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53 वर्ष बाद दिल्ली में क्लाउड सीडिंग ट्रायल, लेकिन बारिश का आना सफल नहीं

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Cloud seeding trials over Delhi to induce rain
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दिल्ली में 53 साल बाद क्लाउड सीडिंग ट्रायल किया गया, बारिश नहीं हुई लेकिन प्रदूषण स्तर में कुछ कमी देखी गई।

IIT कानपुर के सहयोग से दिल्ली में क्लाउड सीडिंग, बारिश के बिना ही प्रदूषण में कुछ कमी

53 वर्षों के अंतराल के बाद, दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में क्लाउड सीडिंग के ट्रायल का आयोजन किया ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके और कृत्रिम बारिश कर वातावरण को राहत दी जा सके। हालांकि, बारिश का कोई बड़ा असर नहीं हुआ, लेकिन प्रदूषण स्तर में थोड़ी कमी दर्ज की गई।

ट्रायल का विवरण

  • ट्रायल दिल्ली के बुराड़ी, करोल बाग, मयूर विहार और बदली जैसे इलाकों में IIT कानपुर के सहयोग से किया गया।
  • दो प्रक्षेपणों के दौरान सिल्वर आयोडाइड और सोडियम क्लोराइड के फ्लेयर्स को 4,000 से 6,000 फीट की ऊंचाई पर छोड़ा गया।
  • पहले प्रक्षेपण के बाद PM 2.5 स्तर में मयूर विहार, करोल बाग और बुराड़ी में 221, 230 और 229 से घटकर 207, 206 और 203 हो गया।

मौसम और परिणाम

  • हालांकि मौसम विभाग के अनुसार नमी के स्तर सिर्फ 10-15% थे, जो क्लाउड सीडिंग के लिए आदर्श नहीं।
  • नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मामूली बूंदाबांदी का रिकॉर्ड किया गया।
  • पर्यावरणविदों ने इसे अस्थायी समाधान माना और जमीनी स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण की जरूरत पर जोर दिया।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

  • आम आदमी पार्टी ने इस प्रयास की आलोचना करते हुए इसे “भगवान इन्द्र की चोरी” करार दिया।
  • भाजपा ने इस उपाय का स्वागत किया और प्रदूषण संकट से निपटने के प्रयासों की तारीफ की।

  • सरकार ने 9 से 10 और ट्रायल की योजना बनाई है, विशेष रूप से उन इलाकों में जहां हवा का रुख उत्तर की ओर है।
  • सफल होने पर, फरवरी तक क्लाउड सीडिंग को जारी रखते हुए प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक लंबी अवधि की योजना तैयार होगी।

दिल्ली में क्लाउड सीडिंग ट्रायल के बाद प्रदूषण स्तर में बदलाव

स्थानPM 2.5 (पहले)PM 2.5 (बाद में)PM 10 (पहले)PM 10 (बाद में)
मयूर विहार221207207177
करोल बाग230206206163
बुराड़ी229203209177

FAQs

  1. दिल्ली में क्लाउड सीडिंग ट्रायल कब हुआ?
    — अक्टूबर 28, 2025 को पहली बार 53 वर्षों के बाद।
  2. क्लाउड सीडिंग क्या है?
    — यह एक तकनीक है जिसमें वायुमंडल में रासायनिक पदार्थ छोड़कर कृत्रिम बारिश लाने का प्रयास किया जाता है।
  3. क्या दिल्ली में बारिश हुई?
    — नहीं, बारिश के कोई प्रभावशाली निशान नहीं मिले, लेकिन प्रदूषण में मामूली कमी आई।
  4. क्लाउड सीडिंग से प्रदूषण कम कैसे होता है?
    — बारिश से हवा में मौजूद प्रदूषक कण नीचे गिर जाते हैं जिससे प्रदूषण स्तर घटता है।
  5. क्या क्लाउड सीडिंग दीर्घकालिक समाधान है?
    — नहीं, यह अस्थायी है और प्रदूषण के मूल कारणों को रोकना अधिक आवश्यक है।

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