भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के आतंकवाद को ‘वैश्विक आतंकवाद का केंद्र’ बताया और उसकी ‘दोहरी नीति’ और आतंकवाद को राजनीतिक बहाने के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिशों की कड़ी निंदा की।
भारत ने शर्मसार किया पाकिस्तान का दोहरा चरित्र, कहा आतंकवाद कोई बहाना नहीं
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की आतंकवाद को लेकर दोहरी नीति पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को ‘आज़ादी की लड़ाई’ बताकर उसे जायज ठहराने का प्रयास कर रहा है, जबकि वास्तव में यह देश वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति के सत्र के दौरान, पाकिस्तान के प्रतिनिधि मोहम्मद जवाद अजमल ने कहा कि भारत पर हमला करने वाले ‘स्वतंत्रता सेनानी’ हैं, जो विदेशी अधिपत्य के विरुद्ध लड़ रहे हैं। इस दावे को भारत के पहले सचिव रघु पुरी ने फटकार लगाते हुए खारिज किया।
पुरी ने कहा, “ आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर अपराधों में से एक है। यह कट्टरता, हिंसा, असहिष्णुता और भय का प्रतिनिधित्व करता है। आतंकवादी मानव जाति के सबसे भयंकर अपराधी हैं।” उन्होंने पाकिस्तान की दोहरी नीति और आतंकवादी गतिविधियों में उसकी भूमिका को उजागर किया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कानूनों को तोड़ रहा है और कोई भी राजनीतिक, धार्मिक या वैचारिक प्रपंच आतंकवाद को जायज नहीं ठहरा सकता। पुरी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की यह दलील कि उसे इस्लामोफ़ोबिया के आडंबर में निशाना बनाया जा रहा है, ठीक नहीं है और यह आतंकवाद की अपनी करतूतों को छुपाने की कोशिश है।
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद मानवता के सबसे बड़े खतरे में से एक है और उसके समर्थक देशों को मानवाधिकार उल्लंघन के लिए जिम्मेदार माना जाएगा।
FAQs
- भारत ने पाकिस्तान पर किस आरोप लगाया है?
आतंकवाद को राजनीतिक बहाने में छुपाने और वैश्विक आतंकवाद का केंद्र होने का आरोप। - पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में क्या दावा किया?
कि भारत पर हमला करने वाले ‘स्वतंत्रता सेनानी’ हैं जो विदेशी अधिपत्य के खिलाफ लड़ रहे हैं। - भारत ने आतंकवाद को कैसे वर्णित किया?
मानवता के लिए सबसे गंभीर अपराध जिसमें हिंसा और असहिष्णुता शामिल है। - पाकिस्तान को इस्लामोफ़ोबिया का आडंबर लगाने का भारत का क्या जवाब है?
भारत ने इसे आतंकवाद को छुपाने के लिए एक फिज़ूल कोशिश बताया। - संयुक्त राष्ट्र में इस विवाद का क्या परिणाम हो सकता है?
वैश्विक समुदाय में पाकिस्तान की छवि प्रभावित होगी और आतंकवाद के खिलाफ चर्चा तेज़ होगी।
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