बच्चों में Cough Syrup के सुरक्षित और सही उपयोग के लिए नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जिसमें उम्र-आधारित खुराक और चिकित्सकीय देखरेख पर जोर है।
बच्चों की दवाइयों के सुरक्षित उपयोग के लिए सरकारी निर्देश:Cough Syrup
बच्चों में Cough Syrup के सुरक्षित उपयोग के लिए नई गाइडलाइंस
हाल ही में केरल के बाहर Cough Syrup के सेवन से हुई बच्चों की मौतों की भयावह घटनाओं के बाद, राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों में खांसी की दवाओं के उपयोग के लिए तकनीकी गाइडलाइंस जारी की हैं। इस गाइडलाइंस का उद्देश्य बच्चों के लिए दवाओं की सुरक्षित और प्रभावी खुराक सुनिश्चित करना, दवा के दुरुपयोग को रोकना, और सभी डॉक्टरों, फार्मासिस्टों व स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए समान प्रैक्टिस लागू करना है।
- उम्र और वजन के अनुसार ही खुराक निर्धारित की जाएगी; सभी बच्चों के लिए एक समान मात्रा का उपयोग न करें।
- केवल योग्य चिकित्सक द्वारा निर्धारित होने पर दवाइयां दी जानी चाहिए, ओवर-द-काउंटर या सेल्फ-मेडिकेशन से बचें।
- सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर वितरित किया गया सायरप मानक निर्माण प्रक्रिया का पालन करे, जिसमें हानिकारक प्रदूषकों जैसे एथिलीन ग्लाइकोल और डाइएथिलीन ग्लाइकोल का अभाव हो।
- दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कभी भी खांसी की दवा न दें।
- दो से पांच वर्ष के बच्चों में दवा देने से पहले विशेषज्ञ की जांच आवश्यक है।
- पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को भी दवा सावधानी से, कम मात्रा में, और सीमित अवधि के लिए ही दें।
- स्वयं दवा देना या बिना चिकित्सकीय आदेश के दवा लेना खतरनाक हो सकता है।
यदि खांसी बढ़ती है या गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
FAQs
Q1. कब तक बच्चों को खांसी की दवाएं नहीं देनी चाहिए?
A: दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दवाएं न दें।
Q2. क्या बच्चों के लिए दवा की खुराक अलग होती है?
A: हाँ, उम्र और वजन के हिसाब से निर्धारित की जाती है।
Q3. क्या बिना डॉक्टर की सलाह के दवा दे सकते हैं?
A: नहीं, हमेशा विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
Q4. खांसी के इलाज में दवाओं के बजाय क्या करें?
A: हाइड्रेशन, आराम, और नैसर्गिक उपचार प्राथमिकता होनी चाहिए।
Q5. क्या सभी स्वास्थ्य केंद्रों में दवाएं साफ-सुथरी होती हैं?
A: सरकार ने मानक और गुणवत्ता नियंत्रण कड़े कर दिए हैं।
Q6. बच्चे की खांसी ज्यादा बढ़ जाए तो क्या करें?
A: तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, खासकर जब बुखार, सांस लेने में दिक्कत हो।
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