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Mesomorph Body Type के लिए Perfect Workout

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Mesomorph Body Type के लिए संपूर्ण एक्सरसाइज गाइड। जानें इस बॉडी टाइप की पहचान, सही Workout प्लान, डाइट टिप्स और गलतियों से बचने के तरीके। मसल्स गेन और फैट लॉस दोनों के लिए रणनीति।

सही Workoutट और Diet से बनाएं आदर्श Body

Mesomorph Body Type Exercise Guide

सही वर्कआउट और डाइट से बनाएं आदर्श Body

क्या आपकी बॉडी नैचुरली एथलेटिक है? क्या आप आसानी से मसल्स बना लेते हैं लेकिन साथ ही आसानी से फैट भी जमा हो जाता है? अगर हां, तो संभावना है कि आपका बॉडी टाइप मेसोमॉर्फ है। विलियम शेल्डन द्वारा प्रस्तावित ‘सोमैटोटाइप’ थ्योरी के अनुसार, मेसोमॉर्फ बॉडी टाइप उन भाग्यशाली लोगों का होता है जिन्हें जिम जाने वालों का ‘आदर्श’ बॉडी टाइप माना जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें मेहनत नहीं करनी पड़ती। बल्कि, इसका मतलब है कि उन्हें अपने बॉडी टाइप के अनुसार एक सटीक रणनीति की जरूरत होती है ताकि वे अपने जेनेटिक फायदे को और भी बेहतर ढंग से उपयोग कर सकें। आज के इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि मेसोमॉर्फ बॉडी टाइप क्या है, इसकी पहचान कैसे करें और इसके लिए सबसे अच्छा वर्कआउट और डाइट प्लान क्या होना चाहिए।

Mesomorph Body Type क्या है? पहचान के लक्षण

मेसोमॉर्फ बॉडी टाइप को ‘एथलेटिक बिल्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। इस बॉडी टाइप के लोगों में नैचुरल तौर पर मसल्स बनाने की क्षमता अधिक होती है। उनका शरीर आनुपातिक होता है – चौड़े कंधे, पतली कमर और मजबूत हड्डियों का ढांचा।

  • शारीरिक लक्षण:
    • एथलेटिक बिल्ड: शरीर प्राकृतिक रूप से स्क्वायर और एथलेटिक दिखता है।
    • मध्यम हड्डियों का ढांचा: हड्डियां न ज्यादा बारीक और न ही ज्यादा मोटी।
    • आसानी से मसल्स गेन: थोड़ी सी भी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से मसल्स तेजी से बनती हैं।
    • आसानी से फैट गेन: अगर डाइट और एक्सरसाइज पर ध्यान न दिया जाए, तो फैट भी तेजी से जमा होता है, खासकर पेट के आसपास।
    • तेज मेटाबॉलिज्म: एक्टोमॉर्फ की तुलना में मेटाबॉलिज्म धीमा होता है लेकिन एंडोमॉर्फ से बेहतर।
    • शरीर का आकार: अगर देखा जाए तो उनका शरीर आमतौर पर ‘V’ शेप या ‘आयताकार’ (Rectangular) होता है।

मेसोमॉर्फ बॉडी टाइप के लिए वर्कआउट रणनीति: क्या करें, क्या न करें

मेसोमॉर्फ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वे स्ट्रेंथ और हाइपरट्रॉफी (मसल्स ग्रोथ) दोनों पर अच्छा रिस्पॉन्स देते हैं। लेकिन उनकी चुनौती फैट को कंट्रोल करना है। इसलिए उनके वर्कआउट में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियो का बैलेंस होना चाहिए।

  • वर्कआउट का प्रकार:
    • कंपाउंड एक्सरसाइज पर फोकस: मेसोमॉर्फ को ऐसी एक्सरसाइज करनी चाहिए जो एक साथ कई मसल्स ग्रुप काम करवाएं। जैसे – स्क्वाट्स, डेडलिफ्ट्स, बेंच प्रेस, शोल्डर प्रेस, पुल-अप्स, और रोव्स। यह एक्सरसाइज टेस्टोस्टेरोन और ग्रोथ हार्मोन को बढ़ावा देती हैं, जिससे मसल्स गेन तेज होता है।
    • HIIT (High-Intensity Interval Training): फैट बर्न करने और मसल्स को प्रिजर्व रखने के लिए HIIT कार्डियो सबसे बेहतरीन है। जैसे – 30 सेकंड स्प्रिंट और 30 सेकंड वॉक, इसे 15-20 मिनट तक दोहराना।
    • वेरिएशन जरूरी: मेसोमॉर्फ बॉडी जल्दी ही एक ही वर्कआउट रूटीन का अभ्यस्त हो जाती है। इसलिए हर 4-6 हफ्ते में अपने वर्कआउट में बदलाव करते रहें। एक्सरसाइज का ऑर्डर, रेप्स का पैटर्न (जैसे ड्रॉप सेट्स, सुपर सेट्स) या एक्सरसाइज ही बदल दें।
  • वर्कआउट की तीव्रता और आवृत्ति:
    • आवृत्ति: सप्ताह में 4-5 दिन वर्कआउट करना आदर्श है।
    • तीव्रता: भारी वजन के साथ कम रेप्स (6-12 रेप्स के 3-4 सेट) पर फोकस करें। फॉर्म सही रखना सबसे जरूरी है।

मेसोमॉर्फ बॉडी टाइप के लिए सैंपल वर्कआउट प्लान (सप्ताहिक)

यह एक सैंपल प्लान है जिसे आप अपनी सुविधा और जरूरत के हिसाब से एडजस्ट कर सकते हैं।

  • दिन 1: चेस्ट और ट्राइसेप्स
    • बारबेल बेंच प्रेस: 4 सेट x 8-10 रेप्स
    • इनक्लाइन डंबल प्रेस: 3 सेट x 10-12 रेप्स
    • केबल क्रॉसओवर: 3 सेट x 12-15 रेप्स
    • ट्राइसेप्स डिप्स: 3 सेट x फेल्योर तक
    • ट्राइसेप्स पुशडाउन: 3 सेट x 12 रेप्स
  • दिन 2: बैक और बाइसेप्स
    • डेडलिफ्ट: 4 सेट x 6-8 रेप्स
    • लैट पुलडाउन: 3 सेट x 10 रेप्स
    • बेंट ओवर बारबेल रो: 3 सेट x 8-10 रेप्स
    • सीटेड केबल रो: 3 सेट x 12 रेप्स
    • बारबेल कर्ल: 3 सेट x 10-12 रेप्स
  • दिन 3: लेग्स और शोल्डर
    • बारबेल स्क्वाट: 4 सेट x 8-10 रेप्स
    • लेग प्रेस: 3 सेट x 12-15 रेप्स
    • लंज: 3 सेट x 12 रेप्स (प्रति लेग)
    • सीटेड डंबल शोल्डर प्रेस: 4 सेट x 10 रेप्स
    • लैटरल रेज: 3 सेट x 12-15 रेप्स
  • दिन 4: आराम या एक्टिव रिकवरी
    • हल्की सैर, स्ट्रेचिंग या योग।
  • दिन 5: HIIT कार्डियो और कोर
    • HIIT: ट्रेडमिल पर 20 मिनट (30 सेकंड रन, 60 सेकंड वॉक)
    • कोर: प्लैंक, लेग रेज, रशियन ट्विस्ट – 3 सेट x 15-20 रेप्स

मेसोमॉर्फ बॉडी टाइप के लिए डाइट और न्यूट्रिशन गाइड

मेसोमॉर्फ के लिए डाइट उतनी ही अहम है जितनी एक्सरसाइज। गलत खान-पान से वे आसानी से फैट जमा कर सकते हैं।

  • मैक्रोन्यूट्रिएंट्स का बैलेंस:
    • प्रोटीन: मसल्स रिपेयर और ग्रोथ के लिए प्रोटीन जरूरी है। अपने वजन के प्रति किलो के हिसाब से 1.6 से 2.2 ग्राम प्रोटीन लें। स्रोत: चिकन ब्रेस्ट, फिश, अंडे, पनीर, दालें, व्हे प्रोटीन।
    • कार्बोहाइड्रेट: एनर्जी के लिए कार्ब्स जरूरी हैं, लेकिन सही कार्ब्स चुनें। कॉम्प्लेक्स कार्ब्स जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, होल व्हीट ब्रेड, शकरकंद को प्राथमिकता दें।
    • फैट: हेल्दी फैट्स हार्मोन प्रोडक्शन के लिए जरूरी हैं। एवोकाडो, नट्स, ऑलिव ऑयल, सीड्स जैसे स्रोतों से फैट लें।
  • कैलोरी इनटेक:
    • मसल्स गेन के लिए: अपनी मेन्टेनेंस कैलोरी से 300-500 कैलोरी ज्यादा लें।
    • फैट लॉस के लिए: अपनी मेन्टेनेंस कैलोरी से 300-500 कैलोरी कम लें।
    • ध्यान रहे, जब भी मसल्स गेन का टारगेट हो, तो कार्ब्स और प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में लें। फैट लॉस के दौरान कार्ब्स थोड़े कम और प्रोटीन हाई रखें।
  • भोजन की आवृत्ति: दिन में 4-5 बार छोटे-छोटे भोजन करने से मेटाबॉलिज्म एक्टिव रहता है और ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है।

मेसोमॉर्फ बॉडी टाइप के लिए सामान्य गलतियां और सुझाव

  • गलतियां:
    1. कार्डियो को नजरअंदाज करना: सिर्फ वेट ट्रेनिंग करना और कार्डियो न करने से फैट बढ़ सकता है।
    2. अति आत्मविश्वास: जेनेटिक फायदा होने के कारण वर्कआउट और डाइट में लापरवाही करना।
    3. पर्याप्त प्रोटीन न लेना: मसल्स गेन के लिए प्रोटीन सबसे जरूरी है।
    4. एक ही रूटीन को लंबे समय तक करते रहना: इससे बॉडी अडैप्ट हो जाती है और प्रोग्रेशन रुक जाता है।
  • सुझाव:
    1. पूरी नींद लें: मसल्स रिपेयर और ग्रोथ के लिए 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
    2. हाइड्रेटेड रहें: पानी मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखता है और परफॉर्मेंस बढ़ाता है।
    3. रिकवरी को महत्व दें: मसल्स जिम में नहीं, आराम के दौरान बनती हैं। ओवरट्रेनिंग से बचें।

Mesomorph Body Type वास्तव में एक तरह का जेनेटिक गिफ्ट है, लेकिन इसका सही इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। एक संतुलित वर्कआउट रूटीन जिसमें भारी वजन वाली कंपाउंड एक्सरसाइज और HIIT कार्डियो शामिल हो, के साथ ही एक उचित प्रोटीन युक्त डाइट आपको अपने फिटनेस गोल्स को हासिल करने में मदद करेगी। याद रखें, कोई भी बॉडी टाइप ‘परफेक्ट’ नहीं होता। मेसोमॉर्फ को भी मेहनत और अनुशासन की जरूरत होती है। अगर आप अपने शरीर की जरूरतों को समझते हैं और उसके अनुसार काम करते हैं, तो एक आकर्षक, मजबूत और स्वस्थ बॉडी बनाना आपके लिए बिल्कुल संभव है।


FAQs

1. क्या Mesomorph Body Type के लोगों को ज्यादा खाने की जरूरत होती है?
जवाब: मसल्स मेन्टेन करने और ग्रोथ के लिए उन्हें पर्याप्त कैलोरी की जरूरत होती है, लेकिन “ज्यादा” खाने की नहीं। उनका मेटाबॉलिज्म एवरेज होता है, इसलिए अगर वे जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेंगे, तो उनमें फैट जमा होने की संभावना भी अधिक होगी। संतुलित मैक्रोन्यूट्रिएंट्स के साथ कैलोरी कंट्रोल जरूरी है।

2. क्या मेसोमॉर्फ बॉडी टाइप के लिए बॉडीवेट एक्सरसाइज काफी हैं?
जवाब: शुरुआत में तो हैं, लेकिन लंबे समय में नहीं। मेसोमॉर्फ की मसल्स जल्दी ही बॉडीवेट एक्सरसाइज का अभ्यस्त हो जाती हैं। उन्हें प्रोग्रेसिव ओवरलोड (धीरे-धीरे वजन बढ़ाना) की जरूरत होती है, इसलिए वेट ट्रेनिंग उनके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होगी।

3. क्या मेसोमॉर्फ बॉडी टाइप वाली महिलाओं का वर्कआउट अलग होता है?
जवाब: बुनियादी तौर पर नहीं। महिलाओं और पुरुषों दोनों को कंपाउंड एक्सरसाइज और कार्डियो पर फोकस करना चाहिए। हां, महिलाओं में हार्मोनल अंतर के कारण मसल्स गेन की रफ्तार अलग हो सकती है, और उनके फिटनेस गोल्स (जैसे टोंड बॉडी) थोड़े अलग हो सकते हैं, लेकिन वर्कआउट का सिद्धांत वही रहता है।

4. अगर मैं मेसोमॉर्फ हूं तो क्या मुझे सप्लीमेंट्स लेने चाहिए?
जवाब: सबसे पहले अपनी डाइट से पोषण हासिल करने की कोशिश करें। अगर प्रोटीन की कमी है तो व्हे प्रोटीन एक अच्छा सप्लीमेंट है। क्रिएटिन भी स्ट्रेंथ और मसल्स गेन के लिए रिसर्च-बैक्ड सप्लीमेंट है। कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह जरूर लें।

5. मेसोमॉर्फ बॉडी टाइप के लिए फैट लॉस कितना आसान है?
जवाब: एंडोमॉर्फ की तुलना में मेसोमॉर्फ के लिए फैट लॉस आसान होता है क्योंकि उनकी मसल्स मास ज्यादा होती है, जिससे मेटाबॉलिज्म रेट बेहतर रहता है। हालांकि, अगर डाइट और कार्डियो पर ध्यान न दिया जाए, तो फैट कम होने की बजाय बढ़ भी सकता है। नियमित HIIT और कैलोरी डेफिसिट उनके लिए कारगर रहता है।

6. क्या बॉडी टाइप बदला जा सकता है?
जवाब: आप अपना बुनियादी सोमैटोटाइप (बॉडी टाइप) नहीं बदल सकते, क्योंकि यह आपके जीन्स में होता है। लेकिन, डाइट और एक्सरसाइज के जरिए आप अपने शरीर की बनावट और कंपोजिशन को बदल सकते हैं। एक मेसोमॉर्फ अपनी मसल्स बढ़ाकर और फैट घटाकर अपने जेनेटिक पोटेंशियल को मैक्सिमाइज कर सकता है।

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