नई दिल्ली /रांची । शिबू सोरेन का सोमवार 4 अगस्त को नई दिल्ली के एक अस्पताल में 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया।शिबू सोरेन का नई दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में काफी दिनों से इलाज चल रहा था, सोमवार की सुबह अस्पताल में ही उनका निधन हो गया।निधन के बाद राज्य सरकार ने 4 से 6 अगस्त, 2025 तक तीन दिनों का राजकीय शोक मनाने का फैसला किया है। बयान में यह भी बताया गया कि झारखंड की सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
शिबू सोरेन झारखंड के एक प्रमुख राजनेता और पूर्व मुख्यमंत्री थे। उनकी मृत्यु से पूरे झारखंड में शोक की लहर है। शिबू सोरेन एक सच्चे नेता थे। जिन्होंने अपने जीवन को झारखंड के लोगों की सेवा के लिए समर्पित किया।
शिबू सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की स्थापना की ओर झारखंड के विकास और आदिवासी समुदायों के अधिकारों के लिए काम किया। उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में कई बार कार्य किया और राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
शिबू सोरेन की राजनीतिक यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने सिद्धांतों पर कायम रहे। वे एक मजबूत नेता और आदिवासी समुदायों के हितों के रक्षक थे। उनकी मृत्यु से झारखंड की राजनीति में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है।
शिबू सोरेन के योगदान को झारखंड के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। वे एक सच्चे नेता थे जिन्होंने अपने जीवन को झारखंड के लोगों की सेवा के लिए समर्पित किया। उनकी विरासत को उनके परिवार और समर्थकों द्वारा आगे बढ़ाया जाएगा। झारखंड के लोग शिबू सोरेन को हमेशा एक सच्चे नेता और आदिवासी समुदायों के हितों के रक्षक के रूप में याद रखेंगे।
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