भारत-अफगान बैठक में एस. जयशंकर ने सीमा पार आतंकवाद की साझा चुनौती और पाकिस्तान पर चिंता जताई, दोनों देशों के बीच सहयोग की जरूरत पर जोर दिया।
जयशंकर की चेतावनी: सीमा पार आतंक का जवाब जरूरी, अफगानिस्तान ने भी दिया साथ
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के तालिबान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताक़ी के साथ बैठक में सीमा पार आतंकवाद के खतरे और पाकिस्तान की भूमिका पर कड़ी चेतावनी दी। जयशंकर ने कहा, “हम दोनों देशों की समृद्धि और विकास के साझा संकल्प हैं, परंतु इनपर सबसे बड़ा ख़तरा सीमा पार आतंकवाद के कारण मंडरा रहा है। इस चुनौती से निपटने के लिए हमें मिलकर हर प्रकार के आतंकवाद का मुकाबला करना होगा।”
जयशंकर ने आगे कहा कि भारत को अफगानिस्तान की सुरक्षा संवेदनशीलता की समझ की सराहना है, खासतौर पर हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद अफगानिस्तान द्वारा दिखाई गई एकजुटता उल्लेखनीय है। उन्होंने सभी रूपों में आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग और संवाद पर जोर दिया।
भारत लंबे समय से पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंक के विरुद्ध वैश्विक चेतावनी देता रहा है। भारत ने कश्मीर, पंजाब और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकी हमलों में पाकिस्तान की भूमिका उजागर की है और दखल देने की मांग उठाई है। अफगानिस्तान और भारत दोनों अपनी सीमाओं पर लगातार आतंकी गतिविधियों का सामना कर रहे हैं, जिनमें आतंकी संगठन अपनी पनाहगाह पाकिस्तान सीमा के करीब बनाते हैं। (स्रोत: Ministry of External Affairs, UN reports)
आतंकवाद पर सहयोग और रणनीति
- बैठक का मूल फोकस सीमा पार से संचालित आतंकवाद का मुकाबला और सुरक्षा में व्यापक सहयोग था।
- दोनों देशों ने आतंक के खिलाफ ‘zero tolerance’ नीति और साझा इंटेलिजेंस रणनीति अपनाने पर जोर दिया।
- कश्मीर, अफगानिस्तान व क्षेत्रीय स्थिरता के प्रश्न पर भारत ने अफगानिस्तान से सतर्क सहयोग की अपेक्षा जताई।
भारत-अफगान सेक्युरिटी
- अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के जरिए होने वाले संभावित आतंकी गतिविधियों की निगरानी और रिपोर्टिंग का भरोसा दिया।
- दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों ने सूचनाओं के साझा तंत्र को मजबूत करने का आश्वासन दिया।
- भारत ने अफगानिस्तान में बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा, भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और ट्रांजिट गलियारों पर विशेष चर्चा की।
पाकिस्तान पर भारत का संदेश
- भारत ने आक्रामक रुख अपनाते हुए आतंक के हर स्वरूप में कठोर जवाब देने की नीति दोहराई।
- दक्षिण एशिया में शांति और विकास के लिए आतंकवाद को जड़ से मिटाना आवश्यक है।
- आतंकवादी हमलों के केंद्रीय बिंदु के तौर पर पाकिस्तान की तरफ दुनिया का ध्यान आकर्षित किया गया। (स्रोत: UN Security Council, MEA briefings)
एस. जयशंकर की यह वार्ता भारत की सख्त आतंकवाद विरोधी नीति और अफगानिस्तान के साथ सुरक्षा सहयोग को और मज़बूत करने की दिशा में अहम कदम है। भारत ने साफ कर दिया है कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है, और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और साझा कार्यवाही ही स्थाई शांति की गारंटी है।
FAQs
- जयशंकर ने अफगान विदेश मंत्री के साथ मुख्यतः किन मुद्दों पर चर्चा की?
- पाकिस्तान का नाम क्यों आया?
- अफगानिस्तान ने भारत को किस तरह का आश्वासन दिया?
- पहलगाम आतंकी हमले पर अफगानिस्तान का क्या रुख था?
- क्या भारत और अफगानिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल है?
- दोनों सरकारों ने सूचनाएं साझा करने और इंटेलिजेंस सहयोग पर सहमति जताई है।
- भारत की आतंकवाद पर नीति क्या है?
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