राँची। बीडी एंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर एवं नेता – अभिनेता इमरान खान अपनी पत्नी संग अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज़ का जियारत करने पहुंचे।कहा कि ऐसे मौके जीवन में बार – बार नहीं मिलते हैं।इससे काफी अच्छा महसूस कर रहा हूं।
उन्होंने बताया कि दरगाह शरीफ या अजमेर शरीफ़ एक सूफी संत, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का मकबरा है, जो 1192 में फारस से अजमेर आए थे। हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का विश्व के आध्यात्मिक चिकित्सकों में एक प्रमुख स्थान है। सफ़ेद संगमरमर से निर्मित इस दरगाह में 11 मेहराब हैं और पूरी इमारत में एक फ़ारसी शिलालेख अंकित है। इसमें एक संगमरमर का गुंबद है और अंदर स्थित वास्तविक मकबरा एक चाँदी के चबूतरे से घिरा हुआ है। संत की पुण्यतिथि पर हर साल लाखों श्रद्धालु इस मकबरे पर आते हैं।
हर धर्म, जाति और संप्रदाय के लोग यहाँ आते हैं और इस सूफी संत का आशीर्वाद पाने के लिए पारंपरिक “चादर” चढ़ाते हैं। ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह की “कव्वाली” का कोई मुकाबला नहीं है, जिसमें एक जादुई शक्ति है जो शायद ही किसी श्रोता को प्रभावित किए बिना रह पाती है। अपने धर्मार्थ कार्यों के कारण, इस दरगाह को आमतौर पर गरीब नवाज़, यानी गरीबों का उपकारक, के नाम से जाना जाता है।आगे उन्होंने कहा कि यहां आकर काफी अच्छा लगा।हर इंसान को एक बार यहां जरूर आना चाहिए।
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