Amazon का विज्ञापन बजट लगातार बढ़ रहा है, जिससे कंपनी की विज्ञापन बाजार में हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। Amazon MX Player के करण बेदी के अनुसार इसका भविष्य उज्जवल है
Amazon की विज्ञापन-बजट में तेजी से बढ़ती हिस्सेदारी
भारत में डिजिटल विज्ञापन बाजार तेजी से बदल रहा है। पारंपरिक टीवी और प्रिंट माध्यमों से बजट हटकर अब ऑनलाइन प्लेटफार्मों में जा रहे हैं। इस बदलाव के बीच Amazon ने अपनी छवि सिर्फ ई-कॉमर्स कंपनी से हटाकर विज्ञापन प्लेटफॉर्म व ब्रांड पार्टनर के तौर पर मजबूती से आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। MX Player (Amazon का अधिग्रहीत स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म) के हेड Karan Bedi ने कहा है कि Amazon का विज्ञापन-बजट में हिस्सेदारी वास्तव में ‘तेजी से बढ़ती’ है।
क्या कह रहे हैं Karan Bedi?
Karan Bedi ने बताया कि Amazon के इकोसिस्टम — जिसमें MX Player, Amazon ई-कॉमर्स, और हाल में लॉन्च किया गया Prime Video ऐड्स शामिल हैं — में विज्ञापनदाताओं का पैसे लगा रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा:
“Amazon का इकोसिस्टम – चाहे MX हो, चाहे ई-कॉमर्स हो, चाहे Prime Video ऐड्स हों – विज्ञापनदाता-वॉलेट का हिस्सा बढ़ रहा है और यह गति वहीं बढ़ती जा रही है।”
इसका अर्थ सरल है: ब्रांड अब सिर्फ विज्ञापन प्लेट-फॉर्म की ओर नहीं देख रहे, बल्कि वो प्लेटफार्म चुन रहे हैं जहाँ यूजर समय बिताता है, और विज्ञापन का इम्पैक्ट दिखता है।
डिजिटल-विज्ञापन बाजार की तस्वीर
Bedi के मुताबिक, डिजिटल विज्ञापन बाजार में ऐसा मौका है जहाँ ब्रांड्स “देखने से खरीदारी” तक का सफर ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि:
- भारत का समग्र डिजिटल विज्ञापन आकार करीब ₹60,000 करोड़ है।
- इससे लगभग ₹25,000 करोड़ AVOD (Advertising Video-on-Demand) क्षेत्र में हैं — लगभग 35-40 प्रतिशत हिस्सा।
- YouTube इस AVOD बाजार का करीब दो-तिहाई हिस्सा ले चुका है (~₹14,000 करोड़) और बाकी स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म बाँट रहे हैं।
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म विज्ञापनदाताओं için अधिक आकर्षक होते जा रहे हैं — खासकर उन ब्रांड्स के लिए जो टेलिविजन से हटकर डिजिटल-टू-शॉपिंग कनेक्शन बनाना चाहते हैं।
Amazon की विज्ञापन रणनीति – किन बिंदुओं पर फोकस?
- सिंगल-इकोसिस्टम मॉडल — Amazon ने सिर्फ प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना नहीं छोड़ा, बल्कि उदाहरण के तौर पर कहा जा रहा है कि जब यूजर Amazon ऐप में आता है और शॉपिंग करता है, वहीँ कंटेंट देखने लगता है—अर्थात “व्यूइंग से शॉपिंग तक का सीधा रास्ता” खुलता है।
- ब्रांड्स-के लिए लिंक-शॉप अनुभव — ब्रांड्स ने देखा है कि MX Player या Amazon प्लेटफार्म पर एड चलने के बाद उत्पाद-पेज पर विजिट्स और खरीदारी बढ़ रही है। Bedi ने कहा कि FMCG या मोबाइल फोन लॉन्च जैसी श्रेणियों में यह ट्रेंड विशेष रूप से देखने को मिल रहा है।
- कनेक्टेड-टीवी (CTV) और मोबाइल समय में बदलाव — Amazon ने बताया है कि टीवी स्क्रीन पर देखने का समय बढ़ा है, मोबाइल पर भी प्लेटफॉर्म ने उपयोग-समय लगभग 20-25 मिनट से 50 मिनट तक बढ़ाया है।
ब्रांड्स और विज्ञापनदाताओं को क्या मतलब है?
- यदि आप मार्केटिंग-ब्रांड मैनेजर हैं, तो यह संकेत है कि डिजिटल-विज्ञापन बजट को पुनर्समीक्षा करने का वक्त है। Amazon जैसे इकोसिस्टम प्लेटफार्म अब सिर्फ “मीडिया प्लेस” नहीं, बल्कि शॉपिंग-ट्रिगर प्लेटफार्म्स बन गए हैं।
- विज्ञापन रणनीति में “देखने के बाद खरीदने” (view-to-shop) का लिंक मुख्य हो गया है। इसलिए प्लेटफार्म-चयन, मापन-मेट्रिक्स और विज्ञापन क्रिएटिव में इस बदलाव को ध्यान में रखना है।
- पारंपरिक मीडिया-सप्लिट (टीवी-प्रिंट) से डिजिटल-शिफ्ट इतना तेज है कि ब्रांड्स को लचीलापन और डेटा-सक्षम मंच चुनने होंगे। Amazon का इकोसिस्टम इस लिहाज़ से फायदेमंद दिखाई दे रहा है।
चुनौतियाँ और विचार-विनिमय
- जबकि Amazon का हिस्सा बढ़ रहा है, यह बहुत बड़ी चुनौती है कि मापन-मेट्रिक्स, विज्ञापन-दृष्टि (viewability), और ROI खुलकर समझे जाएँ।
- ब्रांड्स को यह ध्यान देना होगा कि “डिजिटल” सिर्फ प्लेटफार्म बदलने का नाम नहीं—यह यूजर-वर्ती अनुभव बदलने का नाम है। बिक्री-ट्रैकिंग, डेटा-इंटीग्रेशन और अभियान-प्रभाव को बेहतर बनाना होगा।
- तुलना करें कि क्या केवल दिखाई देना (impression) पर्याप्त है, या लंबे समय तक जुड़े रहने (engagement) और खरीदारी-संभवता (conversion) मायने रखती है। Amazon और MX Player इस मोर्चे पर कोशिश कर रहे हैं।
भारत में विज्ञापन बाजार तेजी से डिजिटल की ओर बढ़ रहा है, और इस परिवर्तन में Amazon-MX Player की भूमिका खास है। Karan Bedi के कथन से यह स्पष्ट होता है कि Amazon सिर्फ प्लेटफॉर्म बढ़ा नहीं रहा—वह वॉलेट-हिस्सेदारी (share of advertiser wallet) बढ़ा रहा है। यदि आप ब्रांड या मार्केटर हैं, तो यह वक्त है रणनीति-रेखा पुनर्मूल्यांकन का — क्योंकि विज्ञापन अब सिर्फ स्पॉट-या–शो नहीं, खरीदारी-सक्षम प्लेटफार्म बन गए हैं।
FAQs
1. विज्ञापन-वॉलेट हिस्सेदारी क्या है?
यह उस हिस्से को दर्शाती है जिसे विज्ञापनदाता अपने बजट में किसी-एक प्लेटफार्म या प्लेटफार्म समूह को देते हैं। Amazon का कहना है कि उनका हिस्सा बढ़ रहा है।
2. Amazon-MX Player क्यों आकर्षक हुआ विज्ञापनदाताओं के लिए?
क्योंकि यह सिर्फ कंटेंट देखने का प्लेटफार्म नहीं, बल्कि शॉपिंग-इंटीग्रेशन वाला प्लेटफार्म है — यूजर देखता है, क्लिक करता है, खरीद सकता है।
3. क्या यह सिर्फ भारत-के लिए है या वैश्विक ट्रेंड है?
हालाँकि यह लेख भारत-बाजार को दर्शा रहा है, लेकिन वैश्विक स्तर पर भी डिजिटल-विज्ञापन बढ़ रहा है और प्लेटफार्म-वॉलेट हिस्सेदारी बदल रही है।
4. पारंपरिक मीडिया-सप्लिट कैसे प्रभावित होगा?
ब्रांड्स को अब पारंपरिक टीवी-प्रिंट के बजट पर पुनर्विचार करना होगा क्योंकि डिजिटल-विज्ञापन प्रभाव व मापन-क्षमता के कारण तेजी से अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
5. एक छोटे या मिड-साइज़ ब्रांड को क्या कदम उठाने चाहिए?
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