2020 के गलवान संघर्ष के बाद 5 वर्षों के ठहराव के बाद भारत ने चीन के नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा जारी करना फिर से शुरू किया है।
भारत-चीन संबंधों में सुधार: पर्यटक वीजा जारी करने में फिर से शुरुआत
5 साल के ठहराव के बाद भारत ने चीन के नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा फिर से खोला
भारत ने गलवान संघर्ष के बाद पिछले पांच सालों से ठहरे चीन के नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा जारी करने की प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया है। यह फैसला भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
वीजा जारी करने का पुनः आरंभ
इस साल जनवरी में दोनों देशों के बीच हुए समझौते के बाद भारत ने चीन के लिए सीधे जहाजों की उड़ानें भी फिर से शुरू की हैं। जुलाई में जारी आदेश के बाद सितंबर-अक्टूबर में पर्यटक वीजा जारी करने के संकेत मिले थे और अब यह प्रक्रिया दुनियाभर के चीनी नागरिकों के लिए शुरू हो गई है।
अखिल भारतीय और क्षेत्रीय कूटनीति
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अप्रैल में दोनों देशों के 75 साल के कूटनीतिक रिश्तों के अवसर पर शुभकामनाएं साझा कीं। इसके बाद जुलाई में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीजिंग दौरा किया, और अगस्त में चीनी विदेश मंत्री वांग यी नई दिल्ली आए, जिसने दोनों देशों के बीच सकारात्मक संचार स्थापित किया।
पर्यटन और आर्थिक प्रभाव
पर्यटक वीजा खुलने से दोनों देशों के बीच लोगों के आवागमन और व्यापारिक संबंध बढ़ेंगे। विशेष रूप से इससे भारत के पर्यटन क्षेत्र को भी फायदा मिलने की उम्मीद है। 10 नवंबर को दिल्ली से शंघाई के लिए सीधी उड़ानें भी शुरू हुईं।
FAQs:
- भारत ने चीन के नागरिकों के लिए पर्यटक वीजा कब से फिर शुरू किया?
उत्तर: नवंबर 2025 में। - भारत-चीन के बीच वीजा ठहराव कब क्यों हुआ था?
उत्तर: 2020 में गलवान संघर्ष के कारण। - दोनों देशों के बीच हाल ही में किस तरह के कूटनीतिक संपर्क हुए?
उत्तर: दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच उच्चस्तरीय बैठकें। - पर्यटक वीजा खोलने से क्या प्रभाव पड़ेंगे?
उत्तर: व्यापार, पर्यटन और लोग-to-लोग संपर्क बढ़ेंगे। - भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें कब शुरू हुईं?
उत्तर: 10 नवंबर 2025 को।
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