कार्यशाला में कक्षा 10 से कक्षा 12 तक के सैकड़ों छात्राओं ने भाग लिया
रांची। मंगलवार को सामाजिक संस्था समर्पण चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से कांके कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय ( केजीबीवी ) में पांच दिवसीय एआई कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।
इसका उद्घाटन स्कूल की प्राचार्या अंजली गांगुली, समर्पण चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी आनंद केडिया, उमेश केडिया, स्मिता केडिया, रिलेशंस के निदेशक आशुतोष द्विवेदी, रंगकर्मी ऋषिकेश लाल, रेशमा परवीन समेत कई गणमान्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर स्कूल के कंप्यूटर टीचर सतीश नायक ने सैकड़ों बालिकाओं को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के बारे में विस्तृत जानकारी साझा किया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्राओं में तकनीकी ज्ञान को बढ़ाना था। इस कार्यशाला में छात्राओं को आधुनिक तकनीक के प्रति जागरूक और सशक्त किया गया।
साथ ही साथ बालिकाओं को वास्तविक दुनिया में उपयोग के लिए सरल एआई अवधारणाएं समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी दिया गया और उभरती हुई तकनीक से भी बच्चों को परिचय कराया गया।
आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस ( कृत्रिम बुद्धिमता) है,यह एक ऐसी तकनीक है,जो मशीनों को इंसानों की तरह सोचने, सीखने और समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाती है।यह विशाल डेटा का विशेषण करके पैटर्न पहचानती है। भविष्यवाणी करती है, जिससे मशीने स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकती है।
इस अवसर पर छात्राओं को ऐआई कैसे काम करता है, इसके प्रकार और अनुप्रयोग, मशीनें कैसे मानव भाषा को समझती है और इसकी प्रतिक्रिया देती है आदि कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी गई।
इस अवसर पर बच्चों ने एआई के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं से भी अवगत कराया।सोशल मीडिया प्लेटफार्म में यूजर्स के इंटरेस्ट का पैटर्न समझती है और उनका सारा डाटा इकठ्ठा करती है।इसी डेटा का इस्तेमाल कर वो यूजर को इस तरह के विज्ञापन या फिड करती है। इसमें निजी सुरक्षा को नुकसान पहुंच सकता है। क्यूंकि पूरा डेटा पर निर्भर होगा, इसलिए इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों की प्राई वैसी पर इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
इस पांच दिवसीय कार्यशाला में छात्रायें काफी कुछ सीख पाएंगी।यह जानकारी अमन ने दी।
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