केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को भारत के काले इतिहास का हिस्सा बताया और कांग्रेस पर हिंसा को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
हरदीप सिंह पूरी ने 1984 के दंगों को भारत के सबसे काले अध्याय कहा, कांग्रेस पर आरोप लगाया
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने हाल ही में 1984 के सिख विरोधी दंगों को भारत के स्वतंत्रता उत्तर इतिहास का सबसे काला अध्याय बताया है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उसके नेताओं ने निर्दोष सिख परिवारों को निशाना बनाने वाले हिंसक भीड़ का नेतृत्व किया और उन्हें संरक्षण दिया।
पूरी के मुख्य आरोप
- पूरी ने कहा कि helpless सिख पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को कांग्रेस नेताओं और उनके साथियों के नेतृत्व में भीड़ ने मार डाला।
- तब की पुलिस और राज्य प्रशासन ने भीड़ के हिंसक कृत्यों के सामने निष्क्रियता दिखाई और अधिकांश मामलों में वे ‘खामोश दर्शक’ बने रहे।
- उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का बयान ‘जब बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती कांपती है’ का हवाला देते हुए इसे नरसंहार के लिए खुला समर्थन बताया।
आयोग और रिपोर्ट
- पूरी ने नानावती आयोग की रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमें कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ठोस सबूत पाए गए कि उन्होंने दंगों को भड़काया।
- इसके बाद भी कई दोषियों को पार्टी टिकट और पद दिलाए गए।
व्यक्तिगत अनुभव
- Puri ने बताया कि वे उस समय जेनेवा में थे और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे।
- उनके माता-पिता हौज खास में रहते थे, जिन्हें एक हिन्दू मित्र ने हिंसा से बचाया था।
वर्तमान सरकार और विकास
- पूरी ने कहा कि आज भारत में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश “सबका साथ, सबका विकास” की नीति पर काम कर रहा है।
1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़ी प्रमुख बातें
| पहलू | विवरण | 
|---|---|
| भाजपा मंत्री का बयान | दंगे भारत के सबसे काले अध्याय, कांग्रेस पर आरोप | 
| नानावती आयोग की रिपोर्ट | कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ठोस सबूत | 
| पुलिस और प्रशासन की भूमिका | निष्क्रियता, ‘खामोश दर्शक’ होने का आरोप | 
| व्यक्तिगत अनुभव | पूरी के परिवार की जिंदगी को खतरा, हिन्दू मित्र से बचाव | 
| वर्तमान स्थिति | मोदी सरकार की अल्पसंख्यक सुरक्षा और विकास नीति | 
FAQs
- हारदीप सिंह पूरी ने 1984 के दंगों को कैसे बताया?
 — भारत के सबसे काले अध्याय के रूप में।
- उन्होंने किस पार्टी और नेताओं को दोषी ठहराया?
 — कांग्रेस और उसके नेताओं को।
- नानावती आयोग ने क्या पाया?
 — कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दंगे भड़काने के ठोस सबूत।
- पूरी का व्यक्तिगत अनुभव क्या है?
 — परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता, एक हिन्दू मित्र ने बचाया।
- वर्तमान सरकार की क्या भूमिका बताई?
 — अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और ‘सबका साथ, सबका विकास’ नीति।
 
                                                                         
                             
                             
                                 
				                
				             
						             
						             
						             
 
			         
 
			         
 
			         
				             
				             
				            
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