रेलर (लेकिन यह हॉस्पिटल/डॉक्टर का काम है)

एस्पिरिन के साथ दूसरी प्लेटलेट–ब्लॉकिंग दवा (क्लोपिडोग्रेल, प्रासुग्रेल, टिकाग्रेलर आदि) जोड़कर ड्यूल एंटिप्लेटलेट थेरेपी बनाई जाती है, जिससे क्लॉट बनने की संभावना और ज्यादा घटती है। गाइडलाइंस के मुताबिक ये दवाएं आमतौर पर हॉस्पिटल में या एंबुलेंस में डॉक्टर की सुपरविजन में लोडिंग डोज़ के रूप में दी जाती हैं, क्योंकि ब्लीडिंग रिस्क, स्टेंट प्लान और बाकी फैक्टर्स देखकर सही विकल्प चुनना पड़ता है।

इसलिए आम लोगों के लिए मैसेज यह नहीं होना चाहिए कि घर पर ही क्लोपिडोग्रेल लोड कर लें, बल्कि यह समझना है कि हार्ट अटैक मैनेजमेंट में एस्पिरिन अकेली नहीं, बल्कि “ड्यूल एंटिप्लेटलेट” कॉम्बो की शुरुआत जितनी जल्दी हो, उतना अच्छा माना जाता है—पर इसका दूसरा हिस्सा विशेषज्ञ टीम की जिम्मेदारी है।


दवा 3: हाई–इंटेंसिटी स्टैटिन – जितनी जल्दी शुरू हो, उतना फायदा

नयी ACC/AHA और ESC गाइडलाइंस के अनुसार, हर एक्युट माइकार्डियल इंफार्क्शन (ACS) मरीज को हॉस्पिटल में आते ही या डिस्चार्ज से पहले हाई–इंटेंसिटी स्टैटिन (जैसे एटोरवास्टैटिन 40–80 mg या रोसूवास्टैटिन 20–40 mg) शुरू करने की जोरदार सिफारिश की जाती है। पुराने बड़े ट्रायल्स और रजिस्ट्रियों ने दिखाया कि AMI के तुरंत बाद स्टैटिन शुरू करने से 1 साल की मौत, अगले हार्ट अटैक और दूसरी कार्डियोवैस्कुलर घटनाओं का रिस्क घटता है, शायद इसलिए कि यह न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल कम करते हैं बल्कि प्लाक को स्टेबल भी बनाते हैं।

हालांकि स्टैटिन आम तौर पर हॉस्पिटल सेटिंग में शुरू की जाती है, लेकिन जिन मरीजों को पहले से हाई–इंटेंसिटी स्टैटिन प्रिस्क्राइब है, उनके लिए कंटिन्युटी मेंटेन करना और बाद में डोज़ को सही स्तर पर रखना बेहत ज़रूरी है। कई गाइडलाइंस यह भी बताती हैं कि डिज़्चार्ज के बाद स्टैटिन को “लाइफ–लॉन्ग” सेकेंडरी प्रिवेंशन ड्रग के रूप में चालू रखना चाहिए, जब तक कोई साइड–इफेक्ट या खास काउंटर–इंडिकेशन न हो।


बेहतर समझ के लिए: हार्ट अटैक में आमतौर पर कौन–सी दवाएं दी जाती हैं?

निम्न सारणी अंदाज़ा देती है कि एक्यूट हार्ट अटैक (ACS) में मुख्य दवाएं क्या हैं और उनकी भूमिका क्या है (सरलीकृत रूप, सटीक ट्रीटमेंट हमेशा गाइडलाइन और डॉक्टर तय करते हैं)।

दवा / ग्रुपमुख्य कामआमतौर पर कब शुरू की जाती है
एस्पिरिनप्लेटलेट्स को चिपकने से रोककर क्लॉट को बढ़ने से रोकती हैसंदिग्ध हार्ट अटैक पर तुरंत, घर/एंबुलेंस/ER में
दूसरी एंटिप्लेटलेट (क्लोपिडोग्रेल, टिकाग्रेलर आदि)एस्पिरिन के साथ मिलकर और मज़बूत प्लेटलेट ब्लॉक बनाती हैं (ड्यूल एंटिप्लेटलेट)एंबुलेंस/हॉस्पिटल में, कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा
स्टैटिन (हाई–इंटेंसिटी)कोलेस्ट्रॉल कम करके और प्लाक स्टेबलाइज़ करके भविष्य के अटैक और मौत का रिस्क घटाती हैहॉस्पिटल में जल्दी शुरू, डिस्चार्ज के बाद जारी
नाइट्रोग्लिसरीननलियों को फैलाकर दर्द और कंजेशन में अस्थायी राहतडॉक्टर द्वारा, ब्लड प्रेशर देखकर
बीटा–ब्लॉकरदिल की धड़कन और प्रेशर कम करके मसल्स पर लोड घटाते हैंज़्यादातर केस में हॉस्पिटल में शुरुआती 24 घंटे में, अगर BP और हार्ट फंक्शन अनुमति दें
थ्रोम्बोलिटिक (क्लॉट–बस्टर)ब्लॉकिंग क्लॉट को घोलने की कोशिशजहां तुरंत एंजियोप्लास्टी (PCI) संभव न हो, हॉस्पिटल/एंबुलेंस सेटिंग में

आम लोग ये 5 गलतियां बिल्कुल न करें

  1. “गैस” समझकर 1–2 घंटा वेट करना, घरेलू इलाज या पेनकिलर लेना।
  2. खुद गाड़ी चलाकर हॉस्पिटल जाने की कोशिश करना, बजाय एंबुलेंस/इमरजेंसी कॉल के।
  3. खुद से नाइट्रोग्लिसरीन, दूसरी दिल की दवा या पेन–किलर देना, जबकि मरीज का ब्लड प्रेशर, ECG या ड्रग–इंटरैक्शन पता न हो।
  4. इंटरनेट पर पढ़कर खुद क्लोपिडोग्रेल/एंटिकोआगुलेंट शुरू कर देना।
  5. एस्पिरिन एलर्जी या एक्टिव ब्लीडिंग हिस्ट्री के बावजूद हर बार एस्पिरिन देना।

सही एप्रोच यह है कि संदिग्ध हार्ट अटैक में “कम से कम” दो चीजें तुरंत और सुरक्षित रूप से की जाएं—इमरजेंसी कॉल और (अगर एलर्जी/कॉन्ट्रा–इंडिकेशन न हो) एस्पिरिन चबाना—बाकी सारी एडवांस्ड दवाएं, खुराक और प्रोसीजर कार्डियक टीम पर छोड़ देना।


FAQs

1. संदिग्ध हार्ट अटैक में घर पर एस्पिरिन कितनी देनी चाहिए और कैसे?
कई नेशनल और कार्डियोलॉजी गाइडलाइंस संदिग्ध हार्ट अटैक में 150–300 mg एस्पिरिन चबाकर निगलने की सलाह देती हैं, बशर्ते मरीज को एस्पिरिन से एलर्जी, एक्टिव ब्लीडिंग, हाल की बड़ी सर्जरी, स्ट्रोक या डॉक्टर द्वारा मना किया हुआ न हो। चबाने से दवा जल्दी खून में पहुंचती है और नली में बने क्लॉट को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकती है, लेकिन यह एंबुलेंस बुलाने या हॉस्पिटल जाने का विकल्प कभी नहीं है।

2. क्या घर में नाइट्रोग्लिसरीन (GTN) रखकर हर सीने के दर्द में ले लेना ठीक है?
नहीं; नाइट्रोग्लिसरीन ब्लड प्रेशर गिरा सकता है और अगर सही स्थिति में, सही डोज़ में न दिया जाए तो हालत और बिगड़ सकती है। यह सिर्फ उन्हीं मरीजों को दिया जाना चाहिए जिनको पहले से कार्डियोलॉजिस्ट ने एंजाइना/हार्ट डिजीज के लिए प्रिस्क्राइब किया हो और जिनका BP वगैरह पहले से मॉनिटर किया गया हो।

3. क्या हर हार्ट अटैक मरीज को स्टैटिन ज़रूर लेनी चाहिए?
ACS और हार्ट अटैक के आधुनिक गाइडलाइंस हाई–इंटेंसिटी स्टैटिन को लगभग सभी मरीजों के लिए स्ट्रॉन्ग रिकमेंडेशन के रूप में रखती हैं, जब तक कोई गंभीर काउंटर–इंडिकेशन न हो। रिसर्च दिखाती है कि जल्दी शुरू की गई और लंबे समय तक जारी रखी गई स्टैटिन थैरेपी अगले हार्ट अटैक, स्ट्रोक और मृत्यु के रिस्क को कम कर सकती है।

4. क्या घर पर “हार्ट अटैक किट” बनाना फायदेमंद है?
एक बेसिक किट जिसमें लो–डोज़ एस्पिरिन, डॉक्टर द्वारा पहले से प्रिस्क्राइब्ड नाइट्रोग्लिसरीन (अगर कोई हार्ट डिजीज हो), और फैमिली को सिखाया हुआ CPR गाइड/नंबर हो, इमरजेंसी में मददगार हो सकता है। लेकिन क्लोपिडोग्रेल, थ्रोम्बोलिटिक या दूसरी पावरफुल दवाएं घर में रखकर खुद से देने की कोशिश खतरनाक हो सकती है और मौजूदा गाइडलाइंस इसे सपोर्ट नहीं करतीं।

5. अगर सीने का दर्द हार्ट अटैक न निकले तो क्या एस्पिरिन लेने से नुकसान होगा?
ज्यादातर स्वस्थ वयस्क में एक बार 150–300 mg एस्पिरिन लेने से बड़ा नुकसान नहीं होता, लेकिन जिनको पेट में अल्सर, एक्टिव ब्लीडिंग, स्ट्रोक या एस्पिरिन एलर्जी हो, उनमें रिस्क बढ़ सकता है। इसलिए अगर आपकी हेल्थ हिस्ट्री कॉम्प्लेक्स है, तो अपने डॉक्टर से पहले से यह क्लियर कर लेना बेहतर है कि संदिग्ध हार्ट अटैक में आपके लिए “होम एस्पिरिन स्ट्रेटेजी” क्या होनी चाहिए।

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