गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी के दौरान आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने के लिए सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
जम्मू-कश्मीर में कड़ी सुरक्षा, गृह मंत्री Amit Shah ने दी बर्फबारी के दौरान आतंकवाद रोधी सतर्कता की हिदायत
सर्दियों के आगमन के साथ, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा बलों को कड़ी सतर्कता बरतने और बर्फबारी का आतंकियों द्वारा सीमा पार घुसपैठ के अभियान में कोई फायदा न उठाने देने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा, गृह सचिव, खुफिया ब्यूरो के निदेशक, सेना प्रमुख, पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
बैठक में गृह मंत्री को सरकारी और सैन्य अधिकारियों ने LoC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आतंकियों द्वारा हाल ही में घुसपैठ के प्रवृत्तियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूह शरद ऋतु से सर्दियों में धुंध, बर्फीले मौसम और पहाड़ी इलाकों की कठिन परिस्थितियों का फायदा उठाकर घुसपैठ की कोशिश करते हैं। उत्तर कश्मीर और पिर पंजाल पर्वतमाला के कई मार्गों पर भारी बर्फबारी हुई है, जिससे दृश्यता में कमी आई है और निगरानी कार्य भी जटिल हो गया है।
अमित शाह ने सेना, BSF और जम्मू-कश्मीर पुलिस को घुसपैठ की संभावित जगहों पर अपनी मौजूदगी मजबूत करने, तत्परता बढ़ाने और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने सरकार की ओर से इन गतिविधियों के समर्थन में सभी आवश्यक उपकरण और लॉजिस्टिक सहायता मुहैया कराने का भरोसा भी दिया। श्री शाह ने कहा है कि केंद्र सरकार आतंकवादमुक्त जम्मू-कश्मीर के लिए पूरी प्रतिबद्ध है। सुरक्षा एजेंसियों के सतत प्रयासों से पाक प्रायोजित आतंकवादी नेटवर्क को लगभग समाप्त कर दिया गया है।
गृह मंत्री ने हाल ही में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद उठाए गए सुरक्षा कदमों की भी सराहना की, जिन्होंने घाटी की सुरक्षा स्थिति में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने सभी एजेंसियों के बीच संपर्क और समन्वय की आवश्यकता पर बल देते हुए पूरे जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद मुक्त करने के लिए heightened vigilance जारी रखने की अपील की।
- सीमाओं पर विशेष निगरानी दल तैनात किए जाएंगे।
- मौसम की बिगड़ती स्थिति में हवाई और तकनीकी मॉनिटरिंग भी बढ़ाई जाएगी।
- स्थानीय प्रशासन और सेना के बीच तालमेल मजबूत किया जाएगा।
- एजेंसियों को नवीनतम खुफिया तकनीकों और हथियारों से लैस किया जाएगा।
- पाक-प्रायोजित आतंकवादी मॉड्यूल की पहचान कर उन्हें समय रहते निशाना बनाना।
- आम जनता के सहयोग से संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखना।
- आतंकियों के वित्त पोषण और आपूर्ति चैनलों को काटना।
- केंद्र सरकार का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को पूर्णतौर पर आतंक मुक्त बनाना है।
- तकनीकी और मानव संसाधन दोनों के मामले में सुरक्षा बलों को निरंतर सशक्त बनाना।
- “पूर्ण स्वतंत्रता” कार्रवाई के अधिकार के साथ सुरक्षा एजेंसियों को काम करना।
जम्मू-कश्मीर में सर्दियों के मौसम में बढ़ते खतरे को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को गंभीरता से अलर्ट रहने को कहा है। केंद्र सरकार की प्रबल इच्छा है कि कोई भी आतंकवादी या घुसपैठिया बर्फीले मौसम का फायदा न उठा सके। इसके लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों का एकजुट प्रयास और पूरी सतर्कता आवश्यक है।
FAQs
- अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा के लिए क्या निर्देश दिए?
- आतंकवादियों की बर्फीली इलाकों से घुसपैठ रोकने और सतर्कता बढ़ाने को कहा।
- किसके साथ बैठक हुई?
- जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल, सेना प्रमुख, गृह सचिव, पुलिस मुख्यालय और अन्य वरिष्ठ अधिकारी।
- घाटी में हाल ही में कौन सी घटना हुई थी?
- पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ था, जिसके बाद सुरक्षा सख्त की गई।
- किसे आतंकवादमुक्त जम्मू-कश्मीर बनाने का लक्ष्य बताया गया?
- केंद्र सरकार का गठित लक्ष्य है।
- सुरक्षा एजेंसियों को क्या सुविधा दी जाएगी?
- सभी आवश्यक उपकरण और लॉजिस्टिक समर्थन।
- घाटी में किस इलाके में अधिक खतरा है?
- LoC और पिर पंजाल पर्वतमाला के रास्ते, जहां सर्दियों में बर्फबारी होती है।
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