Gurpurab 2025 पर भारत के प्रमुख गुरुद्वारों में गुरु नानक जयंती को आध्यात्मिक रूप से मनाने के लिए श्रेष्ठ स्थानों की जानकारी।
Gurpurab 2025: गुरु नानक जयंती पर भारत के महान गुरुद्वारे
Gurpurab, जिसे गुरु नानक जयंती भी कहा जाता है, सिख धर्म का सबसे बड़ा और अत्यंत पावन पर्व है। यह पर्व गुरु नानक देव जी के जन्मदिन को श्रद्धा एवं भक्ति से मनाया जाता है। 2025 में यह पर्व 5 नवंबर को होगा, और देशभर के गुरुद्वारों में विशेष आयोजन होंगे।
1. स्वर्ण मंदिर (हरमंदिर साहिब), अमृतसर
देश का सबसे पवित्र सिख मंदिर, जहां गुरुपुरब के दिन हजारों दीपों से मनाया जाता है। यहां चौबीसों घंटे कीर्तन चलता रहता है और लंगर सेवा अनवरत जारी रहती है। स्वर्ण मंदिर की भव्य सजावट और समर्पित वातावरण से आध्यात्मिक शांति मिलती है।
2. गुरुद्वारा सिस गंज साहिब, दिल्ली
चांदनी चौक में स्थित यह गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। गुरु नानक जयंती पर यहां भी विस्तृत सजावट, कीर्तन, और लंगर सेवा होती है। यह जगह अपने ऐतिहासिक महत्व और आध्यात्मिक माहौल के लिए प्रसिद्ध है।
3. गुरुद्वारा बांगला साहेब, नई दिल्ली
दिल्ली के दिल में स्थित यह गुरुद्वारा शांति और भक्ति का प्रकाश स्तंभ है। इसके सुंदर सरोवर के कारण यह विशेष रूप से जाना जाता है। यहां गुरु नानक जयंती के दौरान विशेष कीर्तन और लंगर सेवा होती है जो गुरु नानक के संदेश को जीवित रखती है।
4. गुरुद्वारा पटना साहिब, बिहार
यह वह पवित्र स्थान है जहां गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म हुआ था। गुरु नानक देव जी की यात्राओं से जुड़ा यह गुरुद्वारा पूरे भारत से श्रद्धालुओं का आकर्षण केंद्र है। यहाँ शबाह यात्राएं और भक्ति संगीत के आयोजनों के साथ भक्तगण गुरु नानक को याद करते हैं।
5. गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब, उत्तराखंड
हिमालय की ऊँचाइयों में स्थित यह गुरुद्वारा सर्दियों में बंद रहता है लेकिन गर्मी के मौसम में यहां श्रद्धालु भारी संख्या में आते हैं। यह स्थान गुरु नानक की शिक्षाओं में सरलता और प्रकृति की दिव्यता का प्रतीक है।
गुरु नानक के शिक्षाओं का सारांश
गुरुपुरब केवल जयंती नहीं, बल्कि सत्य, सेवा, और मानवता का संदेश है। “नाम जपना”, “किरत करनी” और “वंद छकना” ये गुरु नानक की शिक्षाएं हैं, जो इस पावन दिन को और भी पुण्य बनाती हैं।
FAQs
- गुरु नानक जयंती कब मनाई जाएगी?
 
- Gurpurab 2025 में 5 नवंबर को मनाई जाएगी।
 
- कौन-कौन से प्रमुख गुरुद्वारे इस दिन विशेष आयोजन करते हैं?
 
- स्वर्ण मंदिर अमृतसर, बांगला साहिब दिल्ली, पटना साहिब, हेमकुंड साहिब आदि।
 
- गुरुपुरब का आध्यात्मिक महत्व क्या है?
 
- यह सत्य, सेवा और न्याय के प्रति समर्पण का पर्व है।
 
- क्या सभी गुरुद्वारों में लंगर सेवा होती है?
 
- हाँ, लंगर सेवा गुरुद्वारों का प्रमुख हिस्सा है, जो समानता और साझा भावना दर्शाता है।
 
- घर पर भी गुरुपुरब कैसे मनाएं?
 
- घर पर कीर्तन सुनें, गुरु नानक के उपदेश याद करें, और सेवा कार्य करें।
 
                                                                        
                            
                            
                                
				                
				            
						            
						            
						            
 
			        
 
			        
 
			        
 
			        
				            
				            
				            
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