सरकार ने खाँसी की सिरप की बिक्री पर सख्ती करने का फैसला किया है, जिसमें फार्मासिस्ट डॉक्टर की पर्ची के बिना खाँसी की सिरप नहीं बेच पाएंगे। यह कदम बच्चों की मौतों के बाद उठाया गया है।
जल्द ही फार्मासिस्ट डॉक्टर की पर्ची के बिना खाँसी की सिरप नहीं बेच सकेंगे
भारत सरकार जल्द ही खाँसी की सिरप्स की बिक्री पर कड़ी पाबंदी लगाने जा रही है। इसके अंतर्गत फार्मासिस्ट अब बिना डॉक्टर की पर्ची के खाँसी की सिरप नहीं बेच सकेंगे। यह कदम पिछले सितंबर में खाँसी की दूषित सिरप से हुई बच्चों की मौतों के बाद उठाया गया है।
सरकार ने तीन खाँसी सिरप के ब्रांड को विषैला घोषित किया था, जिसके कारण काफी संख्या में बच्चों की मौत हुई। इस त्रासदी को देखते हुए दवाओं की बिक्री और उपयोग पर नियंत्रण सख्त करने का निर्णय लिया गया है।
नई नियमावली के तहत खाँसी की सिरप को नियंत्रित दवा माना जाएगा और इसे केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही उपलब्ध कराया जाएगा। फार्मासिस्टों के लिए यह आवश्यक होगा कि वे बिना डॉक्टर की रेसिपी के किसी को भी सिरप न बेचें।
इस कदम से न केवल दवाओं की सुरक्षित बिक्री सुनिश्चित होगी, बल्कि गलत दवा सेवन के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कम करने में भी मदद मिलेगी।
सरकार द्वारा लागू की जा रही यह नई पाबंदी भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली को अधिक सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
FAQs
- क्या खाँसी की सिरप अब बिना प्रिस्क्रिप्शन के खरीदना संभव होगा?
नहीं, डॉक्टर की पर्ची अनिवार्य होगी। - यह नियम क्यों बनाए जा रहे हैं?
खाँसी सिरपों से बच्चों की मौतों के कारण सुरक्षा बढ़ाने के लिए। - सरकार ने कौन से ब्रांड्स को विषैला घोषित किया था?
इस बारे में विस्तृत जानकारी अभी नहीं है। - फार्मासिस्टों के लिए क्या नियम होंगे?
बिना डॉक्टर की पर्ची वाले सिरप नहीं बेचना होगा। - इस कदम से स्वास्थ्य पर क्या असर होगा?
गलत दवाओं के प्रयोग में कमी आएगी और सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित होगा।
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