Toxic हवा से फेफड़ों को नुकसान, सांस की बीमारियों का बढ़ता खतरा, और बचाव के विशेषज्ञ उपायों पर विस्तार से जानकारी।
Toxic हवा से फेफड़ों को नुकसान और दीर्घकालीन श्वास संबंधी रोग
वर्तमान समय में राष्ट्रीय राजधानी सहित कई शहरों में हवा इतनी जहरीली हो गई है कि सांस लेना भी खतरनाक हो गया है। भारी प्रदूषण के कारण फेफड़ों को जो नुकसान हो रहा है, वह धीरे-धीरे और चुपचाप श्वास रोगों को बढ़ावा दे रहा है। विशेष रूप से जिन लोगों को पहले से ही क्रॉनिक रोग जैसे COPD (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) है, उनके लिए यह और अधिक खतरनाक होता जा रहा है।
प्रदूषित हवा और श्वास रोगों का संबंध
डॉक्टरों की रिपोर्ट बताती है कि बढ़ते प्रदूषण के कारण फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों में भारी वृद्धि हुई है। हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण (particulate matter) फेफड़ों के एल्विओली – जहां गैस विनिमय होता है – के दीवारों को नुकसान पहुंचाते हैं। ये छोटे कण खून में भी जाकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा देते हैं। इसके अलावा, प्रदूषित हवा अस्थमा, फेफड़ों की सूजन (पल्मोनरी फाइब्रोसिस), सिस्टिक फाइब्रोसिस और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर से भी जोड़ती है।
डॉ. अक्षय बुढ़राजा के अनुसार, “COPD से होने वाली 90% मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं, जहां वायु प्रदूषण अधिकतम स्तर पर होता है।” वे यह भी बताते हैं कि तात्कालिक प्रदूषण का भी मृत्यु दर पर गहरा असर होता है।
घर के अंदर हवा का प्रदूषण भी जोखिम में शामिल
घर के अंदर धूल, धुआं और फफूंदी जैसी चीजें भी वायु प्रदूषण की तरह फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती हैं। कई बार, इन प्रदूषकों का स्तर बाहर के प्रदूषण के बराबर या उससे भी अधिक होता है।
वायु प्रदूषण से बचाव के लिए चिकित्सकों के सुझाव
- प्रदूषण के उच्च स्तर वाले दिनों में बाहर जाने से बचें।
- घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- खिड़कियां और दरवाज़े अच्छी तरह से बंद रखें।
- नियमित टीकाकरण करवाएं।
- बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण से बचाने के लिए खास ध्यान दें।
डॉ. मनव मांचंदा के अनुसार, जल-जंगल की आग और अत्यधिक गर्मी (जो जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ रही है) श्वसन संबंधी समस्याओं को और खराब कर सकती हैं।
(FAQs)
प्रश्न 1: टॉक्सिक हवा से फेफड़ों को नुकसान के क्या प्रारंभिक लक्षण होते हैं?
उत्तर: खांसी, सांस में तकलीफ, सीटी जैसी आवाज़, छाती में दर्द और आंखों में जलन प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं।
प्रश्न 2: क्या घर के अंदर की हवा बाहर से खराब हो सकती है?
उत्तर: हाँ, घर के अंदर भी धूल, धुआं और फफूंदी वायु प्रदूषण जैसी हानिकारक होती हैं।
प्रश्न 3: जो लोग अस्थमा या COPD से पीड़ित हैं, उन्हें प्रदूषण से कैसे सावधान रहना चाहिए?
उत्तर: ऐसे लोग प्रदूषण वाले दिनों में घर पर रहें, दवाइयां नियमित लें और डॉक्टर से संपर्क में रहें।
प्रश्न 4: क्या प्रदूषण के अल्पकालिक संपर्क से भी दीर्घकालीन नुकसान हो सकता है?
उत्तर: हाँ, उच्च स्तर के प्रदूषण का छोटा समय का संपर्क भी फेफड़ों को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रश्न 5: प्रदूषित हवा से बचाव के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं?
उत्तर: प्रदूषण वाले दिनों में गतिविधि कम करें, एयर प्यूरीफायर लगाएं, और पर्यावरण की सफाई के लिए जागरूक रहें।
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